Haryana Politics Update : हरियाणा में भारतीय जनता पार्टी और जननायक जनता पार्टी के बीच गठबंधन टूटने के चार दिन बाद केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कारण स्पष्ट किया है। अमित शाह ने कहा कि भाजपा का जजपा से गठबंधन टूटने का कारण कोई झगड़ा या मुद्दा नहीं है। आज भी दोनों पार्टियों के बीच अच्छे संबंध बरकरार हैं। हम विभाजित नहीं हैं। भाजपा और जजपा अलग हो गए हैं। इसमें कुछ गलत नहीं है।
साथ ही उन्होंने कहा कि हरियाणा में भाजपा-जजपा गठबंधन सीट बंटवारे पर सहमति बनाने में विफलता के कारण टूट गया है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह शुक्रवार रात दिल्ली में एक टीवी चैनल के साक्षात्कार में सवालों का जवाब दे रहे थे। इस दौरान अमित शाह ने हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल के कार्यों और क्षमता की भी प्रशंसा की। उन्होंने मनोहर लाल को केंद्र में एक बड़ी भूमिका में लेने का भी संकेत दिया।

वहीं उन्होंने बताया कि जजपा की सीटों को लेकर कुछ शर्तें थी, जिसे हम पूरा नहीं कर सकते थे। जजपा का कहना था कि उन्हें अधिक सीटें मिलनी चाहिए, लेकिन हम उन्हें इतनी सीट नहीं दे सकते थे। इसके बाद दोनों पार्टियों ने चुनाव से पहले ही अलग होने का निर्णय लिया।

वहीं हरियाणा में भाजपा-जजपा का गठबंधन टूटने के बाद दुष्यंत चौटाला ने कहा था कि जजपा भाजपा को सभी 10 सीट देने के लिए तैयार थी। साथ ही पार्टी की मांग थी कि हरियाणा में सरकार बुढ़ापा पेंशन को बढ़ाकर 5100 रुपये कर दें, जिसके लिए भाजपा तैयार नहीं हुई।

गौरतलब है कि गत 12 मार्च मंगलवार को भाजपा-जजपा के बीच गठबंधन टूट गया था। प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने अचानक चंडीगढ़ में विधायक दल की बैठक बुलाकर सभी को चौंकाने वाला काम किया था। इसके बाद उन्होंने फिर झटका देते हुए मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था।

वहीं हरियाणा के भाजपा प्रदेशाध्यक्ष नायब सिंह सैनी को विधायक दल की बैठक में नेता चुना गया था। शाम होते-होते नायब सैनी ने प्रदेश में फिर से भाजपा की सरकार बनाते हुए मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी।
