➤UER-2 रोड से गुरुग्राम-एयरपोर्ट पहुंचना आसान
➤सफर में टोल देना होगा 235 से 350 रुपए
➤खामियां भी सामने आईं, पेट्रोल पंप-रेस्ट एरिया नहीं
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अर्बन एक्सटेंशन रोड-2 (UER-2) का उद्घाटन करते हुए दावा किया था कि इसके जरिए गुरुग्राम और दिल्ली एयरपोर्ट तक की दूरी महज एक घंटे में पूरी होगी। इस दौरान उन्होंने कहा था कि इस सड़क पर गाड़ियां 100 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चलेंगी और सफर में कहीं भी न तो ट्रैफिक जाम मिलेगा और न ही कोई ब्रेकर या ट्रैफिक लाइट।
उद्घाटन के अगले ही दिन सड़क का रियलिटी चेक किया गया। जांच में यह तो सही पाया गया कि सिंघु बॉर्डर (बकौली) से गुरुग्राम तक लगभग एक घंटे में पहुंचना संभव है, लेकिन एक अहम तथ्य सामने आया कि इस आसान सफर की कीमत भी चुकानी होगी। दरअसल, इस मार्ग पर टोल शुल्क लागू होने वाला है। बक्करवाला टोल प्लाजा पर कार से एक तरफ का टोल 235 रुपए और आने-जाने का शुल्क 350 रुपए तय किया गया है। वहीं, सोनीपत से वाया बवाना आने पर करीब 310 रुपए टोल देना होगा।
रविवार सुबह 7:30 बजे बकौली से सफर शुरू किया गया। आधे घंटे से कम समय में टीम मुंडका पहुंच गई। मुंडका से आगे बक्करवाला टोल प्लाजा मिला, जहां अभी वसूली शुरू नहीं हुई है लेकिन NHAI ने बोर्ड लगा दिया है। खास बात यह रही कि रोहतक और बहादुरगढ़ से आने वालों को कोई टोल नहीं देना पड़ेगा, क्योंकि उनका रास्ता टोल प्लाजा से पहले ही UER-2 से जुड़ता है।
इसके बाद टीम द्वारका एक्सप्रेसवे जंक्शन और फिर गुरुग्राम टनल तक पहुंची। टनल में ट्रैफिक जाम नहीं मिला, लेकिन महिपालपुर से गुरुग्राम की तरफ आने वाले हिस्से में ट्रैफिक धीमा नजर आया। इसके बावजूद टनल से निकलकर सिर्फ 8 मिनट में गुरुग्राम बॉर्डर रजोकरी पहुंचना संभव हुआ। कुल मिलाकर बकौली से गुरुग्राम एंबिएंस मॉल तक का सफर 1 घंटे 10 मिनट में पूरा हो गया। इस दौरान गाड़ी की स्पीड 80 से 100 किमी/घंटा के बीच रही।
सफर के दौरान यह भी अनुभव किया गया कि सड़क की बनावट ऐसी है कि तेज स्पीड पर भी झटके महसूस नहीं होते, हालांकि पुल के छोटे-छोटे जॉइंट्स पर हल्के झटके जरूर लगते हैं।
खामियों की बात करें तो नए एक्सप्रेसवे पर ट्रैक्टर, बाइक और ऑटो प्रतिबंधित हैं, लेकिन कई जगह इनकी आवाजाही देखी गई। जगह-जगह अभी निर्माण कार्य और बैरिकेड्स पड़े हैं। LED स्क्रीन, CCTV कैमरे अभी चालू नहीं किए गए हैं। साथ ही पूरी सड़क पर पेट्रोल पंप और रेस्ट एरिया जैसी सुविधाएं नहीं मिलीं।
UER-2 के फायदों की बात करें तो यह बवाना, नरेला, कंझावला, मुंडका, द्वारका, सोनीपत, रोहतक, जींद और बहादुरगढ़ को जोड़ता है। इसे दिल्ली-चंडीगढ़ हाईवे और द्वारका एक्सप्रेसवे सहित कई राष्ट्रीय मार्गों से कनेक्ट किया गया है। इसे तीसरी रिंग रोड के रूप में डिजाइन किया गया है जो दिल्ली की इनर और आउटर रिंग रोड को जोड़ता है। इससे न केवल दिल्ली-गुरुग्राम के बीच ट्रैफिक का दबाव कम होगा बल्कि आने वाले समय में यह क्षेत्र एक बड़े लॉजिस्टिक हब के रूप में भी विकसित हो सकता है।