- स्पेसएक्स की स्टारलिंक को भारत में सैटेलाइट इंटरनेट सर्विस के लिए DOT से लाइसेंस मिल गया है, अब सिर्फ IN-SPACe की मंजूरी बाकी है।
- स्टारलिंक भारत में ₹840 प्रति माह में अनलिमिटेड डेटा प्लान लॉन्च कर सकती है, हालांकि इसकी आधिकारिक घोषणा नहीं हुई है।
- यह भारत में सैटेलाइट इंटरनेट ऑपरेट करने वाली तीसरी कंपनी होगी, वनवेब और जियो पहले से लाइसेंसधारी हैं।
Starlink India license: एलन मस्क की कंपनी स्पेसएक्स को भारत में सैटेलाइट इंटरनेट सर्विस ‘स्टारलिंक’ ऑपरेट करने का लाइसेंस मिल गया है। टेलीकॉम डिपार्टमेंट (DoT) ने कंपनी को यह मंजूरी मई 2025 में लेटर ऑफ इंटेंट के बाद दी है। अब केवल IN-SPACe (इंडियन नेशनल स्पेस प्रमोशन एंड ऑथराइजेशन सेंटर) की फाइनल अनुमति बाकी है, जिसके बाद देश के ग्रामीण और दूर-दराज इलाकों में हाई-स्पीड इंटरनेट पहुंचाया जा सकेगा।
स्टारलिंक भारत में तीसरी सैटेलाइट इंटरनेट कंपनी होगी, इससे पहले वनवेब (भारतीय भारती ग्रुप के सहयोग से) और रिलायंस जियो को यह मंजूरी मिल चुकी है। रिपोर्ट्स के अनुसार स्टारलिंक ₹840 प्रति माह में अनलिमिटेड डेटा ऑफर कर सकती है, हालांकि कंपनी की ओर से अभी तक कोई आधिकारिक ऐलान नहीं हुआ है।
स्टारलिंक क्या है और क्यों खास है?
स्टारलिंक, स्पेसएक्स की एक महत्वाकांक्षी परियोजना है, जिसमें हजारों लो-अर्थ ऑर्बिट (LEO) सैटेलाइट्स के जरिए इंटरनेट कनेक्टिविटी प्रदान की जाती है। इन सैटेलाइट्स की लो-ऑर्बिट पोजिशनिंग के कारण डेटा ट्रांसफर तेज और लेटेंसी कम होती है, जिससे ग्रामीण और पर्वतीय इलाकों में भी इंटरनेट की सुविधा पहुंचती है।
भारत में देरी क्यों हुई?
2022 से ही स्पेसएक्स भारत में स्टारलिंक लॉन्च करना चाहती थी, लेकिन डेटा सिक्योरिटी, कॉल इंटरसेप्शन और भारतीय कानूनों के अनुपालन को लेकर अड़चनें आईं। कंपनी ने भारत सरकार की सभी शर्तें मान लीं, जिसके बाद मई 2025 में LOI और अब लाइसेंस मिल गया।
आम लोगों को कैसे मिलेगा फायदा?
स्टारलिंक की सबसे बड़ी खासियत ये है कि यह दूरस्थ गांवों, जंगलों, पहाड़ी इलाकों में भी हाई-स्पीड इंटरनेट दे सकती है। इससे ऑनलाइन एजुकेशन, डिजिटल हेल्थ, एग्रो-टेक्नोलॉजी और लोकल बिजनेस को जबरदस्त बढ़ावा मिलेगा। साथ ही, इंटरनेट बाज़ार में प्रतिस्पर्धा बढ़ने से बेहतर सर्विस और कम कीमत के विकल्प भी सामने आएंगे।
अब अगला कदम क्या है?
अब स्टारलिंक को IN-SPACe से अंतिम स्वीकृति और स्पेक्ट्रम की मंजूरी लेनी है। अगले 15-20 दिनों में ट्रायल स्पेक्ट्रम मिलने की संभावना है, जिसके बाद कमर्शियल लॉन्च की प्रक्रिया शुरू होगी।
भारत क्यों अहम है मस्क के लिए?
भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा इंटरनेट यूज़र बेस रखता है, जो मस्क के लिए एक बड़ा मार्केट है। इस समय अमेरिका में मस्क और डोनाल्ड ट्रंप के बीच टकराव चल रहा है, जिससे अमेरिका में स्पेसएक्स के सरकारी प्रोजेक्ट्स पर खतरा है। ऐसे में भारत में मिली यह मंजूरी मस्क के लिए रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण है।
कैसे मिलेगा इंटरनेट?
यूजर को एक स्टारलिंक किट मिलेगी जिसमें डिश, वाई-फाई राउटर, पावर सप्लाई और माउंटिंग ट्राइपॉड होगा। इसे खुले आसमान के नीचे लगाया जाता है। कंपनी का ऐप iOS और Android पर उपलब्ध है, जिससे सेटअप और नेटवर्क मॉनिटरिंग की जा सकती है।
पड़ोसी देश बांग्लादेश में पहले ही शुरू हो चुकी है सेवा
बांग्लादेश में स्टारलिंक ने 300 Mbps स्पीड के साथ अनलिमिटेड डेटा प्लान लॉन्च कर दिया है, जिसकी कीमत ₹3,000 से ₹4,200 के बीच है। वहां की सरकार ने इसे डिजिटल क्रांति की शुरुआत बताया है।