किसान नेता राकेश टिकैत ने भाजपा सरकार पर हमला करते हुए कहा कि भारतीय किसान यूनियन ने ट्रैक्टर प्रमुख बना दिए हैं। यह ट्रैक्टर प्रमुख प्रदेश में पन्ना प्रमुखों का इलाज करेंगे। छोटी इकाई से काम किया जाएगा। जितने भी ट्रैक्टर आंदोलन में चल रहे हैं या जिन्हें ट्रैक्टर प्रमुख बनना है, वह अपना नाम और पता जिला कमेटी को दे दें। इसके बाद हेडक्वार्टर से ट्रैक्टर प्रमुखों को कार्ड भी बनाकर दिए जाएंगे।
किसान नेता राकेश टिकैत सोमवार को चंडीगढ़ जाते हुए करनाल के सेक्टर-12 स्थित जाट भवन पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने किसानों की समस्याओं को भी सुना। राकेश टिकैत ने व्यापारियों द्वारा बासमती धान की खरीद बंद किए जाने पर अपना पक्ष रखते हुए कहा कि यह व्यापारियों की सरकार है। यह पूरे देश में बंद करेंगे, क्योंकि अगर बंद करेंगे तो बासमती सस्ता हो जाएगा और व्यापारी उसे सस्ते में खरीदेंगे और महंगे में बेचेंगे। राकेश टिकैत ने कहा कि बिहार में 800 से 1200 रुपये क्विंटल तक धान खरीद जाता है। जिसे हरियाणा के गोदामों में लाया जा रहा है। फिर उसी फसल को किसानों के नाम पर महंगे दामों पर बेच दिया जाता है। अब किसानों की आवाज को पूरे देश में उठाने का काम किया जाएगा। जल्द ही तमिलनाडू जाकर भी किसानों को जागरूक करेंगे। मंडिया बंद करके बिहार के किसान को बर्बाद कर दिया गया है। पूरे देश के किसानों को लेबर बनाने का काम किया जा रहा है।
देशभर में किसानों को जगह-जगह धरना देने पर किया जा रहा मजबूर
राकेश टिकैत ने कहा कि धान की खरीद को लेकर किसान चिंतित है। किसानों को उनका बकाया और मुआवजा नहीं दिया जा रहा है। जिसको लेकर किसान वर्ग जगह-जगह धरना देने को मजबूर है। यह स्थिति हरियाणा ही नहीं, बल्कि देशभर के किसानों की है। कई जगह आंदोलन चल रहे हैं। आज यहां किसानों और कमेटियों से बातचीत की जाएगी। इसके बाद कल यमुनानगर में किसानों की समस्याओं को सुना जाएगा।
टिकैत ने कहा कि हरियाणा में मौसम के करवट लेने के साथ किसानों की चिंता बढ़ गई है। व्यापारी वर्ग फसल आने पर खरीद को बंद कर देता है, जबकि पहले बाहर से भी धान आता था और प्रदेश के किसानों की फसलों को भी खरीदा जाता था। अब हरियाणा के किसानों की फसलों को ही नहीं खरीदा जा रहा है। इसका कारण यह भी है कि बड़ा व्यापारी वर्ग बाहर से धान खरीदकर लाता है, जिसे यहां के किसानों के नामों पर धान को बेच देता है।
बिना पराली धान उगाने की टैक्नोलॉजी बताए सरकार, उपकरणों पर टैक्स खत्म करने की मांग
किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि बिना पराली के धान को नहीं उगाया जा सकता है। सरकार को चाहिए कि वह किसान वर्ग को बिना पराली के धान उगाने की टैक्नोलोजी बताए, लेकिन सरकार की ओर से फरमान जारी कर दिया जाता है कि पराली मत जलाओ। ऐसे में सरकार की जिम्मेदारी बनती है कि किसानों को पराली के निस्तारण की विधि बताए। टिकैत ने कहा कि बिना पराली धान कैसे पैदा हो सकता है। पराली प्रबंधन के उपकरणों को कॉमर्शियल बताकर इतना मोटा टैक्स लगाया हुआ है। यह टैक्स खत्म होना चाहिए।
फिर करने पड़ेंगे बड़े आंदोलन, राजनीतिक पार्टियों ने किया हमारा नुकसान
राकेश टिकैत ने कहा कि किसान वर्ग की ओर से और बड़े आंदोलन किए जाएंगे। हमारा सबसे ज्यादा नुकसान राजनीतिक पार्टियों ने किया है। विपक्ष मुद्दे उठाने और अपनी लड़ाई लड़ने में असमर्थ है। जनता ने इन्हें वोट नहीं दिए और जीत भी इनकी हुई। उन्होंने कहा कि भाजपा का हारा हुआ प्रत्याशी में जीत का सर्टिफिकेट लेकर जाता है। यह पूरे देश में हो रहा है। हम किसी पार्टी से संबंध नहीं रखते हैं। यह जिस हथियार का इस्तेमाल करते हैं, वह राजनीति का हथियार है। राकेश टिकैत ने कहा कि जिन लोगों को चुनाव लड़ना है, वह अपनी वोटों की पहरेदारी करे। अकेले किसी पर भरोसा न करें।
हम शुभकामनाएं देते हैं गुरनाम सिंह चढूनी मुख्यमंत्री बन जाएं, हमारा भी पीछा छूटे
गुरनाम सिंह चढूनी पर कटाक्ष करते हुए कहा कि वह उन्हें शुभकामनाएं देते हैं कि चढूनी मुख्यमंत्री बन जाए। जिससे उनका भी गुरनाम सिंह चढूनी से पीछा छुट जाए। भाजपा पन्ना प्रमुख बना रही है तो हम ट्रैक्टर प्रमुख बनाकर किसानों को सजग करने का काम कर रहे हैं। हमारे ट्रैक्टर प्रमुख खेतों में काम कर रहे हैं, लेकिन उसकी मेहनत की भरपाई नहीं की जा रही है। उन्होंने कहा कि आज देश को बड़े आंदोलन की जरूरत है। जिसके लिए किसानों को जागरूक करने का काम किया जा रहा है।
हमारी राजनीतिक नहीं, किसान के हक के लिए है लड़ाई, देश में बनाया जाए एमएसपी गारंटी कानून
किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि हमारी लड़ाई कोई राजनीतिक लड़ाई नहीं है। हमारी लड़ाई सिर्फ किसान वर्ग के हितों को लेकर है। बिहार में मंडियां बंद करके किसान वर्ग को परेशान किया जा रहा है, जिसको लेकर वहां भी आंदोलन किया जा रहा है। 2006 में बिहार की मंडियों को खत्म कर दिया गया। बिहार में धान 800 रुपये के भाव से बिक रहा है। पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश के किसानों का धान एमएसपी पर बिक रहा है। जिससे इन जगहों पर किसानों को भी नुकसान पहुंच रहा है। उन्होंने कहा कि किसान वर्ग की मांग है कि देश में एमएसपी गारंटी कानून बनाया जाए।
किसान नेता टिकैत ने गठबंधन पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि गठबंधन अपनी जगह ठीक है, लेकिन मजबूती के साथ काम करना जरूरी है। घर में सोने से काम नहीं चलता। ऐसे में आमजन को भी सजग होना जरूरी है। यह सरकार काफी खतरनाक है, जो आम आदमी को दबाने का तरीका जानती है। अब देश में दो ही रास्ते बचे हैं, संघर्ष करो और जिंदा रहो। सरकार की मंशा छोटे-छोटे किसान संगठन बनाकर किसान वर्ग की मजबूती को खत्म करना है। यह कदम उठाकर बड़े किसान संगठनों को खत्म करने का काम किया जा रहा है। सरकार आगे भी छोटे किसान संगठन बनवा सकती है। उन्होंने कहा कि सरकार जातिगत और फसलों संबंधी अलग-अलग किसान संगठन बनवा सकती है। यह सरकार के एजेंडे में शामिल है।