सनातन धर्म की तुलना डेंगू और मलेरिया से करने पर तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन के बेटे व सरकार में मंत्री उदयनिधि स्टालिन के बयान पर बवाल मच गया है। विश्व हिंदू परिषद ने इसे विदेशी सोच बताया है। परिषद का कहना है कि उदयनिध हिंदू को कमजोर न मानें। साथ ही आरोप लगाया कि उदयनिधि स्टालिन हिंदू समुदाय के प्रति घृणित सोच और अंग्रेजी मानसिकता लेकर चलते हैं। यह महापुरुषों का अपमान है और अंग्रेज भी हिंदू की सोच को बदल नहीं पाए। स्टालिन के बयान से संत समाज में आक्रोश बढ़ गया है। साथ ही सनातन पर सियाशी संग्राम भी शुरू हो गया है।
उदयनिधि के बयान को लेकर भाजपा और कांग्रेस आमने-सामने हैं। दोनों पार्टियों के नेता पक्ष-विपक्ष की भांति उदयनिधि के बयान पर पलटवार कर रहे हैं। तमिलनाडु सरकार में मंत्री उदयनिधि स्टालिन ने रोहतक में एक कार्यक्रम के दौरान अपने बयान में सनातन धर्म को खत्म करने की बात कहते हुए इसे डेंगू और मलेरिया बताया। उनके इस बयान के बाद जहां कांग्रेस बचती नजर आ रही है, वहीं विश्व हिंदू परिषद की तरफ से इसे अंग्रेजो की सोच वाली मानसिकता करार दिया गया है। विश्व हिंदू परिषद के राष्ट्रीय महामंत्री सुरेंद्र जैन ने उदयनिधि के बयान को निंदनीय बताया है।
सुरेंद्र जैन ने कहा कि गजनी और अंग्रेजों ने इतने वर्षों तक राज करने के बाद भी हिंदुओं की सोच नहीं बदली तो यह अंग्रेजी मानसिकता वाले लोग क्या बदलाव कर सकते हैं। विश्व हिंदू परिषद ने तमिलनाडु को भगवान शिव और देवताओं की धरती बताया है। राष्ट्रीय महामंत्री सुरेंद्र जैन ने कहा कि उदयनिधि स्टालिन की सोच अंग्रेजों से मिलती है। जब गजनी और अंग्रेज भी सनातन धर्म को खत्म नहीं कर पाए तो स्टालिन की क्या हैसियत है। उन्होंने कहा कि यह बयान काफी निंदनीय है और यह हिंदू समुदाय के प्रति घृणित सोच है। उन्होंने कहा कि इस तरह के बयानों से उदयनिधि स्टालिन ने महापुरुषों का अपमान किया है।
कोरोना वायरस की संज्ञा देते हुए नष्ट करने की कहीं थी बात
विश्व हिंदू परिषद के राष्ट्रीय महामंत्री सुरेंद्र जैन ने बताया कि कार्यक्रम में पहुंचे उदयनिधि स्टालिन ने सनातन धर्म की तुलना मलेरिया, डेंगू और कोरोना वायरस से करते हुए कहा था कि इन चीजों का विरोध नहीं करना चाहिए, बल्कि इन्हें नष्ट कर देना चाहिए। उन्होंने कहा कि सनातनम क्या है? ये संस्कृत भाषा से आया शब्द है। सनातन समानता और सामाजिक न्याय के खिलाफ होने के अलावा और कुछ नहीं है।
राहुल गांधी, नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव अब क्यों हैं खामोश
उनके बयान पर भाजपा नेता और पूर्व कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि उदयनिधि स्टालिन ने सनातन धर्म के खिलाफ न सिर्फ बेशर्मी भरी टिप्पणी की, बिल्क उसे दोहरने का काम भी किया, लेकिन राहुल गांधी अब खामोश क्यों हैं। वह हिंदू, गोत्र की बातें कर मंदिरों में घूमते थे, लेकिन वह उनकी वोट के लिए राजनीति थी, जो अब साबित हो रही है।
नीतीश कुमार शांत क्यों है, वह दावा कर रहे थे उन्होंने मुंबई में सभी को एक कर दिया। तेजस्वी यादव क्यों चुप हैं, वह अपने पिता को सिद्धिविनायक के दर्शन करवाने के लिए क्या दिखावा करने गए थे। रविशंकर ने कहा कि अब साफ हो चुका है कि यह सब इनकी वोट बैंक की राजनीति है। इनकी बुनियादी सोच हिंदू विरोधी है।
भाजपा नेता और राज्यसभा सांसद सुशील मोदी ने कहा कि समाज में नफरत फैलाने के विरोध में स्टालिन के बेटे को जेल में बंद किया जाना चाहिए। डीएमके का इतिहास ऐसा ही रहा है। कांग्रेस के बड़े नेताओं की चुप्पी बता रही है कि वह उदयनिधि के साथ हैं।
कांग्रेस के महासचिव केसी वेणुगोपाल ने कहा कि हम सर्वधर्म सम्भाव में विश्वास रखते हैं। कांग्रेस इसी विचारधारा में विश्वास रखती है, लेकिन आपको ध्यान रखना होगा कि हर राजनीतिक पार्टी के पास अपने विचार रखने की आजादी है।
कांग्रेस नेता आचार्य प्रमोद ने कहा कि सनातन धर्म की रक्षा में महाराणा प्रताप, गुरु गोविंद सिंह, छत्रपति शिवाजी सहित न जाने कितने महापुरुषों का लहू शामिल है। सनातन धर्म को मिटाने का ख्वाब अंग्रेजों और मुगलों ने भी देखा, लेकिन यह मिट नहीं पाया।
विश्व हिंदू परिषद के कार्यकारी अध्यक्ष आलोक कुमार ने कहा कि मैं उनके वक्तव्य की भाषा और भाव दोनों से आश्चर्यचकित हूं। जो सनातन को नष्ट करने की बात करता है, वह स्वयं नष्ट हो जाता है। राम जन्मभूमि के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने कहा कि सनातन से ही सभी धर्म, पंथों की उत्पत्ति हुई है। जिसे कैसे भी मिटाया नहीं जा सकता। खेल मंत्री चाहे अपने साथ अनेकों को खड़ा कर लें, लेकिन सनातन धर्म अंत तक रहेगा।