इसरो ने नववर्ष 2024 का आगाज नया कदम बढ़ाकर किया है। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने आज साल के अपने पहले अंतरिक्ष मिशन में एक्स-रे पोलारिमीटर सैटेलाइट (XPoSat) को लॉन्च किया है। इस मिशन के माध्यम से अमेरिका के बाद भारत ब्लैक होल (आकाशगंगा) और न्यूट्रॉन सितारों का अध्ययन करने के लिए एक विशेष सैटेलाइट भेजने वाला दुनिया का दूसरा देश बन जाएगा। एक्स-रे पोलारिमीटर सैटेलाइट को आज सुबह 9:10 बजे आंध्रप्रदेश के श्रीहरिकोटा के सतीश धवन स्पेस सेंटर से लॉन्च किया गया।
गौरतलब है कि इसरो ने एक्स-रे पोलारिमीटर सैटेलाइट (एक्सपोसैट) मिशन को लॉन्च किया है। वर्ष 2023 में चंद्रयान-3 मिशन के जरिए चांद पर पहुंचने और आदित्य एल-1 मिशन के जरिए सूर्य तक सफर की शुरुआत के बाद इसरो ने इस साल स्पेस सेक्टर में अपना पहला कदम बढ़ाया है। बता दें कि XPoSat में ब्लैक होल और न्यूट्रॉन स्टार्स की स्टडी के लिए दो पेलोड पोलिक्स और एक्सपेक्ट लगे हैं। इन्हें 21 मिनट बाद पृथ्वी की 650 किमी ऊपर की कक्षा में स्थापित किया गया। यह भारत का पहला और वर्ष 2021 में लॉन्च नासा के इमेजिंग एक्स-रे पोलरिमेट्री एक्सप्लोरर (आईएक्सपीई) के बाद दुनिया का दूसरा पोलरिमेट्री मिशन है।
इसके अलावा स्पेस टेक स्टार्टअप ध्रुव स्पेस, बेलाट्रिक्स एयरोस्पेस, TM2स्पेस के पेलोड भी PSLV रॉकेट के साथ भेजे गए हैं। कुल 10 पेलोड इस रॉकेट के साथ भेजे गए हैं। इसरो का यह मिशन करीब पांच साल का होने वाला है। चंद्रयान-3 और आदित्य एल1 मिशन के बाद यह देश का अंतरिक्ष अन्वेषण की दिशा में एक नया ऐतिहासिक कदम होगा।
इसरो की इस सफलता पर केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने ट्वीट कर बधाई दी है। उनका कहना है कि मिशन का सफल प्रक्षेपण। ऐसे समय में अंतरिक्ष विभाग के साथ जुड़ने पर गर्व है, जब टीम इसरो प्रधानमंत्री मोदी के संरक्षण से एक के बाद एक सफलता हासिल कर रही है।
वहीं इसरो के चेयरमैन एस सोमनाथ का कहना है कि रॉकेट की चौथी स्टेज को एक्सपेरिमेंट के लिए 650 किमी ऊपर रखा जा सकता था, लेकिन इससे स्पेस में डेब्री (कचरा) क्रिएट होता। जिसके कारण चौथी स्टेज को 350 किमी की ऑर्बिट में लाया गया, जिससे यह एक्सपेरिमेंट के बाद नष्ट हो जाए। उन्होंने इस वर्ष पर मिशन पर कहा कि वर्ष 2024 गगनयान का होगा। इस वर्ष गगनयान मिशन की 2 टेस्ट फ्लाइट होगी। इसके बाद अनमैन्ड मिशन प्लान किया गया है। इसके अलावा कई सारे अन्य मिशन होंगे।
इसरो के इस मिशन को उसकी आधिकारिक वेबसाइट और सोशल मीडिया चैनल पर लाइव देखा जा सकता है। XPoSat को PSLV-C58 अंतरिक्ष यान द्वारा ले जाने के लिए पूर्व की ओर कम झुकाव वाली कक्षा में स्थापित किया जाएगा। पीएसएलवी-सी58 राकेट एक्सपोसेट के साथ 10 अन्य उपग्रहों PSLV ऑर्बिटल एक्सपेरिमेंटल मॉड्यूल को भी अंतरिक्ष में ले जाएगा।