SSB in Faridabad The hospital successfully treated the elderly man

Faridabad में एस.एस.बी. अस्पताल ने बुजुर्ग का किया बिना ऑपरेशन के मिट्रल वाल्व रिसाव का सफल इलाज, मिला नया जीवन

देश फरीदाबाद बड़ी ख़बर हरियाणा

हरियाणा के फरीदाबाद चिकित्सा क्षेत्र में अग्रणीय एसएसबी हार्ट एंड मल्टीस्पेशलिटी अस्पताल ने 75 वर्षीय एक बुजुर्ग का बिना आप्रेशन के मिट्रल वाल्व रिसाव का सफल इलाज कर उसे नया जीवन दिया है। बुजुर्ग को गंभीर मिट्रल वाल्व रिसाव के कारण दिल की गंभीर कमजोरी के साथ भर्ती कराया गया था। उनका मिट्रल वाल्व ठीक से बंद नहीं हो रहा था, जिसके कारण बाएं वेंट्रिकल से अधिकांश रक्त वापस बाएं एट्रियम में जा रहा था, जिससे फेफड़ों में रक्त जमा हो रहा था। इससे उन्हें सांस लेने में अत्यधिक तकलीफ और थकान होती थी। जिसके कारण वह लगभग बिस्तर पर ही रहने को मजबूर थे।

इसके अलावा, उन्हें डायबिटीज, लकवा, पीलिया, हृदय और पैर की धमनियों में रुकावट और अनियमित दिल की धडक़न जैसी कई अन्य बीमारियां भी थीं। हालांकि, ये सभी मेडिकल उपचार से नियंत्रण में थीं। उनका मिट्रल वाल्व रिसाव दवाइयों का जवाब नहीं दे रहा था। माइट्रल वाल्व के रिसाव से हृदय की कमजोरी के कारण उनका जीवन कष्टमय था। इस रोगी का मिट्रल वाल्व रिसाव लगातार बढ़ रहा था, जिससे उनकी हालत बिगड़ती जा रही थी। मरीज़ लेटते हुए भी सांस लेने में तकलीफ महसूस करता था।

‘मित्रा क्लिप’ नामक एक नई कैथेटर आधारित, बिना सर्जरी की तकनीक उपलब्ध

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उन्हें मिट्रल वाल्व के इलाज की आवश्यकता थी, जिसके लिए सर्जिकल टीम से संपर्क किया गया था। हालांकि, उनकी उम्र, लिवर की बीमारी और पुराने स्ट्रोक के कारण उन्हें सर्जिकल मिट्रल वाल्व रिप्लेसमेंट के लिए उपयुक्त नहीं पाया गया। पहले ऐसे रोगियों के लिए कोई उम्मीद नहीं थी, लेकिन अब उनके लिए ‘मित्रा क्लिप’नामक एक नई कैथेटर आधारित, बिना सर्जरी की तकनीक उपलब्ध है। इसे कुछ साल पहले दुनिया में ईजाद किया गया था, लेकिन 30 से 35 लाख रुपये की लागत के कारण भारत में यह संभव नहीं हो पाया था। हाल ही में यह हमारे देश में उपलब्ध हो पाया है। यह रोगी इस प्रक्रिया के लिए सहमत हुए और एस.एस.बी .अस्पताल, फरीदाबाद के हृदय रोग विशेषज्ञों की टीम ने उनके पैर की नस में एक छोटे से छेद के जरिए रिसाव वाले वाल्व की मित्रा क्लिप रिपेयर का सफलतापूर्वक संचालन किया।

ऐसी करती है काम

मित्रा क्लिप दोनों लीफलेट्स को बीच में जोडकर वाल्व के आकार को कम करते हुए गैर-शल्य तरीके से वाल्व रिसाव को कम करता है, जिससे गंभीर रिसाव को हल्का और सहनीय स्तर तक लाया जाता है। पूरी प्रक्रिया पैर की नस में एक छोटे से छेद के जरिए लाइव 4डी इको इमेजिंग का उपयोग करके की गई थी। इस प्रक्रिया के बाद, रोगी के शरीर पर कोई निशान नहीं है और वह घर जाने के लिए बिल्कुल फिट हैं। मिट्रल वाल्व के इलाज के बाद, रोगी को काफी बेहतर महसूस हुआ और उनकी सांस लेने में तकलीफ और थकान पूरी तरह से गायब हो गई। ऐसे रोगियों की मदद करने का यही एकमात्र तरीका है।

मरीज को बिना किसी ऑपरेशन के मिली राहत

एस.एस.बी. अस्पताल के वरिष्ठ हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. एस.एस. बंसल ने इस पद्धति की सफलता पर चिकित्सीय दल की प्रशंसा करते हुए कहा कि हम बहुत खुश हैं कि इस मरीज को बिना किसी ऑपरेशन के राहत मिली है और वे अब स्वस्थ होकर घर जा सकते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि इस तरह की जटिल प्रक्रिया के लिए सबसे आधुनिक 4डी इको तकनीक बेहद जरूरी है, जो हमारे अस्पताल में उपलब्ध है। हालांकि, डॉ. बंसल ने इस तकनीक की एक बड़ी बाधा को भी उजागर किया। उन्होंने बताया कि मित्रा क्लिप की कीमत लगभग 30 लाख रुपये है, जिसे ज्यादातर मरीज वहन नहीं कर सकते।

उन्होंने उम्मीद जताई कि इस उपकरण की कीमत जल्द ही कम होगी, ताकि गंभीर मिट्रल वाल्व रिसाव से पीडित और ऑपरेशन के लिए असमर्थ मरीजों को भी गुणवत्तापूर्ण जीवन जीने का मौका मिल सके। एस.एस.बी अस्पताल का यह सफल इलाज न सिर्फ उस मरीज के लिए बल्कि मिट्रल वाल्व रिसाव से जूझ रहे अन्य मरीजों के लिए भी उम्मीद की किरण लेकर आया है। यह दर्शाता है कि अत्याधुनिक तकनीक और कुशल डॉक्टरों के सहयोग के बिना ऑपरेशन के भी कई गंभीर बीमारियों का सफलतापूर्वक इलाज संभव है।