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WFI Election : बृजभूषण के करीबी Sanjay Singh के सिर WFI के नए अध्यक्ष का ताज, हरियाणा की पहलवान Anita Sheoran को दी मात

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Indian Wrestling Association Elections : भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के हुए वीरवार को चुनाव में उत्तरप्रदेश के संजय सिंह के सिर नए अध्यक्ष का ताज सजा है। संजय सिंह ने चुनावी दंगल में हरियाणा की बेटी और कॉमनवेल्थ गेम्स की स्वर्ण पदक विजेता अनीता श्योराण को मात दी है। उत्तरप्रदेश के संजय सिंह डब्ल्यूएफआई के पूर्व अध्यक्ष एवं भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह के करीबी माने जाते हैं। वह पिछली महासंघ की कमेटी में संयुक्त सचिव भी रहे। बृजभूषण पहले ही संजय सिंह की जीत को लेकर भरोसा जता चुके थे।

हरियाणा के खिलाड़ियों ने उत्पीड़न मामले में बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ दिल्ली के प्रेस क्लब ऑफ इंडिया में प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलाई है। इसकी जानकारी महिला पहलवान विनेश फोगाट की ओर से सोशल मीडिया प्लेटफार्म के एक्स पर दी गई थी। हालांकि अभी तक प्रेस कॉन्फ्रेंस का एजेंडा नहीं बताया गया है। माना जा रहा है कि पहलवान डब्ल्यूएफआई के नए अध्यक्ष का भी विरोध कर सकते हैं। वहीं कुश्ती महासंघ के चुनाव से पहले बृजभूषण का कहना था कि आज 11 महीने बाद चुनाव हो रहे हैं। संजय सिंह को पुराने महासंघ का प्रतिनिधि माना जा सकता है। संजय सिंह का चुनाव जीतना तय हैं। वह उनसे जल्द अनुकूल खेल माहौल बनाने और किसी भी नुकसान की भरपाई करने के लिए आग्रह करते हैं। वहीं अध्यक्ष के चुनाव में कुल 47 वोट डले। इनमें से संजय सिंह को 40 और अनीता श्योराण को केवल 7 वोट मिले। 40 वोट हासिल करने के बाद संजय सिंह को अध्यक्ष नियुक्त किया गया।

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गौरतलब है कि संजय सिंह डब्ल्यूएफआई की पिछली कार्यकारी परिषद का हिस्सा थे। वह वर्ष 2019 से राष्ट्रीय महासंघ के संयुक्त सचिव भी रहे। दूसरी तरफ अनीता श्योराण की बात करें तो देश के शीर्ष पहलवानों का समर्थन हासिल करने वाले हरियाणा की छोरी ने बृजभूषण पर महिला पहलवानों के यौन उत्पीड़न करने का आरोप लगाया था। अनीता श्योराण ओलंपिक पदक विजेता बजरंग पूनिया, साक्षी मलिक और विश्व चैंपियनशिप की पदक विजेता विनेश फोगाट सहित कई शीर्ष पहलवानों के साथ जंतर-मंतर पर बृजभूषण के खिलाफ धरना प्रदर्शन में शामिल रही।

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अनीता ने बृजभूषण के परिवार या किसी सहयोगी को चुनाव में उतरने की अनुमति नहीं देने की मांग भी की थी। जिस पर बृजभूषण का कहना था कि कहे अनुसार वह अपने परिवार को चुनाव में शामिल नहीं करेंगे। इसके बाद उन्होंने चुनाव के लिए अपने पारिवारिक किसी सदस्य को आगे नहीं आने दिया। अब उनके करीबी संजय सिंह ने डब्ल्यूएफआई के अध्यक्ष पद के लिए हुए चुनाव में अपनी जीत दर्ज करवाई है।

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गौरतलब है कि पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने 11 अगस्त को डब्ल्यूएफआई के चुनाव पर रोक लगा दी थी। ऐसे में 12 अगस्त को होने वाले चुनाव रूक गए थे। इसके बाद हाईकोर्ट की ओर से चुनाव पर लगाई गई रोक को हटा दिया गया और फिर से चुनाव की घोषणा की गई।

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कई रूकावटों के बाद भारतीय कुश्ती संघ (डब्ल्यूएफआई) के अध्यक्ष पद का चुनाव आज करवाया गया। इसके लिए मैदान में दो दावेदार थे। एक दावेदार विवादों में रहे बृजभूषण शरण सिंह खेमे की ओर से संजय सिंह, जो बृजभूषण के करीबी हैं। वहीं दूसरी प्रधान पद की दावेदार पहलवान अनीता श्योराण थी। अनीता कॉमनवेल्थ गेम में स्वर्ण पदक विजेता है, जिन्हें पहलवानों का समर्थन भी है। इतना ही नहीं, अनीता श्योराण बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ हुए आंदोलन का हिस्सा भी हैं।

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बबलू नाम से मशहूर है डब्ल्यूएफआई के नए अध्यक्ष संजय सिंह

डब्ल्यूएफआई के अध्यक्ष चुने गए संजय सिंह को बबलू नाम से भी जाना जाता है। संजय सिंह मूल रूप से उत्तरप्रदेश के चंदौली के गांव झांसी के रहने वाले हैं। बताया जा रहा है कि संजय सिंह के पिता और दादा दंगल कराया करते थे। इस वजह से संजय सिंह भी कुश्ती में हमेशा काम करते रहे। वह राष्ट्रीय कुश्ती संघ और उत्तर प्रदेश के कुश्ती संघ दोनों में पदाधिकारी रहे हैं। वर्ष 2019 में उन्हें भारतीय कुश्ती संघ की कार्यकारी कमेटी में संयुक्त सचिव चुना गया था। वह डब्ल्यूएफआई की पिछली कार्यकारी परिषद का हिस्सा भी रहे।

मीडिया रिपोर्ट की मानें तो संजय सिंह वर्ष 2008 में वाराणसी कुश्ती संघ के जिलाध्यक्ष चुने गए। वर्ष 2009 में उत्तर प्रदेश कुश्ती संघ बना तो बृजभूषण शरण सिंह प्रदेश अध्यक्ष बने और संजय सिंह को उपाध्यक्ष चुना गया, इसलिए संजय सिंह बृजभूषण शरण सिंह के करीबी सहयोगी रहे हैं। बीबीसी की एक रिपोर्ट में संजय सिंह खुद कहते हैं कि बृजभूषण शरण सिंह और उनके पारिवारिक ताल्लुकात हैं। वह दोनों पिछले तीन दशक से एक-दूसरे के साथ काम कर रहे हैं।

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बता दें कि अध्यक्ष पद के लिए जम्मू कश्मीर के दुष्यंत शर्मा और दिल्ली कुश्ती संघ के जयप्रकाश पहलवान ने अपना नाम वापस ले लिया था। अब अध्यक्ष पद के लिए उत्तर प्रदेश कुश्ती संघ के उपाध्यक्ष संजय सिंह का सामना राष्ट्रमंडल खेलों की पूर्व स्वर्ण पदक विजेता अनीता श्योराण से होगा। अनीता को देश के शीर्ष पहलवानों का समर्थन हासिल है, जिन्होंने बृजभूषण पर अपने कार्यकाल के दौरान महिला पहलवानों के कथित उत्पीड़न का आरोप लगाया था।

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अनीता श्योराण यौन उत्पीड़न के मामले में प्रमुख गवाहों में से एक, हरियाणा से हैं संबंध

यूपी एसोसिएशन के उपाध्यक्ष संजय निवर्तमान डब्ल्यूएफआई प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह के करीबी हैं तो वहीं अनीता श्योराण डब्ल्यूएफआई के अध्यक्ष पद का चुनाव लड़ने वाली अकेली महिला थी। अनीता ने ओडिशा इकाई के प्रतिनिधि के रूप में अपना नामांकन दाखिल किया। बता दें कि अनीता श्योराण हरियाणा से संबंध रखती हैं और राज्य पुलिस में कार्यरत हैं। इतना ही नहीं, अनीता श्योराण भाजपा सांसद और भारतीय कुश्ती महासंघ के निवर्तमान अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ यौन उत्पीड़न मामले में प्रमुख गवाहों में से एक पहलवान है। जिन्होंने महासंघ के चुनावी दंगल में ताल ठोंकी है।

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बताया जाता है कि अनीता श्योराण अगर इस पद के लिए चुनी जाती हैं तो वह बृजभूषण शरण सिंह की जगह लेंगी। अनीता ने नामांकन दाखिल करने के अंतिम दिन अध्यक्ष पद के लिए अपना नामांकन दाखिल किया था। डब्ल्यूएफआई के अध्यक्ष पद के लिए 12 अगस्त को मतदान होना था। जिस पर रोक लगा दी गई। ऐसे में अगर वह आज चुनाव जीत जाती हैं तो भारतीय कुश्ती महासंघ की पहली महिला अध्यक्ष होंगी। उन्होंने वर्ष 2010 में नई दिल्ली राष्ट्रमंडल खेलों में स्वर्ण पदक जीता था।

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डब्ल्यूएफआई चुनाव के लिए 50 सदस्यीय मतदाताओं और उम्मीदवारों की सूची में 38 वर्षीय अनीता एकमात्र महिला हैं। उनका मुकाबला बाहुबली माने जाने वाले बृजभूषण शरण के खेमे के उत्तर प्रदेश के संजय सिंह से होने जा रहा है। बता दें कि कॉमनवेल्थ गेम्स में स्वर्ण पदक जीतने वाली अनीता श्योराण ने मीडिया को बताया था कि शिकायतकर्ताओं में से एक ने उन्हें इस घटना की जानकारी दी थी। बृजभूषण शरण सिंह ने कथित तौर पर शिकायतकर्ता को होटल के अपने रूम में बुलाया था और जबरदस्ती गले लगाया था।

बता दें कि पहलवान अनीता मूलरुप से भिवानी के गांव ढाणीमाहू की रहने वाली हैं। उनका विवाह मूलरुप से गोहाना के रहने वाले नवीन कुमार से हुआ है। विवाह के बाद से अनीता अपने पति नवीन के साथ करनाल में रह रही है। अनीता के पिता दिलीप सिंह पेशे से किसान हैं और मां सतोष एक गृहिणी हैं। पहलवानी के लिए अनीता को प्रोत्साहित करने में उनके माता-पिता की अहम भूमिका रही। इसके बाद अनीता श्योराण ने अनेक उपलब्धियां हासिल की। उन्होंने वर्ष 2005 के कॉमनवेल्थ खेल में कांस्य पदक, इसी साल दक्षिण अफ्रीका के सेंचुरी कप में रजत पदक, वर्ष 2008 में दक्षिण कोरिया एशियन सीनियर कुश्ती चैंपियनशिप में कांस्य पदक, वर्ष 2009 में जालंधर कॉमनवेल्थ सीनियर वूमेन में रजत पदक, वर्ष 2010 के दिल्ली कॉमनवेल्थ में स्वर्ण पदक और नेशनल लेवल की कई चैंपियनशिप प्रतियोगिताओं में 8 स्वर्ण पदक अपने नाम किए हैं।