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🌹 दिनांक : 17 अप्रैल 2024(17 April 2024)🌷
🌹 दिन – बुधवार🌷
🌹 विक्रम संवत – 2081🌷
🌹 शक संवत – 1946🌷
🌹 अयन – उत्तरायन🌷
🌹 ऋतु – शिशिर🌷
🌹 मास – चैत्र🌷
🌹 तिथि – नवमी🌷
🌹 नक्षत्र – आशलेषा🌷
🌹 अमान्ता महीना – चैत्र🌷
🌹 योग – शुला🌷
🌹 सूर्योदय – सुबह 6:02 पर🌷
🌹 सूर्यास्त – शाम 6:50 पर🌷
🌹 प्रथम करण – कौवाला🌷
🌹 द्वितीय करण – तैतिल🌷
🌹 दिशाशूल – पश्चिम🌷
🌹 चंद्रराशि – कर्क🌷
🌹 सूर्यराशि – मेष🌷
🌹 शुभमुहूर्त – अभिजीत🌷
🌹 राहुकाल – प्रातः 12:26 से 2:02 तक
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🍇पंचांग की जरूरत :
पंचांग का उपयोग मुख्यत्वे, काल गणना, तिथि वार, व्रत, शुभ मुहूर्त, देखने के लिए पंचांग का उपयोग किया जाता है. ज्योतिष गाइड के दैनिक पंचांग में नक्षत्र, योग, करन सहित, शुभ-अशुभ समय, मुहूर्त, चंद्र बल, तारा बल पंचांग में आसानीसे उपलब्ध है। पंचांग का निर्धारण, ब्रम्हांड की गति पर निर्भर है. इसलिए जैसे जैसे पृथ्वी भ्रमण करती है, पंचांग समय क्षेत्र के अनुसार बदलता दिखाई देता है. इसलिए एक ही पंचांग अलग-अलग क्षेत्रों के लिए अलग अलग हो सकता है, इसलिए सही पंचांग का समय निर्धारण के लिए, क्षेत्र को चुनना अति महत्वपूर्ण है।
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🍇नक्षत्र :
आकाश मंडल में एक तारा समूह को नक्षत्र कहा जाता है। इसमें 27 नक्षत्र होते हैं और नौ ग्रहों को इन नक्षत्रों का स्वामित्व प्राप्त है। 27 नक्षत्रों के नाम- अश्विन नक्षत्र, भरणी नक्षत्र, कृत्तिका नक्षत्र, रोहिणी नक्षत्र, मृगशिरा नक्षत्र, आर्द्रा नक्षत्र, पुनर्वसु नक्षत्र, पुष्य नक्षत्र, आश्लेषा नक्षत्र, मघा नक्षत्र, पूर्वाफाल्गुनी नक्षत्र, उत्तराफाल्गुनी नक्षत्र, हस्त नक्षत्र, चित्रा नक्षत्र, स्वाति नक्षत्र, विशाखा नक्षत्र, अनुराधा नक्षत्र, ज्येष्ठा नक्षत्र, मूल नक्षत्र, पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र, उत्तराषाढ़ा नक्षत्र, श्रवण नक्षत्र, घनिष्ठा नक्षत्र, शतभिषा नक्षत्र, पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र, उत्तराभाद्रपद नक्षत्र, रेवती नक्षत्र।
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🍇योग :
नक्षत्र की भांति योग भी 27 प्रकार के होते हैं। सूर्य-चंद्र की विशेष दूरियों की स्थितियों को योग कहा जाता है। दूरियों के आधार पर बनने वाले 27 योगों के नाम – विष्कुम्भ, प्रीति, आयुष्मान, सौभाग्य, शोभन, अतिगण्ड, सुकर्मा, धृति, शूल, गण्ड, वृद्धि, ध्रुव, व्याघात, हर्षण, वज्र, सिद्धि, व्यातीपात, वरीयान, परिघ, शिव, सिद्ध, साध्य, शुभ, शुक्ल, ब्रह्म, इन्द्र और वैधृति।
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🍇करण :
एक तिथि में दो करण होते हैं। एक तिथि के पूर्वार्ध में और एक तिथि के उत्तरार्ध में। ऐसे कुल 11 करण होते हैं जिनके नाम इस प्रकार हैं – बव, बालव, कौलव, तैतिल, गर, वणिज, विष्टि, शकुनि, चतुष्पाद, नाग और किस्तुघ्न। विष्टि करण को भद्रा कहते हैं और भद्रा में शुभ कार्य वर्जित माने गए हैं।
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🍇पंचांग क्या है :
पंचांग दैनिक ज्योतिषीय कैलेंडर है जो ग्रहों और सूक्ष्म स्थितियों के आधार पर चंद्र दिवस के बारे में बहुमूल्य जानकारी प्रदान करता है। इसमें पाँच विशेषताएँ शामिल हैं- तिथि (द लूनर डे), वार (सप्ताह का दिन), नक्षत्र (चन्द्र मेंशन), योग (चन्द्र-सौर दिवस) और करण (आधा चन्द्र दिवस)। इन पांच विशेषताओं के आधार पर, ज्योतिषी किसी भी नए कार्य या हिंदू धार्मिक अनुष्ठान को शुरू करने के लिए मुहूर्त या शुभ समय का निर्धारण करते हैं और इसके साथ-साथ अशुभ समय को भी देखते हैं जिससे हर किसी को बचना चाहिए।
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🍇दैनिक पंचांग और उसका महत्व
प्राचीन ऋषियों और वेदों के अनुसार, जब कोई व्यक्ति पर्यावरण के साथ सामंजस्य स्थापित करता है, तो वह सकारात्मक तरीके से प्रतिक्रिया देता है और व्यक्ति को उसके कार्य को सफलतापूर्वक पूरा करने में मदद करता है। हिन्दू दैनिक पंचांग इस सौहार्द को स्थापित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है और इसके उपयोग से व्यक्ति को तिथि, योग और शुभ-अशुभ समयों में ज्योतिषीय अंतर्दृष्टि प्राप्त होती है। जिससे हम सूक्ष्म संचार के आधार पर उपयुक्त समय के बारे में जान सकते हैं और अपने समय और कार्य का अधिकतम लाभ उठा सकते हैं।
ज्योतिषी लोगों को सुझाव देते हैं कि वे अपने दैनिक पंचांग को रोजाना देखें और किसी भी नए काम को शुरू करने के लिए इसका पालन करें जैसे कि वैवाहिक समारोह, सामाजिक मामलों, महत्वपूर्ण कार्यक्रमों, उद्घाटन, नए व्यापार उपक्रम आदि जैसे शुभ कार्यक्रम इसके अनुसार करें।
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🍇राशिफल :
🎍मेष राशि : (चू, चे, चो, ला, ली, लू, ले, लो, आ)
संयत रहें, व्यर्थ के क्रोध एवं वाद-विवाद की स्थिति हो सकती है। घर-परिवार में धार्मिक कार्य हो सकते हैं। रहन-सहन अव्यवस्थित रहेगा। मन में निराशा एवं असन्तोष के भाव रहेंगे। कला एवं संगीत के प्रति रुझान बढ़ेगा। मित्रों का सहयोग मिलेगा। सन्तान को स्वास्थ्य विकार हो सकते हैं। शिक्षा में व्यवधान आएंगे। कारोबार में विपरीत परिस्थितियों का सामना करना पड़ सकता है।
🎍वृष राशि : (ई, उ, ए, ओ, वा, वी, वू, वे, वो)
वाणी में मधुरता रहेगी। नौकरी में परिवर्तन के अवसर मिल सकते हैं। कार्यक्षेत्र में परिवर्तन भी हो सकता है। परिश्रम अधिक रहेगा। रहन-सहन कष्टमय हो सकता है। कला एवं संगीत के प्रति रुचि हो सकती है। धर्म-कर्म में रुचि रहेगी। किसी धार्मिक स्थान की यात्रा पर जाने का कार्यक्रम बन सकता है। माता को स्वास्थ्य विकार हो सकते हैं। धर्म-कर्म में रुचि बढ़ेगी। सेहत का ध्यान रखें।
मिथुन राशि : (का, की, कू, घ, ङ, छ, के, को, ह)
सन्तान की ओर से सुखद समाचार मिल सकते हैं। किसी सम्पत्ति से आय के साधन बन सकते हैं। पारिवारिक जीवन सुखमय रहेगा। नकारात्मकता का प्रभाव हो सकता है। भौतिक सुखों में वृद्धि होगी। पिता को स्वास्थ्य विकार हो सकते हैं। आय में कमी एवं खर्चों में वृद्धि की स्थिति रहेगी। अपनी भावनाओं को वश में रखें। जीवनसाथी से नोकझोंक हो सकती है। तरक्की के योग हैं।
🎍कर्क राशि : (ही, हू, हे, हो, डा, डी, डु, डे, डो)
आत्मविश्वास में कमी रहेगी। परिवार के साथ किसी धार्मिक स्थान की यात्रा पर जा सकते हैं। वाहन के रखरखाव एवं वस्त्रों पर खर्च बढ़ेंगे। क्षणे रुष्टा-क्षणे तुष्टा की मनःस्थिति रहेगी। मानसिक परेशानियों में कमी आएगी। घर-परिवार में धार्मिक कार्य होंगे। भाई-बहनों के सहयोग से कारोबार में लाभ में वृद्धि हो सकती है। किसी पुराने मित्र से भेंट हो सकती है। सुस्वादु खानपान में रुचि रहेगी।
🎍सिंह राशि : (मा, मी, मू, मे, मो, टा, टी, टू, टे)
मानसिक शान्ति रहेगी, परन्तु मन में निराशा के भाव भी हो सकते हैं। नौकरी में कार्यक्षेत्र में वृद्धि हो सकती है। परिश्रम अधिक रहेगा। धार्मिक कार्यों पर खर्च बढ़ेंगे। आत्मविश्वास में कमी आएगी। सन्तान को स्वास्थ्य विकार हो सकते हैं। संचित धन में कमी आ सकती है। बातचीत में सन्तुलन बनाए रखें। सन्तान की ओर से सुखद समाचार मिल सकता है। स्वास्थ्य के प्रति सचेत रहें।
🎍कन्या राशि : (ढो, प, पी, पू, ष, ण, ठ, पे, पो)
पठन-पाठन में रुचि रहेगी। शैक्षिक एवं शोधादि कार्यों के सुखद परिणाम मिलेंगे। उच्चशिक्षा के लिए विदेश जाने के योग बन रहे हैं। भागदौड़ अधिक रहेगी। मानसिक तनाव हो सकता है। पारिवारिक समस्याएं परेशान करेंगी। नौकरी में स्थान परिवर्तन के योग बन रहे हैं। अनियोजित खर्च बढ़ेंगे। रहन-सहन कष्टमय हो सकता है। बातचीत में संयत रहें। आय में कमी आ सकती है।
🎍तुला राशि : (र, री, रू, रे, रो, ता, ति, तू, ते)
आत्मविश्वास से लबरेज रहेंगे। धार्मिक संगीत के प्रति रुझान बढ़ सकता है। पारिवारिक जीवन सुखमय रहेगा। कारोबार में वृद्धि हो सकती है। परिश्रम अधिक रहेगा। आत्मसंयत रहें। क्रोध के अतिरेक से बचें। धार्मिक संगीत के प्रति रुझान बढ़ेगाा। परिवार में सुख-शान्ति रहेगी। नौकरी में कार्यक्षेत्र में कठिनाइयां आ सकती है। स्वास्थ्य को लेकर मन परेशान रहेगा। यात्रा के योग हैं।
🎍वृश्चिक राशि : (तो, न, नी, नू, ने, नो, या, यि, यू)
मन परेशान रहेगा। परिवार की समस्याएं भी परेशान कर सकती हैं। परिवार के स्वास्थ्य का ध्यान रखें। किसी मित्र का सहयोग मिलेगा। कारोबार में आय बढ़ेगी। आत्मविश्वास तो भरपूर रहेगा, परन्तु धैर्यशीलता में कमी आ सकती है। शैक्षिक एवं शोधादि कार्यों में सफलता रहेगी। किसी पैतृक कारोबार का विस्तार हो सकता है। स्वास्थ्य के प्रति सचेत रहें। वस्त्रों के प्रति रुचि बढ़ सकती है।
🎍धनु राशि : (य, यो, भा, भि, भू, ध, फा, ढ, भे)
सन्तान सुख में वृद्धि हो सकती है। किसी मित्र के सहयोग से आय वृद्धि के साधन बन सकते हैं। जीवनसाथी के स्वास्थ्य का ध्यान रखें। मानसिक शान्ति रहेगी। नौकरी में अफसरों का सहयोग मिलेगा। तरक्की के मार्ग प्रशस्त होंगे। मन में प्रसन्नता के भाव रहेंगे। कार्यक्षेत्र का विस्तार भी हो सकता है। सन्तान के स्वास्थ्य की चिन्ता हो सकती है। माता से धन की प्राप्ति होगी।
🎍मकर राशि : (भो, जा, जी, खी, खू, खे, खो, गा, गी)
आत्मसंयत रहें। माता का सानिध्य मिलेगा। किसी सम्पत्ति से आय के साधन बन सकते हैं। कारोबार में परिवर्तन के योग बन रहे हैं। पठन-पाठन में रुचि रहेगी। शैक्षिक एवं शोधादि कार्यों के सुखद परिणाम मिलेंगे। नौकरी में तरक्की के अवसर मिल सकते हैं। मान-सम्मान में वृद्धि होगी। कार्यक्षेत्र का विस्तार होगा। स्थान परिवर्तन सम्भव है। परिश्रम की अधिकता रहेगी। यात्रा के योग हैं।
🎍कुम्भ राशि : (गू, गे, गो, स, सी, सू, से, सो, द)
मन शान्त रहेगा। नौकरी में तरक्की के अवसर मिल सकते हैं। कार्यभार में वृद्धि होगी। परिश्रम अधिक रहेगा। आय में वृद्धि होगी, परन्तु खर्च भी बढ़ेंगे। क्षणे रुष्टा-क्षणे तुष्टा की मनःस्थिति रहेगी। नौकरी में परिवर्तन की सम्भावना बन रही है। किसी दूसरे स्थान पर जाना पड़ सकता है। वाहन सुख में वृद्धि हो सकती है। वाणी में कठोरता का प्रभाव रहेगा। विदेश यात्रा पर जा सकते हैं।
🎍मीन राशि : (दी, दू, थ, झ, ञ, दे, दो, च, ची)
आत्मविश्वास से लबरेज रहेंगे। दाम्पत्य सुख में वृद्धि होगी। पारिवारिक जीवन सुखमय रहेगा। नौकरी में आय में वृद्धि होगी। मानसिक तनाव हो सकता है। वाणी में सौम्यता रहेगी। कुटुम्ब-परिवार में धार्मिक कार्य होंगे। परिश्रम की अधिकता रहेगी। कार्यक्षेत्र में कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है। पारिवारिक जीवन कष्टमय रहेगा। किसी मित्र का सहयोग मिल सकता है।
🎍(आचार्य महेश भारद्वाज, वरिष्ठ ज्योतिषाचार्य श्री सिद्ध बालाजी शनिधाम मंदिर, न्यू विजय नगर भोला चौक, पानीपत)(मो. 90533-66806) 🎍
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