➤ पूर्णिया में एक ही परिवार के 5 सदस्यों की निर्मम हत्या, डायन बताकर अंजाम दिया गया कत्ल
➤ शवों को जला कर बोरों में भरकर तालाब में छिपाया गया, 80% तक जले थे शव
➤ मृतकों में बुजुर्ग, महिला, बहू-बेटा सभी शामिल, बेटे सोनू ने खुद देखा नरसंहार
विस्तृत खबर:
बिहार के पूर्णिया जिले में अंधविश्वास ने इंसानियत को शर्मसार कर दिया। गांव के लोगों ने एक ही परिवार के पांच लोगों को डायन बताकर पीट-पीटकर मार डाला और फिर उनके शवों को जलाकर तालाब में फेंक दिया। घटना रविवार रात की है, जब परिवार के सदस्य अचानक लापता हो गए थे। सोमवार शाम को डेढ़ किलोमीटर दूर स्थित तालाब से बोरी में बंद जले हुए शव बरामद हुए।
मारे गए लोगों में बाबूलाल उरांव, उनकी पत्नी सीता देवी, मां, बहू और बेटा शामिल हैं। पुलिस के मुताबिक बाबूलाल का परिवार झाड़-फूंक करता था, और गांव के एक बच्चे की मौत के बाद ग्रामीणों में अंधविश्वास फैल गया।
बाबूलाल के बेटे सोनू ने बताया, “मेरे सामने ही करीब 50 लोग घर में घुस आए और मेरी मां को डायन कहकर बांस से पीटना शुरू कर दिया। फिर पूरा परिवार को पीट-पीटकर मार डाला गया।“
पुलिस जांच में सामने आया है कि हत्या के बाद पांचों के शरीर पर डीजल छिड़का गया और उन्हें जिंदा जला दिया गया। आरोपी नकुल, जो अब पुलिस की गिरफ्त में है, ने कबूला कि मारपीट के बाद लाशों को जला कर तालाब में छिपाया गया।
शवों को जलकुंभियों के बीच छिपाया गया था और 80% तक जले हुए थे, जिससे पहचान कर पाना भी मुश्किल हो गया था। फिलहाल पुलिस ने कई आरोपियों को हिरासत में लिया है और मामले की तफ्तीश जारी है।
यह घटना सिर्फ एक परिवार की हत्या नहीं, बल्कि समाज में अंधविश्वास और कानून व्यवस्था की नाकामी का भी भयावह उदाहरण है।

	