ब्लू सूपर मून 10 या 20 साल में एक बार दिखाई देता है। अंतरिक्ष में कुछ खगोलीय घटनाओं के कारण ब्लू सूपर मून होता है।लगभग 33 चंद्रमाओं में से केवल एक ही ब्लू सुपरमून कहलाने के योग्य होता है।
बुधवार यानी 30 अगस्त रक्षाबंधन के दिन आसमान में पूरा चमकदार चंद्रमा दिखाई देगा। सामान्य तौर पर, चंद्रमा जब अपनी कक्षा में पृथ्वी के निकटतम बिंदु, पेरिगी पर पहुंचता है तो इसे सुपरमून कहते हैं। हमारे ग्रह से लगभग 22,6,000 मील की दूरी पर चंद्रमा सामान्य पूर्णिमा की तुलना में लगभग 7% बड़ा दिखता है।
क्या होता है ब्लू सुपरमून
नासा के रिटायर्ड एस्ट्रोफिजिसिस्ट, फ्रेड एस्पेनक के अनुसार, यह सुपरमून लगभग 22,2,043 मील दूर होगा। सुपरमून बिल्कुल नया शब्द है। ज्योतिषी रिचर्ड नोल ने 1979 में इस शब्द का निर्माण किया, जिसका अर्थ 90% पेरिगी के भीतर नया या पूर्ण चांद था। फुल मून या पूर्ण चंद्रमा उज्ज्वल होते हैं और नए चंद्रमा पृथ्वी से शायद ही कभी दिखाई देते हैं।
क्या नजर आएगा नीले रंग का चंद्रमा?
ब्लू का मतलब यह नहीं है कि चांद नीला नजर आएगा, लेकिन कभी-कभी वायुमंडलीय घटनाओं के कारण चांद का रंग नीला दिख सकता है। हर ब्लू मून नीला नजर आए ऐसा जरूरी नहीं है। नैचुरल हिस्ट्री म्यूजियम के साथ बातचीत में साइंटिस्ट मार्टिन मेंगलन ने बताया कि जो रोशनी हम देखते हैं वह सूर्ज से परिवर्तित सफेद रोशनी होती है। इसलिए अगर रास्ते में कोई चीज हो जो लाल रोशनी को रोकती है तो कभी-कभी चांद नीला भी दिखाई दे सकता है।
ब्लू मून की कई परिभाषाएं
ब्लू मून की वर्तमान परिभाषा के अनुसार, एक महीने में आने वाले दूसरे सुपरमून को ब्लू मून कहते हैं। वहीं, एक पुरानी परिभाषा में एक वर्ष में पूर्ण चंद्रमाओं की संख्या का उपयोग किया जाता है।
आमतौर पर साल में 12 फुल मून होते थे, लेकिन कभी-कभी एक एक्स्ट्रा भी हो जाता था। कांग्रेस की लाइब्रेरी के अनुसार, कुछ प्रकाशनों, जैसे “मेन फार्मर्स अल्मनैक” ने वर्ष को अलग तरीके से मापा और इसकी शुरुआत दिसंबर के अंत में हुई।
ब्लू सुपरमून दिखना है दुर्लभ
सुपरमून अपने आप में दुर्लभ इवेंट नहीं हैं। आम तौर पर साल में तीन या चार सुपरमून होते हैं। हालांकि, ब्लू मून बहुत आम नहीं हैं। लगभग 33 चंद्रमाओं में से केवल एक ही ब्लू सुपरमून कहलाने के योग्य होता है। ब्लू सुपरमून हर 10 से 20 सालों में दिखाई देता है। नासा के अनुसार, अगला ब्लू सुपरमून 2037 में दिखाई देगा।
कहां देख सकेंगे ब्लू मून?
सूरज ढलने के तुरंत बाद ब्लू मून देखने की सलाह दी जाती है उस वक्त यह बेहद खूबसूरत दिखता है। इस बार जिस वक्त ब्लू मून निकलेगा उस वक्त भारत में दिन होगा। यह अमेरिका में दिखेगा इसलिए भारतीय फोन पर ब्लू मून का दीदार कर सकते हैं। 30 अगस्त की रात को 8 बजकर 37 मिनट पर ब्लू मून सबसे ज्यादा चमकदार होगा। यह नजारा वाकई दिलचस्प होगा क्योंकि इसके बाद तीन साल बाद 2026 में ब्लू मून देखा जा सकेगा।
चंद्रयान-3 की चांद पर मौजूदगी में निकलेना ब्लू मून
यह खगोलीय घटना ऐसे समय में होने जा रही है, जब भारत का मिशन चंद्रयान-3 चांद पर पहुंच चुका है। ऐसे में इस बार का ब्लू मून भारतवासियों के लिए और भी ज्यादा खास है। 23 अगस्त को चंद्रयान-3 ने चांद की सतह पर कदम रखा। चंद्रयान-3 के विक्रम और प्रज्ञान 23 अगस्त से 14 दिन तक चांद की सतह पर स्टडी करेंगे।
चांद के साउथ पॉल पर कदम रखने वाला भारत पहला देश
चांद पर इन 14 दिनों तक सूरज की रोशनी रहेगी। चांद का एक दिन पृथ्वी के 29 दिनों के बराबर होता है, जिसमें 14 दिनों की रात और 14 दिनों का दिन होता है। 23 अगस्त को यहां सूरज निकला था और उसी दिन चंद्रयान ने चांद पर कदम रखा। साउथ पोल पर आजतक किसी देश का स्पेस्क्राफ्ट नहीं पहुंचा है इसलिए भारत के मिशन की पूरी दुनिया के वैज्ञानिक चर्चा कर रहे हैं।