Supreme Court canceled the electoral bond scheme

Central Government की चुनावी बांड योजना को Supreme Court ने किया रद्द, Bank तत्काल चुनावी बांड जारी करना करें बंद, SBI राजनीतिक दलों का ब्योरा करेगा पेश

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केंद्र सरकार की चुनावी बॉन्ड योजना की कानूनी वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ का कहना है कि दो अलग-अलग फैसले हैं, एक उनके द्वारा लिखा गया और दूसरा न्यायमूर्ति संजीव खन्ना द्वारा और दोनों फैसले सर्वसम्मत हैं।

बता दें कि सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि काले धन पर अंकुश लगाने के लिए सूचना के अधिकार का उल्लंघन उचित नहीं है।सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि राजनीतिक दल चुनावी प्रक्रिया में प्रासंगिक इकाइयां हैं और चुनावी विकल्पों के लिए राजनीतिक दलों की फंडिंग के बारे में जानकारी आवश्यक है। सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि चुनावी बांड के माध्यम से कॉर्पोरेट योगदानकर्ताओं के बारे में जानकारी का खुलासा किया जाना चाहिए, क्योंकि कंपनियों द्वारा दान पूरी तरह से बदले के उद्देश्य से है। सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया कि बैंक तत्काल चुनावी बांड जारी करना बंद कर दें। सुप्रीम कोर्ट का आदेश है कि एसबीआई राजनीतिक दलों द्वारा लिए गए चुनावी बांड का ब्योरा पेश करेगा।

सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि एसबीआई भारत के चुनाव आयोग को विवरण प्रस्तुत करेगा और ईसीआई इन विवरणों को वेबसाइट पर प्रकाशित करेगा। सुप्रीम कोर्ट ने चुनावी बांड योजना को अनुच्छेद 19(1)(ए) का उल्लंघन और असंवैधानिक माना है। सुप्रीम कोर्ट ने चुनावी बांड योजना को रद्द कर दिया। सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि चुनावी बांड योजना को असंवैधानिक करार देते हुए इसे रद्द करना होगा।

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