12 02 2021 earthquak delhi news

रोहतक, सोनीपत के बाद अब दिल्ली-एनसीआर में भी भूकंप के झटके, 24 घंटे में तीसरी बार आया भूकंप, 6.2 रही तीव्रता

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दिल्ली-एनसीआर सहित उत्तर भारत के बड़े इलाके में भूकंप के झटके लगे हैं। भूकंप के झटके करीब एक मिनट तक महसूस किए गए और इमारतें व बिजली यंत्र जैसे पंखें आदि भी हिलते दिखाई दिए। नेशनल सेंटर फॉर सेसमोलॉजी के अनुसार भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 6.2 आंकी गई है, जो कि काफी ज्यादा है। आमतौर पर रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 5.4 से अधिक रहती है तो उसे खतरनाक माना जाता है।

दिल्ली-एनसीआर के अलावा भूकंप के झटके हरियाणा, उत्तराखंड, पश्चिम उत्तर प्रदेश, पंजाब और राजस्थान के कई बड़े इलाकों में महसूस किए गए। भूकंप का केंद्र नेपाल था और इसकी गहराई धरती से 5 किलोमीटर नीचे थी। वहीं हरियाणा में भूकंप का झटका दोपहर को 2:53 बजे लगा। दिल्ली के साथ फरीदाबाद, गुरुग्राम और पानीपत जैसे बड़े शहरों में भूकंप के झटके लगे हैं। बता दें कि 24 घंटे के अंदर हरियाणा के रोहतक, सोनीपत के बाद अब दिल्ली-एनसीआर में भूकंप तीसरी बार आया है।

इससे पहले 24 घंटे के अंदर हरियाणा के जिला रोहतक और सोनीपत में भूकंप के झटके महसूस हुए है। सोनीपत में 2.7 तीव्रता का भूकंप रिकॉर्ड किया गया था। नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी के मुताबिक आज सुबह 11.06 सेकेंड पर भूकंप आया है। धरती के 8 किलोमीटर नीचे हलचल दर्ज की गई है।

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सितंबर में एक ही दिन दो बार आया था भूकंप

सितंबर माह में 5 तारीख को एक ही दिन में दो बार भूकंप आया था। भूकंप का पहला झटका देर रात 12:27 बजे तो दूसरा झटका 1 बजकर 44 मिनट पर आया था। 12:27 बजे आए भूकंप का केंद्र गांव पोलंगी रहा और इसकी तीव्रता 2.6 रही तो वहीं 1:44 पर आए भूकंप का केंद्र गांव आसन रहा। इस भूकंप की तीव्रता 2.7 दर्ज की गई। इसके अलावा नए साल की शुरुआत के समय भी हरियाणा सहित दिल्ली एनसीआर में भूकंप के झटके महसूस किए गए थे। तब झज्जर जिले का गांव बेरी भूकंप का केंद्र रहा। रात 1:19 पर आए इस भूकंप की तीव्रता 3.8 रही।

हरियाणा में भूकंप आने का क्या है कारण?

उत्तराखंड के देहरादून से लेकर हरियाणा के महेंद्रगढ़ जिले तक जमीन के नीचे एक फॉल्ट लाइन है। जिसमें अनगिनत दरारें होने की वजह से इसमें गतिविधियां चल रही हैं। इसमें जब प्लेट मूवमेंट होती है तो इसके आपस में टकराने से कंपन पैदा होता है। जिससे भूकंप के झटके महसूस होते है।

भूंकप के केंद्र और तीव्रता का मतलब?

भूकंप का केंद्र उस स्थान को कहते हैं जिसके ठीक नीचे प्लेटों में हलचल से भूगर्भीय ऊर्जा निकलती है। इस स्थान पर भूकंप का कंपन ज्यादा होता है। कंपन की आवृत्ति ज्यों-ज्यों दूर होती जाती हैं, इसका प्रभाव कम होता जाता है। फिर भी यदि रिक्टर स्केल पर 7 या इससे अधिक की तीव्रता वाला भूकंप है तो आसपास के 40 किमी के दायरे में झटका तेज होता है। यह इस बात पर भी निर्भर करता है कि भूकंपीय आवृत्ति ऊपर की तरफ है या दायरे में। यदि कंपन की आवृत्ति ऊपर को है तो कम क्षेत्र प्रभावित होगा।

भूकंप की तीव्रता और मापने का पैमाना?

भूंकप की जांच रिक्टर स्केल से होती है। इसे रिक्टर मैग्नीट्यूड टेस्ट स्केल कहा जाता है। रिक्टर स्केल पर भूकंप को 1 से 9 तक के आधार पर मापा जाता है। भूकंप को इसके केंद्र यानी एपीसेंटर से मापा जाता है। भूकंप के दौरान धरती के भीतर से जो ऊर्जा निकलती है, उसकी तीव्रता को इससे मापा जाता है। इसी तीव्रता से भूकंप के झटके की भयावहता का अंदाजा होता है।