सर छोटू राम की जयंती के अवसर पर आयोजित समारोह में पूर्व केंद्रीय मंत्री बीरेंद्र सिंह ने पूर्व CM भूपेंद्र सिंह हुड्डा पर चुटकी लेते हुए कहा कि राजनीति में आने से पहले वह सिर्फ ‘भूपेंद्र सिंह’ थे, लेकिन राजनीति में आने के बाद उन्होंने ‘हुड्डा’ नाम अपनाया।
इस पर पूर्व सीएम भूपेंद्र हुड्डा ने भी तंज करते हुए कहा कि वह राजनीति में आने से पहले ही ‘हुड्डा’ बन गए थे। वकालत के दौरान उनके साथ दो भूपेंद्र सिंह थे, इसलिए उन्होंने ‘हुड्डा’ नाम अपनाया। हुड्डा ने यह भी बताया कि राजनीति में आने का फैसला बाद में किया।
दोनों नेताओं के बीच गुफ्तगू और दोस्ताना माहौल
कार्यक्रम में भूपेंद्र हुड्डा और बीरेंद्र सिंह के बीच एक दोस्ताना माहौल देखा गया, जब दोनों एक दूसरे से मिलते हुए खुशी से गुफ्तगू करते नजर आए। इस दौरान दोनों ने कई मुद्दों पर अपनी राय साझा की।
तीनों नेता एक मंच पर, राजनीति में नए बदलाव की चर्चा
कार्यक्रम में पूर्व मंत्री सुभाष बतरा, बीरेंद्र सिंह और भूपेंद्र हुड्डा एक मंच पर दिखाई दिए। तीनों नेताओं के एक साथ दिखने से प्रदेश की राजनीति में हलचल मच गई है, और यह सवाल उठने लगा है कि क्या ये नेता मिलकर प्रदेश की राजनीति में कोई नया मोड़ लाएंगे।
जाट संस्था को यूनिवर्सिटी बनाने पर जोर
कार्यक्रम के दौरान भूपेंद्र हुड्डा और बीरेंद्र सिंह ने जाट संस्था को यूनिवर्सिटी बनाने की आवश्यकता पर जोर दिया। भूपेंद्र हुड्डा ने कहा कि कांग्रेस सरकार के समय उन्होंने जाट समुदाय को यूनिवर्सिटी के लिए प्रस्ताव देने का सुझाव दिया था, लेकिन वह प्रस्ताव नहीं आया, जिसके कारण यह प्रोजेक्ट अटक गया।