Delhi Liquor Scam Case : दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को हाईकोर्ट ने मंगलवार को राहत देने से इनकार कर दिया। बता दें कि मुख्यमंत्री केजरीवाल ने आबकारी नीति मामले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग केस में अपनी गिरफ्तारी को चुनौती दी थी। हाईकोर्ट ने इस याचिका को खारिज कर दिया और उनकी गिरफ्तारी को वैध बताया है।
हाईकोर्ट का कहना है कि यह जमानत का मामला नहीं है। गिरफ्तारी को चुनौती है। साथ ही हाईकोर्ट ने कहा कि अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी के बाद ईडी की रिमांड को अवैध नहीं कहा जा सकता है। गौरतलब है कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी और रिमांड पर दिल्ली हाईकोर्ट ने दोपहर बाद 3:15 बजे फैसला सुनाया। केजरीवाल ने 23 मार्च को गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली याचिका लगाई थी। पहले उनकी याचिका पर 3 अप्रैल को सुनवाई हुई। तब कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया था। इससे पहले राउज एवेन्यू कोर्ट 1 अप्रैल को केजरीवाल की याचिका खारिज कर चुकी है और उन्हें 15 अप्रैल तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया था। शराब नीति मामले में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को ईडी ने 21 मार्च को अरेस्ट किया था। वह पिछले 9 दिनों से तिहाड़ जेल में बंद हैं। आज मामले में हाईकोर्ट की जज जस्टिस स्वर्ण कांता शर्मा अपना फैसला सुनाया।

बता दें कि बहस के दौरान आप के राष्ट्रीय संयोजक एवं दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल ने अपनी गिरफ्तारी की टाइमिंग पर सवाल उठाया था। केजरीवाल ने कोर्ट में दावा किया था कि भाजपा उन्हें जेल में डालकर चुनाव को फिक्सड मैच की तरह खेलना चाहती है। दूसरी ओर ईडी ने आप नेता के आरोपों पर कड़ी आपत्ति जताई थी। ईडी ने दावा किया था कि कथित अपराध में केजरीवाल व्यक्तिगत और परोक्ष रूप से शामिल हैं। एएसजी एसवी राजू ने उदाहरण देते हुए कहा कि मान लीजिए कोई राजनीतिक व्यक्ति चुनाव से दो दिन पहले हत्या कर देता है। क्या उसे गिरफ्तार नहीं किया जाएगा? बता दें कि जस्टिस स्वर्ण कांता शर्मा ने 3 अप्रैल को दोनों पक्षों को सुनने के बाद अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। ईडी ने उन्हें 21 मार्च को गिरफ्तार किया था। वह लगभग 11 दिन तक रिमांड पर रहे। वर्तमान में 15 अप्रैल तक की न्यायिक हिरासत में हैं।

जानिए दिल्ली हाईकोर्ट ने क्या कहा?
हाईकोर्ट ने कहा कि ईडी की दलील है अब तक के सबूत यह बताते कि केजरीवाल संयोजक हैं, गोवा चुनाव में 45 करोड़ रुपये खर्च किए गए। केजरीवाल के वकील ने इसका विरोध किया और उन्होंने शरथ रेड्डी और राघव मुंगता के बयान का जिक्र किया। कोर्ट ने कहा कि सरकारी गवाह बनने का फैसला कोर्ट करती है, न कि जांच एजेंसी तय करती है। अगर सवाल उठता है तो फिर मैजिस्ट्रेट के ऊपर सवाल है। हाईकोर्ट ने कहा कि आरोपी के मुताबिक जांच नहीं हो सकती है। कोर्ट को राजनीति से मतलब नहीं है, सीएम के लिए स्पेशल प्रीविलेज नहीं है।
आम आदमी पार्टी (आप) के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने याचिका में एजेंसी की तरफ से की गई गिरफ्तारी के समय पर सवाल उठाया था। साथ ही कहा था कि यह लोकतंत्र, निष्पक्ष चुनाव और समान अवसर सहित संविधान की बुनियादी संरचना का उल्लंघन है।

जानिए ईडी ने क्या कहा?
मीडिया रिपोटर्स के अनुसार ईडी ने अरविंद केजरीवाल की याचिका का विरोध किया। ईडी ने कहा कि अरविंद केजरीवाल चुनाव के आधार पर गिरफ्तारी से छूट का दावा नहीं कर सकते, क्योंकि कानून उन पर और किसी भी आम नागरिक पर समान रूप से लागू होता है। बता दें कि अरविंद केजरीवाल को ईडी ने 21 मार्च को लंबी पूछताछ के बाद उनके आवास से गिरफ्तार किया था। इसके बाद उन्हें 22 मार्च को ईडी ने निचली अदालत में पेश किया, जहां कोर्ट ने उन्हें 1 अप्रैल तक ईडी रिमांड पर भेज दिया। इसके बाद 1 अप्रैल को कोर्ट ने उन्हें 15 अप्रैल तक के लिए न्यायिक हिरासत में भेज दिया। इस समय मुख्यमंत्री केजरीवाल तिहाड़ जेल में हैं।