जौनपुर के पूर्व सांसद धनंजय सिंह और संतोष विक्रम को अपहरण और रंगदारी मामले में दोषी पाया गया है। उन्हें दोषी करार देकर जेल भेज दिया गया है। बाहुबली सांसद धनंजय सिंह को कोर्ट ने सात साल की सजा और डेढ़ लाख का जुर्माना लगाया हैं।
बता दें कि लोकसभा चुनाव से पहले पूर्व सांसद धनंजय सिंह के लिए यह एक बड़ा झटका है। अपहरण और रंगदारी मामले में दोषी करार मिलने के बाद उन्हें जेल भेज दिया गया है। अपर सत्र न्यायाधीश शरद त्रिपाठी की अदालत ने धनंजय सिंह को दोषी करार दिया है। यह केस 10 मई 2020 को दर्ज किया गया था। मुजफ्फरनगर निवासी नमामि गंगे के प्रोजेक्ट मैनेजर अभिनव सिंघल ने 10 मई 2020 को जौनपुर के लाइन बाजार थाने में धनंजय और उनके साथी विक्रम के खिलाफ अपहरण, रंगदारी और अन्य आरोप लगाए थे।
उन्होंने आरोप लगाया कि संतोष विक्रम ने उन्हें और दूसरे साथियों को वादी से अपहरण किया और धनंजय सिंह के आवास पर ले गए। वहां धनंजय सिंह ने पिस्टल लेकर आकर उन्हें धमकाया और कम गुणवत्ता वाली सामग्री आपूर्ति के लिए दबाव डाला। धनंजय सिंह जमानत पर थे, लेकिन उनके खिलाफ अभिनव सिंघल ने धमकी देते हुए रंगदारी का आरोप लगाया था। उन्हें जमानत मिलने के बाद गिरफ्तार किया गया और बाद में जमानत पर रिहा किया गया।
जौनपुर से लोकसभा चुनाव लड़ने का था इरादा
धनंजय सिंह लोकसभा चुनाव की तैयारी में थे और वे अपने क्षेत्र में एक्टिव थे। उन्हें जौनपुर से लोकसभा चुनाव लड़ने का इरादा था और इसका इशारा वे अपने एक ट्वीट के माध्यम से दिया था। उन्होंने अपने ट्वीट में यह कहा था कि साथियों तैयार रहें…लक्ष्य बस एक लोकसभा 73, जौनपुर। उन्होंने एक तस्वीर भी शेयर की, जिसमें जीतेगा जौनपुर, जीतेंगे हम लिखा था। उनकी पत्नी जौनपुर की चेयरमैन हैं और उनके इलाके में काफी जनाधार है।