मणिपुर में भीड़ ने दो महिलाओं को नग्न कर सड़क पर घुमाया गया। घटना 4 मई को राजधानी इंफाल से लगभग 35 किलोमीटर दूर कांगपोकपी जिले में हुई। इसका वीडियो बुधवार को सोशल मीडिया पर वायरल हो गया।
इस मामले पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इस वीडियो ने हमें परेशान कर दिया है। कोर्ट ने केंद्र और मणिपुर सरकार से पूछा है कि अपराधियों पर कार्रवाई के लिए आपने क्या कदम उठाए हैं।
मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि सांप्रदायिक संघर्ष के दौरान महिलाओं का एक औजार की तरह इस्तेमाल कभी स्वीकार नहीं किया जा सकता है। यह संविधान का सबसे घृणित अपमान है। अगर सरकार ने कदम नहीं उठाए तो हम कदम उठाएंगे। मामले में अगली सुनवाई शुक्रवार को होगी।
न्यूज एजेंसी एएनआई ने बताया कि सरकार ने फेसबुक-ट्विटर और दूसरे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स को इस वीडियो को शेयर न करने का आदेश दिया है। आदेश का उल्लंघन होने पर केंद्र सरकार ट्विटर के खिलाफ एक्शन ले सकती है।
इंडिजिनस ट्राइबल लीडर्स फोरम (ITLF) ने दावा किया है कि दोनों महिलाएं कुकी जनजाति से हैं और इनके साथ खेत में गैंगरेप किया गया। पुलिस ने अज्ञात लोगों के खिलाफ किडनैपिंग, गैंगरेप और हत्या का मामला दर्ज किया है।