Olympic medalist Sakshi Malik : भारतीय कुश्ती संघ में अपने दबदबे का नारा लगाने वाले पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह और मौजूदा प्रधान संजय सिंह के खिलाफ मोर्चा खोलने वाली पूर्व पहलवान साक्षी मलिक ने बड़ा दिया है। साक्षी मलिक का कहना है कि वह भारतीय कुश्ती संघ (डब्ल्यूएफआई) की अध्यक्ष बनना चाहती हैं।
मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो साक्षी मलिक ने एक साक्षात्कार के दौरान कहा कि पहले मैं डरती थी कि अगर मैं भारतीय कुश्ती संघ की अध्यक्ष बनने को लेकर सोचूंगी तो लोग आरोप लगाएंगे। वह कहेंगे कि ये लोग इसलिए ही विरोध कर रहे थे, क्योंकि यह संघ पर अपना कब्जा चाहते हैं। ओलंपिक पदक विजेता पहलवान साक्षी मलिक ने एक साक्षात्कार में बताया कि उन्हें मौका मिला तो वह जरूर कुश्ती संघ को संभालना चाहेंगी। हालांकि आम चुनाव लड़ने को लेकर उन्होंने पूरी तरह से इनकार कर दिया।

साक्षी मलिक का कहना है कि अब वह भारतीय कुश्ती संघ की अध्यक्ष बनने को तैयार है। उन्होंने कहा कि वह अध्यक्ष क्यों नहीं बन सकती। वह अनुभवी होने के साथ पढ़ी-लिखी भी हैं। ऐसे में वह कुश्ती संघ को क्यों नहीं संभाल सकती। साक्षी मलिक ने कहा कि उन्हें मौका मिला तो वह जरूर कुश्ती संघ को संभालना चाहेंगी। हालांकि साक्षी ने आम चुनाव लड़ने को लेकर उन्होंने पूरी तरह से इनकार कर दिया।

साक्षी ने कहा कि अध्यक्ष बनने पर कई बदलाव करेंगी। उन्होंने कहा कि हमारे समय में सीधे तौर पर स्पॉन्सर्स भी नहीं मिलते थे। पहले संघ के पास जाओ, वो आधा पैसा खाएंगे। फिर कुछ हम तक पहुंचे तो पहुंचे, ऐसे में बच्चे आगे कैसे बढ़ पाएंगे। मेडल जीतने के बाद तो खिलाड़ी अपना सब कर लेता है, लेकिन फंड उन तक पहुंचना चाहिए। उन्होंने कहा कि जो बच्चे गांव और अपने अखाड़ों में कुश्ती कर रहे हैं, तो मैं उस पर काम करूंगी।

साक्षी मलिक का कहना है कि कुछ लोग डब्ल्यूएफआई पर कब्जा चाहते हैं, लेकिन अब मैं कहूंगी कि हां मैं क्यों नहीं बन सकती। मैं अनुभवी हूं, मुझे जानकारी है और पढ़ी-लिखी भी हूं। मैं अपने कुश्ती संघ को क्यों नहीं संभाल सकती। गौरतलब है कि साक्षी मलिक पिछले एक साल से अपने साथी पहलवानों विनेश फोगाट और बजरंग पूनिया के साथ यौन उत्पीड़न मामले में अभियुक्त बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ संघर्षरत थी। उनकी मांग थी कि भारतीय कुश्ती संघ से बृजभूषण शरण सिंह या उनके सहयोगियों को दूर रख कर मामले की जांच करवाई जाए, लेकिन दिसंबर 2023 में हुए चुनाव में बृजभूषण शरण सिंह के खेमे के संजय सिंह को नया अध्यक्ष चुना गया था। इसके तुरंत बाद साक्षी ने पत्रकारों से बातचीत के दौरान हमेशा के लिए कुश्ती छोड़ने का ऐलान कर दिया था।

बता दें कि यह एक ऐसा कदम था, जो शायद ही कभी भारत के इतिहास में देखने को मिला हो, इसलिए कई लोगों को उम्मीद है कि साक्षी वापस कुश्ती की ओर लौटेंगी, लेकिन साक्षी ने वापसी करने से इनकार कर दिया। उनका कहना है कि वह ऐसे माहौल में नहीं खेल सकतीं, जहां अब भी वह लोग मौजूद हैं, जिन पर इतने गंभीर आरोप लगे हैं इसके अलावा पिछले एक साल से हम संघर्ष कर रहे हैं। हम ट्रेनिंग नहीं कर पाए हैं, डाइट नहीं है और मानसिक तनाव है। अपनी बात रखने के लिए कभी यहां और कभी वहां जा रहे हैं।

साक्षी मलिक का कहना है कि सरकार ने उन्हें आश्वासन दिया हुआ था कि बृजभूषण शरण सिंह का कोई आदमी संघ का अध्यक्ष नहीं बनेगा, लेकिन जब फैसला आया तो मन बहुत उदास हुआ। उन्हें लगा कि इतनी लड़ाई लड़ने का भी कोई फायदा नहीं हुआ। इसलिए उन्होंने सोचा कि इस सिस्टम में रहकर वह कुश्ती नहीं कर सकती। हालांकि उन्हें अब भी सरकार से उम्मीद बाकी है।

वहीं भारतीय कुश्ती संघ के चुनाव के नतीजे के अगले दिन खेल मंत्रालय ने चयनित फैडरेशन को सस्पेंड कर दिया था, लेकिन गत 26 फरवरी को सस्पेंड किए जा चुके भारतीय कुश्ती संघ ने सीनियर एशियन रेसलिंग चैंपियनशिप 2024 और एशियन ओलंपिक गेम्स क्वालीफायर के ट्रायल करवाने को लेकर एक सर्कुलर जारी कर दिया। इसके खिलाफ साक्षी मलिक, विनेश फ़ोगाट और बजरंग पूनिया ने दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दायर की। जिस पर हाईकोर्ट ने कल ही वीरवार (7 मार्च) को फैसला सुनाया कि ट्रायल सिर्फ एड-हॉक कमेटी ही करेगी। उधर संजय सिंह के वकील ने कोर्ट को बताया कि वह अपना सर्कुलर वापस ले रहे हैं।