वन नेशन वन इलेक्शन की तैयारी की बात देश में हलचल मचा रही है। पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद अध्यक्षित कमेटी ने इसे लेकर तैयारी करने का खाका तैयार किया है। इसके अनुसार 2029 से यह प्रस्ताव लागू हो सकता है। इसके लिए दिसंबर 2026 तक 25 राज्यों में विधानसभा चुनाव होंगे।
बता दें कि मध्यप्रदेश, राजस्थान, तेलंगाना, छत्तीसगढ़ और मिजोरम इसमें शामिल नहीं हैं, क्योंकि इन राज्यों में चुनावी नतीजे हाल ही में आए हैं, इसलिए इन राज्यों की विधानसभाओं का कार्यकाल 6 महीने बढ़ाकर जून 2029 तक किया जाएगा। इसके बाद सभी राज्यों में एक साथ विधानसभा-लोकसभा चुनाव होंगे। इस नए प्रस्ताव के तहत तीन स्टेज होंगे। पहला चरण जून 2024 में होगा, जिसमें 8 राज्यों में वोटिंग होगी। उसके बाद दूसरा चरण नवंबर 2025 में होगा, जिसमें 6 राज्यों में वोटिंग होगी। तीसरा चरण दिसंबर 2026 में होगा, जिसमें 11 राज्यों में वोटिंग होगी। यह प्रस्ताव उन राज्यों के कार्यकाल को भी बढ़ा सकता है, जिनमें हाल ही में चुनाव हुए हैं। इसके बाद सभी विधानसभाओं का कार्यकाल जून 2029 में समाप्त होगा।
वन नेशन वन इलेक्शन का अर्थ
वन नेशन वन इलेक्शन का अर्थ है कि पूरे देश में एक ही दिन या समय पर लोकसभा और विधानसभा के चुनाव होंगे। इससे मतदाताओं को एक साथ सभी स्तरों पर वोट डालने का मौका मिलेगा। भारत में पहले 1952, 1957, 1962 और 1967 में लोकसभा और विधानसभा के चुनाव एक साथ होते थे, लेकिन इसके बाद कई बार इस परंपरा में बदलाव हुआ।
8 मेंबर की बनाई कमेटी, लोकतंत्र को मजबूती देने का प्रयास
इस प्रस्ताव के बारे में अधिक जानकारी के लिए विधि आयोग से भी राय ली जा रही है, जिसमें स्थानीय निकायों के चुनावों को भी शामिल करने की बात कही जा रही है। इसके लिए एक 8 मेंबर की कमेटी बनाई गई है, जिसमें पूर्व राष्ट्रपति कोविंद, गृह मंत्री अमित शाह, पूर्व सांसद गुलाम नबी आजाद, और केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल शामिल हैं। यह प्रस्ताव देश के लोकतंत्र को मजबूती और संवेदनशीलता से भरने का प्रयास है, ताकि सभी मतदाताओं को समान अधिकार और मौका मिले।