दिल्ली में दुकानों पर नेम प्लेट

दिल्ली में दुकानों पर नेम प्लेट: CM रेखा गुप्ता के फैसले पर सबकी नजर, क्या दिल्ली अपनाएगी यूपी मॉडल?

देश

● दिल्ली में दुकानों पर नेम प्लेट लगाने की मांग उठी
● भाजपा विधायक तरविंदर सिंह मारवाह ने CM रेखा गुप्ता को लिखा पत्र
● निजता के उल्लंघन का हवाला देते हुए कुछ लोग कर रहे विरोध

Delhi Shop Nameplates: दुकानों पर नेम प्लेट लगाने की मांग को लेकर सियासत गरमा गई है। जंगपुरा से भारतीय जनता पार्टी (BJP) के विधायक तरविंदर सिंह मारवाह ने मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता को पत्र लिखकर आग्रह किया है कि दिल्ली की सभी दुकानों पर उनके मालिकों के नाम स्पष्ट रूप से प्रदर्शित किए जाएं। उनका मानना है कि इससे व्यापार में पारदर्शिता आएगी और ग्राहकों को यह जानने में आसानी होगी कि वे किससे व्यापार कर रहे हैं।

हालांकि, इस प्रस्ताव का विरोध भी शुरू हो गया है। विरोधियों का तर्क है कि यह दुकानदारों की निजता का उल्लंघन है और इससे उनकी व्यक्तिगत जानकारी सार्वजनिक हो जाएगी, जिससे उन्हें परेशानी हो सकती है।

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यह प्रस्ताव उत्तर प्रदेश सरकार की उस नीति से मेल खाता है, जिसमें कांवड़ यात्रा के दौरान दुकानों पर नेम प्लेट लगाने का आदेश दिया गया था। यूपी सरकार का दावा था कि इससे कांवड़ियों को सुरक्षित भोजन और पानी मिलने में मदद मिलेगी। हालांकि, इस आदेश का कई संगठनों ने विरोध किया और इसे सांप्रदायिक रंग देने का आरोप लगाया। सुप्रीम कोर्ट ने बाद में इस आदेश पर रोक लगा दी थी और सरकार को निर्देश दिया था कि वह दुकानदारों की निजता का उल्लंघन किए बिना अन्य उपाय अपनाए।

दिल्ली में दुकानों पर नेम प्लेट लगाने की मांग इसलिए उठी है क्योंकि कुछ लोगों का मानना है कि कुछ व्यवसायी अपनी असली पहचान छिपाकर गलत गतिविधियों में संलिप्त हैं। उनका कहना है कि यदि दुकानों पर मालिकों के नाम स्पष्ट रूप से लिखे होंगे, तो इससे पारदर्शिता बढ़ेगी और गैरकानूनी गतिविधियों पर लगाम लगेगी

मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता की ओर से अभी तक इस मांग पर कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। हालांकि, सरकार इस मुद्दे को लेकर कानूनी और प्रशासनिक पहलुओं पर विचार कर सकती है। विपक्षी दलों का कहना है कि यह प्रस्ताव राजनीतिक लाभ के लिए लाया जा रहा है और इससे व्यापारियों की निजता खतरे में पड़ सकती है।