Yuvraj Singh 42nd Birthday Special : हरियाणा की राजधानी चंडीगढ़ में 12 दिसंबर 1981 को जन्में भारतीय टीम के स्टार ऑलराउंडर युवराज सिंह ने अपनी युवा अवस्था को लांघ दिया है। आज वह अपने जीवन 42 वर्ष पूरे कर चुके हैं। कभी स्केटर बनने की चाह रखने वाले युवराज को क्रिकेटर पिता योगराज सिंह की जिद भारतीय टीम में ले लाई। युवराज सिंह ने अपने पिता की आज्ञा को मानते हुए यहां भी बेटे का रोल बखूबी निभाया।
गौरतलब है कि भारतीय टीम के ऑलराउंडर युवराज सिंह ने नंबर 4 पर बल्लेबाजी करके दो-दो वर्ल्ड कप जिताने का काम किया है। उनका करियर काफी उतार-चढ़ाव से भरा रहा। युवराज ने एक ओवर में टी20 वर्ल्ड कप के दौरान अंग्रेजी बल्लेबाज को छह छक्के जड़े थे और एक शानदार रिकॉर्ड अपने नाम किया था। चंडीगढ़ के एक साधारण दिखने वाले युवराज सिंह ने महज 19 वर्ष की उम्र में अपना डेब्यू किया। उन्होंने सबसे पहले 3 अक्तूबर 2000 में वनडे डेब्यू किया। इसके बाद 16 अक्तूबर 2003 को टेस्ट फॉर्मेट में डेब्यू किया, जबकि युवराज का टी20 डेब्यू 13 सितंबर 2007 को हुआ था।

बता दें कि वर्ष 2011 में युवराज सिंह को अपने कैंसर के बारे में पता चल चुका था, लेकिन उन्हें टूर्नामेंट में बेहतरीन प्रदर्शन के लिए मैन ऑफ द टूर्नामेंट चुना गया था। उन्होंने वर्ल्ड कप में बल्ले से 362 रन और गेंद से 15 विकेट चटकाकर सभी के दिलों पर राज किया। वर्ष 2011 के वर्ल्ड कप के फाइनल मैच में युवराज खून की उल्टियां कर रहे थे, लेकिन उन्होंने इस बात को गंभीरता से नहीं लिया।

इसके बाद नवंबर 2011 में जब बात सामने आई तो पता चला कि युवराज के सीने में कैंसर है। इस बात का खुलासा होते ही युवराज सिंह के समर्थकों में उदासी का दौर शुरू हो गया था। इसके बाद युवराज ने वर्ष 2014 में टी20 वर्ल्ड कप में एक बार फिर मैदान पर वापसी की थी।

भारतीय क्रिकेट टीम के इतिहास में अगर सबसे महान खिलाड़ियों की सूची तैयार की जाए तो युवराज सिंह का नाम टॉप-5 में जरूर आएगा। युवराज सिंह ने भारत को एक नहीं, बल्कि दो-दो वर्ल्ड कप में जीत दिलाकर लोगों के दिलों पर राज किया।

बता दें कि युवराज सिंह बाएं हाथ के मध्यक्रम बल्लेबाज हैं, जिन्होंने व्हाइट बॉल क्रिकेट में कई सालों तक भारतीय टीम की नंबर-4 पोजिशन को बनाए रखा। इसके अलावा युवराज बाएं हाथ स्लो ऑर्थोडॉक्स स्पिन गेंदबाजी भी करते हैं और अपनी गेंदबाजी के दम पर कई बार भारतीय टीम को बड़े मैचों में विजय के द्वार तक पहुंचाया।

इंडियन प्रीमियर लीग में फ्रैंचाइजी किंग्स इलेवन पंजाब के बने थे युवराज
वर्ष 2007 के टी-20 वर्ल्ड कप में 6 गेंदों में लगातार 6 छक्के लगाने वाले युवराज सिंह अगले ही साल शुरू हुई इंडियन प्रीमियर लीग में फ्रैंचाइजी किंग्स इलेवन पंजाब के कप्तान चुने गए थे। इसके बाद युवराज ने वर्ष 2008 से 2010 तक अपनी घरेलू टीम किंग्स इलेवन पंजाब की कप्तानी की थी।

इसके बाद उन्हें टीम छोड़ने के लिए मजबूर होना पड़ा। फिर अगले कई सीजन तक उन्होंने सहारा पुणे वॉरियर्स, रॉयल चैलेंजर्स बैंगलुरु, दिल्ली डेयरडेविल्स, सनराइजर्स हैदराबाद और मुंबई इंडियंस जैसी टीमों में प्रतिभा दिखाई, लेकिन किंग्स इलेवन पंजाब का हिस्सा नहीं बने।

एक साक्षात्कार के दौरान पंजाबी किंग ने किंग्स इलेवन पंजाब टीम के माहौल को खराब और मैनेजमेंट को अनप्रोफेशनल करार दिया था। युवी का कहना था कि उन्हें बस पंजाब की टीम की जर्सी के अलावा और किसी चीज से प्यार नहीं था। इसके बाद नेस वाडिया और प्रीति जिंटा की मालिकाना हक वाली किंग्स इलेवन पंजाब का नाम अब बदलकर पंजाब किंग्स कर दिया गया। आईपीएल शुरू होने के 15 साल बाद भी टीम अपने पहले खिताब की तलाश में है।

युवराज सिंह की क्रिकेट जगत में इस प्रकार रहा दौर
युवराज सिंह ने अपने करियर में 304 वनडे मैच खेले थे। जिनकी 278 पारियों में 36.55 की औसत और 87.67 की स्ट्राइक रेट से कुल 8701 रन बनाए थे। इस दौरान युवराज ने 14 शतक और 52 अर्धशतक लगाए, जबकि उनका बेस्ट स्कोर 150 रनों का रहा।

टी-20 फॉर्मेट में युवराज सिंह ने कुल 58 मैच खेलें, जिनकी 51 पारियों में 28.02 की औसत और 136.38 की स्ट्राइक रेट से कुल 1177 रन बनाए। इस दौरान युवराज ने 8 बार अर्धशतकीय पारियां खेली। उनका बेस्ट स्कोर नाबाद 77 रनों का रहा। टेस्ट फॉर्मेट में युवराज सिंह ने कुल 40 मैच खेले थे, जिनकी 62 पारियों में कुल 33.92 की औसत से उन्होंने 1900 रन बनाए थे। इस दौरान युवराज ने 3 शतक और 11 अर्धशतक भी लगाए। उनका बेस्ट स्कोर 169 रनों का रहा।

युवी ने इन उपलब्धियों से बनाया समर्थकों को दिवाना
– युवराज सिंह वर्ष 2000 चैंपियंस ट्रॉफी क्वार्टर फाइनल में प्लेयर ऑफ द मैच चुने गए।
– वर्ष 2007 के टी-20 वर्ल्ड कप पर विजय हासिल करने में अहम भूमिका निभाई।
– वर्ष 2007 के टी-20 वर्ल्ड कप में इंग्लैंड के खिलाफ 12 गेंदों में सबसे तेज 50 रन बनाए।
– वर्ष 2007 के टी-20 वर्ल्ड कप में इंग्लैंड के खिलाफ स्टुअर्ट ब्रॉड के एक ओवर में 6 छक्के जड़कर लोगों के दिलों में जगह बनाई।

– वर्ष 2007 के टी-20 वर्ल्ड कप सेमीफाइनल में ऑस्ट्रेलिया की बेस्ट टीम के खिलाफ 30 गेंदों में 70 रनों की शानदार पारी खेली।
– वर्ष 2007 के टी-20 वर्ल्ड कप सेमीफाइनल के प्लेयर ऑफ द मैच चुने गए।
– युवराज सिंह को वर्ष 2011 के वर्ल्ड कप के क्वार्टर फाइनल में प्लेयर ऑफ द मैच का खिताब मिला।

– वर्ष 2011 के वर्ल्ड कप में 362 रन बनाकर और 15 विकेट लेकर भारतीय टीम में अपनी छाप छोड़ी।
– वर्ष 2011 के वर्ल्ड कप के प्लेयर ऑफ द टूर्नामेंट का खिताब अपने नाम किया। चैंपियंस ट्रॉफी जीतने वाली टीम का हिस्सा बने।
– आईपीएल चैंपियन टीम का हिस्सा रहे।
