Punjabi Singer Siddhu Moosewala

Sidhu Moosewala : सिद्धू मूसेवाला के घर गूंजी किलकारी, 58 साल की उम्र में मां चरण कौर ने बेटे को दिया जन्म, दोबारा पिता बने बलकौर सिंह

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Sidhu Moosewala : पंजाबी सिंगर सिद्धू मूसेवाला के घर फिर से किलकारी गूंज उठी हैं। उनकी मां चरण कौर ने 58 साल की उम्र में बेटे को जन्म दिया है। बलकौर सिंह फिर से पिता बन गए हैं। कुछ देर पहले बलकौर मूसेवाला ने इंस्टाग्राम पर पोस्ट शेयर कर यह जानकारी दी है। बता दें कि फरवरी माह में फेसबुक पर सिद्धू मूसेवाला के के पिता ने अपनी चरण कौर के आईवीएफ उपचार के जरिए 58 साल की उग्र में प्रेग्नट होने के बारे में एक पोस्ट शेयर की थी।

सिद्धू मूसेवाला की मां ने बठिंडा के अस्पताल में बेटे को जन्म दिया है। अस्पताल से एक तस्वीर भी वायरल हुई है। जिसमें बठिंडा के जिंदल अस्पताल में जन्मे बच्चे के साथ सिद्धू मूसेवाले के पिता बलकौर सिंह और मां चरण कौर नर्सों के साथ नजर आ रहे हैं। बता दें कि पहले खबर थी कि सिद्धू मूसेवाला की मां जुड़वा बच्चों को जन्म दे सकती हैं। पंजाबी सिंगर सिद्धू मूसेवाला की मां चरण कौर ने अब बेटे को जन्म दिया है। बताया जा रहा है कि बेटा पैदा होने की खुशी में अस्पताल परिसर में ही केक भी काटा गया है।

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गौरतलब है कि सिद्धू मूसेवाला अपने माता-पिता की इकलौती संतान थे, लेकिन मूसेवाला की हत्या के बाद घर सूना था। ऐसे में उनके माता-पिता ने दूसरी संतान को जन्म देने का फैसला किया था सिद्धू की मां चरण कौर ने बच्चे को जन्म देने के लिए आईवीएफ तकनीक का सहारा लिया है। उनकी उम्र करीब 58 साल है। बलकौर सिंह फिर से पिता बन गए हैं। कुछ देर पहले बलकौर मूसेवाला ने इंस्टाग्राम पर पोस्ट शेयर कर यह जानकारी दी है।

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सिद्धू मूसेवाला

बता दें कि पिछले माह उन्होंने फेसबुक पर अपनी पत्नी चरण कौर के आईवीएफ उपचार के जरिए 58 साल की उम्र में फिर से प्रेग्नेंट होने के बारे में एक पोस्ट शेयर की थी। इस बीच कुछ लोगों के मन में यह सवाल भी आ रहा था कि क्या इस उम्र में आईवीएफ से बच्चा कंसीव किया जा सकता है? क्या इस दौरान कोई स्वास्थ्य समस्या तो नहीं होती?

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दिल्ली की एक गायनेकोलॉजिस्ट के अनुसार बढ़ती उम्र में कंसीव करना मुश्किल होता है। आजकल देखा जाता है कि 35 साल की उम्र के बाद ही महिला को सामान्य तरीके से गर्भवती होने में मुश्किल आती है। खराब फर्टिलिटी की वजह से ऐसा होता है। हालांकि आईवीएफ तकनीक की मदद से 50 साल की उम्र के बाद भी कंसीव किया जा सकता है, लेकिन हर महिला के लिए यह आसान नहीं है। वहीं जिन महिलाओं की हेल्थ अच्छी होती है, वह ही बढ़ती उम्र में आईवीएफ का सहारा लेकर गर्भधारण कर सकती हैं। पहले भी ऐसे कुछ मामले आए हैं, जहां 50 से 65 साल की उम्र वाली महिलाओं ने आईवीएफ के सहारे गर्भधारण किया है।

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जानिए क्या होता है आईवीएफ

गायनेकोलॉजिस्ट का कहना है कि आईवीएफ को इन विट्रो फर्टिलाइजेशन तकनीक कहा जाता है। एक तकनीक बच्चे को जन्म देने का एक आर्टिफिशियल तरीका होता है। इसमें पुरुष के स्पर्म और महिला के अंडों को लैब में रखा जाता है। इस दौरान इनको आर्टिफिशियल तरीके से फर्टिलाइज किया जाता है। फर्टिलाइजेशन के प्रोसेस के बाद जो भ्रूण तैयार होता है। उसको फिर से महिला के गर्भ में रख दिया जाता है। भ्रूण को एक प्लास्टिक ट्यूब के जरिए मां से गर्भ में डाला जाता है और फिर गर्भ में ही ये बच्चा पलता है और उसकी डिलीवरी सामान्य या फिर सिजेरेयिन किसी भी तरीके से हो सकती है।

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जानिए मेनोपॉज के बाद आईवीएफ कितना सुरक्षित?

गायनेकोलॉजिस्ट के अनुसार महिलाओं को 45 से 50 साल की उम्र में मेनोपॉज ( पीरियड्स साइकिल बंद होना) हो जाता है। आमतौर पर महिलाएं 50 साल की उम्र के बाद आईवीएफ भी कम ही कराती हैं, लेकिन क्या मेनोपॉज के बाद आईवीएफ सफल होता है? क्या यह सुरक्षित होता है? इस सवाल के जवाब में गायनेकोलॉजिस्ट का कहना है कि आईवीएफ तकनीक से मेनोपॉज के बाद भी महिलाएं गर्भधारण कर सकती है। इसके लिए उनको हार्मोनल इंजेक्शन दिया जाता है। इससे गर्भाशय को फिर से एक्टिव किया जाता है।