Faridabad अंतरराष्ट्रीय सूरजकुंड हस्तशिल्प मेला सिर्फ एक बाजार ही नहीं, बल्कि संस्कृति, संगीत और परंपराओं का अद्भुत संगम है। शनिवार की शाम इस मेले में सूफी संगीत की जादुई गूंज सुनाई दी, जब मशहूर गायक मामे खान ने अपनी प्रस्तुतियों से दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। उनकी आवाज़ की खनक और लोकगीतों की मिठास ने इस सांस्कृतिक मेले को यादगार बना दिया।

सूफी संगीत की जादुई शाम: मामे खान के गीतों पर झूमे लोग
राजस्थान और हरियाणा पर्यटन विभाग के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित इस कार्यक्रम की शुरुआत मामे खान ने अपने प्रसिद्ध गीत “केसरिया बालमा आवोनी, पधारो म्हारे देश…” से की। उनकी गहरी आवाज़ और लोकगीतों की मिठास ने माहौल में एक अलग ही रंग घोल दिया। जब उन्होंने “म्हारो प्यारो हिंदुस्तान, म्हारो रंग रंगीलो प्यारो राजस्थान…” गाया, तो माहौल देशभक्ति की भावना से भर गया। वहीं, “छाप तिलक सब छीन ली रे मोसे नैना मिलाय के…” जैसी सूफी रचनाओं ने श्रोताओं को एक अलग ही आध्यात्मिक आनंद में डुबो दिया।

पर्यटकों के बीच पहुंचे मामे खान
मामे खान सिर्फ मंच तक सीमित नहीं रहे, बल्कि उन्होंने अपनी प्रस्तुति के दौरान दर्शकों के बीच पहुंचकर संगीत का उत्सव मनाया। जब उन्होंने “यहां वहां सारा जहां सारे देख लिया, कहीं भी तेर जैसा कोई नहीं है…” गाया, तो दर्शकों में खासा उत्साह देखने को मिला।

लोकगीतों का जादू और पारंपरिक संगीत की मिठास
शाम का समापन उनके लोकगीत “हो, लुक-छिप ना जाओ जी, म्हाने दीद कराओ जी…” और “घन्ना घेरा डाला थारा चोखा चढ़ा छांव…” से हुआ, जिसने राजस्थान की समृद्ध लोकसंस्कृति को जीवंत कर दिया।
लोक कलाकारों की प्रस्तुतियां बनी आकर्षण का केंद्र
मेले में सिर्फ सूफी संगीत ही नहीं, बल्कि हरियाणा और ओडिशा के कलाकारों ने भी अपनी अद्भुत प्रस्तुतियों से लोगों का दिल जीत लिया।

ढोल-नगाड़ों की थाप पर झूमे पर्यटक
हरियाणा के बंचारी के ढोल-नगाड़ों की थाप पर लोकनृत्य ने दर्शकों को झूमने पर मजबूर कर दिया। ओडिशा के लोक कलाकारों ने अपनी पारंपरिक नृत्य प्रस्तुतियों से पर्यटकों को मंत्रमुग्ध किया।
सेल्फी प्वाइंट्स पर दिखा उत्साह
मेले में पारंपरिक परिधानों में सजे कलाकारों और सुंदर सजावट के बीच सेल्फी प्वाइंट्स भी आकर्षण का केंद्र बने रहे। पर्यटकों ने रंग-बिरंगे बैकग्राउंड के साथ अपनी तस्वीरें खिंचवाईं।

सांसद किरण चौधरी ने किया मेले का भ्रमण
राज्यसभा सांसद किरण चौधरी ने मेले का भ्रमण किया और कलाकारों की प्रस्तुतियों की सराहना की। उन्होंने थीम राज्य ओडिशा के पैवेलियन में जाकर भगवान जगन्नाथ के चरणों में शीश नवाया। इसके बाद, उन्होंने हरियाणा विरासत पवेलियन में पारंपरिक हस्तशिल्प, पुराने कृषि औजारों और हरियाणवी परिधानों का अवलोकन किया।
हस्तशिल्प मेले में बिक्री की उम्मीद, पर्यटकों की संख्या बढ़ने की आशा
शनिवार को करीब 25 हजार पर्यटक मेले में पहुंचे। हालांकि, हस्तशिल्प और कला उत्पादों की बिक्री उम्मीद के मुताबिक नहीं रही। पर्यटन निगम के अधिकारियों का अनुमान है कि रविवार को 50 हजार से अधिक पर्यटक मेले में आएंगे, जिससे शिल्पकारों को अच्छी बिक्री की उम्मीद है।

मुख्य सचिव ने शिल्पकारों का बढ़ाया उत्साह
हरियाणा के मुख्य सचिव विवेक जोशी ने मेले का अवलोकन किया और हस्तशिल्पकारों से बातचीत कर उनकी कला की सराहना की। उपायुक्त विक्रम सिंह ने उनका स्वागत किया और इस अवसर पर सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
सूरजकुंड मेला हर साल की तरह इस बार भी अपनी लोककला, संगीत और सांस्कृतिक विविधता से हजारों पर्यटकों को आकर्षित कर रहा है।