Jaipur में हुए LPG टैंकर ब्लास्ट में भीषण हादसा हुआ है, जिसमें 34 पैसेंजर्स से भरी स्लीपर बस भी जल गई है। इस घटना में सवार 34 पैसेंजर्स में से 20 लोग झुलस गए हैं। 14 पैसेंजर्स और बस का ड्राइवर-कंडक्टर लापता हैं।
टैंकर फटने के बाद लगी आग की लपटें इतनी ऊंची थीं कि कई पक्षी तक जल गए। बस और ट्रक के साथ हाईवे पर कई अन्य गाड़ियां भी आग की चपेट में आईं। आग की तीव्रता से एक बाइक सवार का हेलमेट उसके चेहरे से चिपक गया और उसकी आंखें भी जल गईं।
हादसे में एक लाश भी अस्पताल पहुंची है जिसमें सिर और पैर गायब हैं, केवल धड़ ही मिला है। शुक्रवार सुबह दिल्ली पब्लिक स्कूल के पास LPG (BPCL) टैंकर और ट्रक की भीषण टक्कर में 11 लोग जिंदा जल गए। हादसे में 35 लोग झुलसे हैं। दुर्घटना के लगभग 6 घंटे बाद भी लोगों को घुटन और आंखों में जलन महसूस हो रही है।
हादसा कैसे हुआ इसके विवरण इस प्रकार हैं
- LPG से भरा टैंकर अजमेर की ओर से जयपुर आ रहा था।
- भांकरोटा में दिल्ली पब्लिक स्कूल (DPS) के सामने टैंकर यू-टर्न ले रहा था।
- इस दौरान जयपुर की ओर से आ रहे ट्रक ने गैस टैंकर के नोजल में टक्कर मार दी।
- नोजल से करीब 18 टन गैस हवा में फैल गई और 200 मीटर का क्षेत्र गैस का चैंबर बन गया।
- इसके कुछ सेकंड बाद ही टैंकर में जोरदार धमाका हुआ और आसपास की गाड़ियों में आग फैल गई।
- गेल इंडिया के DGM ने बताया कि हादसे के स्थल से करीब 100 मीटर दूर कच्चे तेल की पाइपलाइन भी है, लेकिन वह सुरक्षित है।
जयपुर से 30 मिनट पहले लगी आग, लेकसिटी ट्रैवल की बस हादसे का शिकार
गुरुवार रात को उदयपुर से जयपुर के लिए रवाना हुई लेकसिटी ट्रैवल की बस में अचानक आग लग गई। उस समय बस में 35 यात्री सवार थे, जिसमें से एक यात्री अजमेर में उतर गया था। बस को सुबह करीब 6:30 बजे जयपुर पहुंचना था, लेकिन सुबह 5:45 बजे ही हादसे का शिकार हो गई।
बस के एक यात्री के अनुसार, आग लगने से पहले अचानक बस का मेन गेट भी लॉक हो गया था, जिससे यात्रियों को बाहर निकलने में देर हुई और कई लोगों की जान चली गई। ड्राइवर इस हादसे में सबसे पहले चपेट में आया। धमाके की आवाजें करीब एक घंटे तक सुनाई देती रहीं, और इसके बाद करीब 2 से 3 किलोमीटर तक के क्षेत्र में सड़क पर जो भी वाहन थे, वे आग की चपेट में आ गए।
हवा में तेजी से फैली गैस
हवा में तेजी से फैली गैस ने हादसे को भयावह बना दिया। जब आसपास के लोगों ने धमाका सुना तो वे बाहर आ गए और देखा कि लोग इधर-उधर भाग रहे थे। कई लोग जलते हुए कपड़े उतारने की कोशिश कर रहे थे। मोहन लाल, एक हादसे के गवाह और पीड़ित के परिजन ने बताया, “मदद के दौरान कई लोग गैस के कारण बेहोश हो गए। आग इतनी भीषण थी कि हम दूर भाग गए। मुझसे क्या हुआ, कुछ पता ही नहीं चला। मेरा भांजा हरिलाल भी इस हादसे में झुलस गया है और उसका इलाज चल रहा है।”
हादसे की जगह के करीब 400 मीटर के दायरे में सैकड़ों की संख्या में जलते हुए पक्षी भी पड़े हुए हैं। सड़क किनारे खड़ी 25 से ज्यादा गाड़ियां भी जल गई हैं।