ओडिशा के पुरी(Puri of Odisha) में जगन्नाथ मंदिर(Jagannath temple) के भीतरी रत्न भंडार(inner Ratna Bhandar) के दूसरी बार फिर से खुलने का मामला सामने आया है। जिसको लेकर राज्य सरकार की ओर से गठित हाई कमेटी के 11 सदस्यों की टीम(team of 11 members) भंडार के अंदर पहुंची। जिसमें गठित समिति के अध्यक्ष और उड़ीसा उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश, न्यायमूर्ति विश्वनाथ रथ(Justice Vishwanath Rath) और अन्य अधिकारी मौजूद रहे।
बताया जा रहा है कि भंडार के तीसरे कमरे में मोटे कांच की चार अलमारियां और तीन संदूक मिले। वहीं अलमारी और संदूक के अंदर कई सारे बॉक्स रखे हुए मिले, जिनमें सोना भरा हुआ था। मंदिर के पहले कमरे में 3.48 किलोग्राम, दूसरे कमरे में 95.32 किलोग्राम और तीसरे कमरे में 50.6 किलोग्राम सोना मिला। वही चांदी की बात करें तो पहले कमरे में 30.35 किलोग्राम चांदी मिली। वही दूसरे कमरे में 19.48 किलोग्राम और तीसरे कमरे में 134.50 किलोग्राम चांदी मिली। बता दें कि दुनियाभर में बसे करोड़ों हिंदुओं के साथ-साथ देशभर की निगाहें मंदिर पर टिकी हुई हैं। वही मंदिर के तीनों कमरों में मिले सोना-चांदी को स्टॉर रूम में शिफ्ट किया जा चुका है। इस कार्य को पूरा करने में टीम को करीब 7 घंटे का समय लगा।

जगन्नाथ मंदिर के बाहरी कक्ष में मिले रत्न और पत्थरों का हिसाब लगाना आसान नहीं है। हालांकि दोनों भंडारों में जो सोना-चांदी मिला है, उसकी प्रारंभिक अनुमानित कीमत 100 करोड़ रुपए से भी ज्यादा बताई जा रही हैं और यही नहीं जगन्नाथ मंदिर खोलने पर सारे सदस्य पूरे दिन उपवास पर रहे। अंदर का दरवाजा ट्रेजरी से आई चाॅबी से खोला गया। पूरे कमरे में अंधेरा था, इसलिए इस बार रेडियम के साथ हैलोजन लाइट्स अंदर पहुंचाई गई। लाइट्स ऑन होते ही पूरा भंडार रोशन हो गया था।

क्यों लिया 4 दिन बाद खोलने का निर्णय
इससे पहले 14 जुलाई को 46 साल बाद रत्न भंडार को खोला गया था। जिसमें आउटर रत्न भंडार का सामान 6 संदूकों में शिफ्ट करके सील किया गया था। इसमें रखा सोना-चांदी स्टॉर रूम में शिफ्ट किया जा चुका है और उसी दिन भीतरी रत्न भंडार खोला गया था। तब उस वक्त दरवाजा खोलते हुए काफी मात्रा में चमगादड़ निकले थे और अंदर बहुत अंधेरा था और गंदगी थी, इसलिए समिति ने पूरे इंतजामों के साथ चार दिन बाद भीतरी रत्न भंडार दोबारा खोलना तय किया था।
