हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सैनी(CM Nayab Saini) ने चंडीगढ़ में कैबिनेट मीटिंग(Cabinet Meeting) बुलाई है, जो लोकसभा(Lok Sabha) चुनाव प्रचार के बीच हो रही है। इस मीटिंग में आबकारी और कराधान विभाग की एक्साइज पॉलिसी(Excise Policy) पर मुहर लगेगी। हरियाणा में कोविड-19 संक्रमण के बाद, एक्साइज पॉलिसी(Excise Policy) को 31 मार्च के बाद लाने की प्रक्रिया शुरू हुई है।
हरियाणा सरकार(Government) ने एक्साइज पॉलिसी को लागू करने के लिए राज्य निर्वाचन आयोग (SEC) की मंजूरी पहले ही प्राप्त कर ली है। कैबिनेट मीटिंग में मंजूरी के बाद, 12 जून से हरियाणा में नई आबकारी नीति लागू की जाएगी। कैबिनेट मीटिंग में सैनी को यह पूर्ण अधिकार दिए जा सकते हैं कि वे हरियाणा विधानसभा में विश्वास मत साबित करने के लिए सत्र बुलाएं। विपक्षी दल लगातार आरोप लगा रहे हैं कि सरकार अल्पमत में है। सरकार विधानसभा में विश्वास मत लाने की योजना बना रही है। विधानसभा में वर्तमान में 88 विधायक हैं, लेकिन करनाल से मनोहर लाल खट्टर और रानियां से रणजीत सिंह चौटाला इस्तीफा दे चुके हैं। दोनों लोकसभा चुनाव लड़ रहे हैं।
सूत्रों के अनुसार JJP के 3 विधायक जल्द ही पार्टी को अलविदा सकते हैं। ऐसा होने से हरियाणा के अंदर विधायकों की संख्या 85 रह जाएगी। इसके अलावा JJP विधायक रामकरण काला और ईश्वर सिंह के कांग्रेस को समर्थन देने की चर्चाएं चल रही हैं। उनके पारिवारिक सदस्य विधिवत रूप से कांग्रेस जोइन कर चुके हैं। इस स्थिति में वे विधायक सदन पटल पर किसी भी स्थिति में JJP के साथ खड़े नहीं आएगे।
इन राजनीतिक परिस्थितियों के बीच, यह दोनों अनुपस्थित भी रह सकते हैं, जिससे भाजपा को राजनीतिक गणित में फायदा हो सकता है। मीटिंग में अन्य फैसलों के अलावा, इंडियन रिजर्व बटालियन (IRB) के कॉन्स्टेबल और हेड कॉन्स्टेबल जिला पुलिस में मर्ज किए जाएंगे। हालांकि, यह मामला पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट में भी पहुंचा है, इसलिए सरकार ने एडवोकेट जनरल से भी कानूनी राय ली है। इसका लाभ उन्हीं को मिलेगा, जिन्होंने 15 साल की सेवा पूरी कर ली है। सरकार के फैसले के बाद, गृह विभाग ऐसे मुलाजिमों से इच्छा आवेदन मांगेगा।