🌹 दिनांक : 31 अगस्त 2023🌷
🌹 दिन – गुरूवार🌷
🌹 विक्रम संवत – 2080🌷
🌹 शक संवत – 1945🌷
🌹 अयन – दक्षिणायन🌷
🌹 ऋतु – वर्षा ॠतु🌷
🌹 मास – श्रावण🌷
🌹 पक्ष – शुक्ल पक्ष🌷
🌹 तिथि – पूर्णिमा🌷
🌹 नक्षत्र – शतभिषा🌷
🌹 योग – सुकर्मा🌷
🌹 सूर्योदय – सुबह 5:59 पर🌷
🌹 सूर्यास्त- शाम 6:43 पर🌷
🌹 प्रथम करण – बालव🌷
🌹 द्वितीय करण – कौलव🌷
🌹 दिशाशूल- दक्षिण🌷
🌹 चंद्रराशि – कुंभ🌷
🌹 सूर्यराशि – सिंह🌷
🌹 शुभमुहूर्त – अभिजीत🌷
🎍🍎🌷🍎🍇🍎🌷🍎🎍
पंचांग की जरूरत :
पंचांग का उपयोग मुख्यत्वे, काल गणना, तिथि वार, व्रत, शुभ मुहूर्त, देखने के लिए पंचांग का उपयोग किया जाता है. ज्योतिष गाइड के दैनिक पंचांग में नक्षत्र, योग, करन सहित, शुभ-अशुभ समय, मुहूर्त, चंद्र बल, तारा बल पंचांग में आसानीसे उपलब्ध है। पंचांग का निर्धारण, ब्रम्हांड की गति पर निर्भर है. इसलिए जैसे जैसे पृथ्वी भ्रमण करती है, पंचांग समय क्षेत्र के अनुसार बदलता दिखाई देता है. इसलिए एक ही पंचांग अलग-अलग क्षेत्रों के लिए अलग अलग हो सकता है, इसलिए सही पंचांग का समय निर्धारण के लिए, क्षेत्र को चुनना अति महत्वपूर्ण है।
🎍🍎🌷🍎🍇🍎🌷🍎🎍
नक्षत्र :
आकाश मंडल में एक तारा समूह को नक्षत्र कहा जाता है। इसमें 27 नक्षत्र होते हैं और नौ ग्रहों को इन नक्षत्रों का स्वामित्व प्राप्त है। 27 नक्षत्रों के नाम- अश्विन नक्षत्र, भरणी नक्षत्र, कृत्तिका नक्षत्र, रोहिणी नक्षत्र, मृगशिरा नक्षत्र, आर्द्रा नक्षत्र, पुनर्वसु नक्षत्र, पुष्य नक्षत्र, आश्लेषा नक्षत्र, मघा नक्षत्र, पूर्वाफाल्गुनी नक्षत्र, उत्तराफाल्गुनी नक्षत्र, हस्त नक्षत्र, चित्रा नक्षत्र, स्वाति नक्षत्र, विशाखा नक्षत्र, अनुराधा नक्षत्र, ज्येष्ठा नक्षत्र, मूल नक्षत्र, पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र, उत्तराषाढ़ा नक्षत्र, श्रवण नक्षत्र, घनिष्ठा नक्षत्र, शतभिषा नक्षत्र, पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र, उत्तराभाद्रपद नक्षत्र, रेवती नक्षत्र।
🎍🍎🌷🍎🍇🍎🌷🍎🎍
योग :
नक्षत्र की भांति योग भी 27 प्रकार के होते हैं। सूर्य-चंद्र की विशेष दूरियों की स्थितियों को योग कहा जाता है। दूरियों के आधार पर बनने वाले 27 योगों के नाम – विष्कुम्भ, प्रीति, आयुष्मान, सौभाग्य, शोभन, अतिगण्ड, सुकर्मा, धृति, शूल, गण्ड, वृद्धि, ध्रुव, व्याघात, हर्षण, वज्र, सिद्धि, व्यातीपात, वरीयान, परिघ, शिव, सिद्ध, साध्य, शुभ, शुक्ल, ब्रह्म, इन्द्र और वैधृति।
🎍🍎🌷🍎🍇🍎🌷🍎🎍
करण :
एक तिथि में दो करण होते हैं। एक तिथि के पूर्वार्ध में और एक तिथि के उत्तरार्ध में। ऐसे कुल 11 करण होते हैं जिनके नाम इस प्रकार हैं – बव, बालव, कौलव, तैतिल, गर, वणिज, विष्टि, शकुनि, चतुष्पाद, नाग और किस्तुघ्न। विष्टि करण को भद्रा कहते हैं और भद्रा में शुभ कार्य वर्जित माने गए हैं।
🎍🍎🌷🍎🍇🍎🌷🍎🎍
विशेष :
रक्षाबंधन का पर्व सावन माह की पूर्णिमा तिथि पर मनाने की परम्परा होती है, लेकिन इस बार सावन पूर्णिमा तिथि 30-31 अगस्त दोनों ही दिन रही। साथ ही श्रावन पूर्णिमा तिथि के साथ भद्राकाल भी शुरू हो जाएगी। श्रावण पूर्णिमा तिथि पर भद्राकाल न हो, लेकिन इस वर्ष श्रावण पूर्णिमा तिथि के साथ भद्राकाल लग रहा है।
🎍🍎🌷🍎🍇🍎🌷🍎🎍
राशिफल :



मेष राशि : (चू, चे, चो, ला, ली, लू, ले, लो, आ)

मन शान्त रहेगा, आत्मविश्वास भरपूर रहेगा, परन्तु परिवार में सामन्जस्य बनाए रखने के प्रयास करें। किसी मित्र के सहयोग से कारोबार में वृद्धि होगी, संयत रहें। माता को स्वास्थ्य विकार हो सकते हैं। नकारात्मक विचारों का प्रभाव हो सकता है, धर्म-कर्म में रुचि बढ़ेगी। नौकरी में परिवर्तन की सम्भावना बन रही है, रहन सहन अव्यवस्थित रहेगा, लंबी यात्रा के योग हैं।


वृष राशि : (ई, उ, ए, ओ, वा, वी, वू, वे, वो)

वाणी के प्रभाव से रुके हुए कार्य पूर्ण होंगे, नौकरी में कोई अतिरिक्त जिम्मेदारी मिल सकती है। परिश्रम अधिक रहेगा, स्वास्थ्य के प्रति सचेत रहें। मन में नकारात्मकता का प्रभाव रहेगा, क्रोध एवं आवेश की अधिकता रहेगी। आशा-निराशा के मिश्रित भाव मन में रहेंगे, कार्यक्षेत्र में कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है। मित्रों का सहयोग मिलेगा, शैक्षिक एवं बौद्धिक कार्यों में सफलता मिलेगी।


मिथुन राशि : (का, की, कू, घ, ङ, छ, के, को, ह)

आत्मविश्वास बहुत रहेगा, परन्तु मन परेशान हो सकता है, परिवार का साथ मिलेगा। कार्यक्षेत्र में कुछ कठिनाइयां आ सकती हैं, स्वास्थ्य का ध्यान रखें। आत्मविश्वास भरपूर रहेगा, शैक्षिक कार्यों में कठिनाइयां आ सकती हैं। सचेत रहें, मानसिक चिताएं अभी परेशान करती रहेंगी, आय में बाधा आ सकती है। धन का अभाव रहेगा, पिता को स्वास्थ्य विकार हो सकते हैं।


कर्क राशि : (ही, हू, हे, हो, डा, डी, डु, डे, डो)

संयत रहें, मन परेशान रहेगा, शैक्षिक कार्यों के सुखद परिणाम मिलेंगे। किसी मित्र के सहयोग से नौकरी के अवसर मिल सकते हैं, आय में वृद्धि होगी। सन्तान को कष्ट हो सकता है, शैक्षिक कार्यों में व्यवधान आ सकते हैं। क्रोध एवं आवेश के अतिरेक से बचें, पारिवारिक समस्याएं परेशान कर सकती हैं। स्वास्थ्य के प्रति सचेत रहें, खर्च की अधिकता से परेशान हो सकते हैं।


सिंह राशि : (मा, मी, मू, मे, मो, टा, टी, टू, टे)

मन में शान्ति एवं प्रसन्नता रहेगी, नौकरी में तरक्की के मार्ग प्रशस्त होंगे। कार्यक्षेत्र में वृद्धि होगी, वाहन सुख में वृद्धि हो सकती है। सन्तान के स्वास्थ्य का ध्यान रखें, वाणी में सौम्यता रहेगी, परन्तु धैर्यशीलता में कमी भी आ सकती है। मन में निराशा एवं असन्तोष के भाव रहेंगे, आय में कमी एवं खर्च अधिक की स्थिति रहेगी। व्यर्थ के विवाद हो सकते हैं। नौकरी में अफसरों से मतभेद हो सकते हैं।


कन्या राशि : (ढो, प, पी, पू, ष, ण, ठ, पे, पो)

मन प्रसन्न रहेगा, पठन-पाठन में रुचि रहेगी। शैक्षिक कार्यों के लिए विदेश जा सकते हैं, भागदौड़ अधिक रहेगी, मित्रों का सहयोग मिल सकता है। मन में शान्ति एवं प्रसन्नता के भाव रहेंगे, आत्मविश्वास में वृद्धि होगी। पारिवारिक जीवन कष्टमय रहेगा, स्वभाव में चिड़चिड़ापन रहेगा। कारोबार में वृद्धि होगी, लेकिन यथोचित लाभ संदिग्ध है। पारिवारिक जीवन सुखमय रहेगा, सेहत का ध्यान रखें।


तुला राशि : (र, री, रू, रे, रो, ता, ति, तू, ते)

धैर्यशीलता बनाये रखने के प्रयास करें, परिवार का साथ मिलेगा। कारोबार में वृद्धि होगी, लाभ के अवसर मिलेंगे, खर्च भी बढ़ेंगे, आत्मविश्वास में कमी रहेगी। वाणी में कठोरता का प्रभाव रहेगा, बातचीत में सन्तुलित रहें, धर्म-कर्म में रुचि रहेगी। किसी पैतृक सम्पत्ति की प्राप्ति के योग बन रहे हैं। मान-सम्मान में वृद्धि होगी। रहन-सहन कष्टमय रहेगा। पिता को स्वास्थ विकार हो सकते हैं।


वृश्चिक राशि : (तो, न, नी, नू, ने, नो, या, यि, यू)

आशा-निराशा के भाव मन में हो सकते हैं, शैक्षिक कार्यों में सफलता मिलेगी। आय में कमी एवं खर्चों में वृद्धि की स्थिति हो सकती है। स्वास्थ्य का ध्यान रखें, क्षणे रुष्टा-क्षणे तुष्टा की मन स्थिति रहेगी। पारिवारिक जीवन कष्टमय हो सकता है। मन में प्रसन्नता के भाव रहेंगे, पारिवारिक जीवन सुखमय रहेगा। वाहन सुख में वृद्धि हो सकती है, सन्तान को कष्ट होगा, विवाद हो सकता है।


धनु राशि : (य, यो, भा, भि, भू, ध, फा, ढ, भे)

आत्मसंयत रहें, क्रोध एवं आवेश के अतिरेक से बचें, परिवार का साथ मिलेगा। कारोबार में सुधार होगा, भाग-दौड़ की अधिकता रहेगी, स्वभाव में चिड़चिड़ापन रहेगा। आत्मविश्वास में कमी रहेगी, जीवनसाथी का साथ मिलेगा। पठन-पाठन में रुचि रहेगी, किसी मित्र के सहयोग से नौकरी के अवसर मिल सकते हैं। आय में वृद्धि होगी, परिवार से दूर जा सकते हैं, खर्चों की अधिकता रहेगी।


मकर राशि : (भो, जा, जी, खी, खू, खे, खो, गा, गी)

भवन सुख में वृद्धि होगी, परिवार में धार्मिक कार्य होंगे। जीवनसाथी के स्वास्थ्य का ध्यान रखें। सन्तान सुख में वृद्धि होगी, कारोबार में वृद्धि होगी। स्वास्थ्य का ध्यान रखें, आत्मविश्वास भरपूर रहेगा। शैक्षिक एवं शोधादि कार्यों में सफलता मिलेगी। क्रोध की अधिकता रहेगी, मित्रों से नोकझोंक हो सकती है। माता का सहयोग मिलेगा। परिवार का सहयोग मिलेगा, बातचीत में संयत रहें।


कुम्भ राशि : (गू, गे, गो, स, सी, सू, से, सो, द)

मन शान्त रहेगा, वाहन सुख में वृद्धि हो सकती है। माता का सानिध्य मिल सकता है। कारोबार से आय में वृद्धि होगी, मानसिक तनाव ये परेशान हो सकते हैं। खर्चों की अधिकता एवं आय में कमी से चिन्तित रहेंगे। नकारात्मक विचारों का प्रभाव हो सकता है। कार्यक्षेत्र में विपरीत परिस्थितियों का सामना करना पड़ सकता है। पिता का सहयोग मिल सकता है, यात्रा के योग हैं।


मीन राशि : (दी, दू, थ, झ, ञ, दे, दो, च, ची)

आत्मविश्वास भरपूर रहेगा, संयत रहें, व्यर्थ के क्रोध एवं वाद-विवाद से बचें। सन्तान के स्वास्थ्य का ध्यान रखें। नौकरी में स्थान परिवर्तन के योग बन रहें हैं। मानसिक शान्ति रहेगी, परन्तु कार्यक्षेत्र में कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है। किसी पैतृक सम्पत्ति से धन लाभ के योग बन रहे हैं। संचित धन में वृद्धि होगी। कारोबार में लाभ के अवसर मिल सकते हैं, मित्रों से भेंट होगी।

(पं. देवनारायण उपाध्याय, वरिष्ठ ज्योतिषाचार्य, पानीपत)
