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पाकिस्तान में तेल, भारत में टैरिफ! ट्रंप की चाल में छिपा क्या है राज?

देश

अमेरिका-पाकिस्तान के बीच नई ऑयल डील
ट्रंप बोले- भारत एक दिन पाकिस्तान से तेल खरीदे तो चौंकिए मत
पाकिस्तान में ऑयल फील्ड डेवेलप करेगा अमेरिका


अमेरिका और पाकिस्तान के बीच तेल व्यापार को लेकर बड़ी डील सामने आई है। पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक अहम ऐलान करते हुए कहा है कि अमेरिका अब पाकिस्तान में ऑयल फील्ड्स विकसित करेगा। यह समझौता ऐसे समय पर हुआ है जब अमेरिका ने हाल ही में भारत पर स्टील-एल्युमिनियम टैरिफ दोबारा लागू किए हैं, जिससे दोनों देशों के व्यापारिक रिश्तों में तनाव आया है। ट्रंप के इस बयान ने भारत-पाकिस्तान-अमेरिका के त्रिकोणीय समीकरण में नई हलचल पैदा कर दी है।

ट्रंप ने बयान में कहा, “हम पाकिस्तान में एक बेहद प्रॉमिसिंग ऑयल एक्सप्लोरेशन डील पर काम कर रहे हैं। हो सकता है एक दिन भारत भी पाकिस्तान से तेल खरीदे, ये भी संभव है।” ट्रंप का यह बयान न केवल क्षेत्रीय रणनीति को प्रभावित करता है, बल्कि भारत की ऊर्जा नीति और विदेश नीति के लिए एक अप्रत्याशित चुनौती भी बन सकता है।

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अमेरिका और पाकिस्तान की यह डील सिंध और बलूचिस्तान के संभावित ऑयल रिज़र्व्स को केंद्र में रखकर बनाई गई है। अमेरिका की एनर्जी एक्सप्लोरेशन कंपनियां पाकिस्तान के साउथ-वेस्ट क्षेत्रों में ड्रिलिंग और रिफाइनरी इंफ्रास्ट्रक्चर विकसित करेंगी। अमेरिका इससे पाकिस्तान में आर्थिक स्थिरता और ऊर्जा आत्मनिर्भरता को मजबूत करने का दावा कर रहा है।

ट्रंप का यह बयान ऐसे वक्त पर आया है जब अमेरिका और भारत के बीच टैरिफ वॉर दोबारा गर्म हो गया है। भारत से आयात होने वाले स्टील और एल्युमिनियम पर अमेरिका ने पुन: टैरिफ लगा दिए हैं, जिसके जवाब में भारत ने भी कड़े कदम उठाने की तैयारी कर ली है। ऐसे में ट्रंप का पाकिस्तान के प्रति झुकाव और भारत को अप्रत्यक्ष रूप से चेतावनी देना, एक राजनीतिक-सामरिक संकेत माना जा रहा है।

ट्रंप की इस पहल को कई विशेषज्ञ चीन के बढ़ते प्रभाव को संतुलित करने की रणनीति भी मान रहे हैं। पाकिस्तान में चीन पहले ही CPEC जैसे बड़े निवेश कर चुका है। ऐसे में अमेरिका वहां पैर जमाकर चीन की पकड़ को कमजोर करना चाहता है।

हालांकि भारत सरकार की ओर से इस बयान पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है, लेकिन विदेश नीति के जानकारों का मानना है कि अमेरिका का यह रुख भारत के लिए रणनीतिक असहजता पैदा कर सकता है।