भाजपा(BJP) ने महिला पहलवान बृजभूषण शरण सिंह(MP Brij Bhushan) को टिकट नहीं दिया है, क्योंकि उन पर यौन शोषण(Sexual Exploitation) के आरोप लगे थे, लेकिन उनकी जगह Field में छोटे बेटे करण भूषण(Karan Bhushan Singh) को भाजपा(BJP) ने उनकी सीट से टिकट दिया है। करण भूषण(Karan Bhushan) यूपी कुश्ती संघ के अध्यक्ष हैं। उन्होंने भारतीय कुश्ती संघ के उपाध्यक्ष पद से इस्तीफा दिया था।
बताया जा रहा है कैसरगंज में 3 मई नामांकन की आखिरी तारीख है। करण भूषण(Karan Bhushan Singh) को भाजपा ने उस सीट से नामांकित किया है। करण भूषण का जन्म 13 दिसंबर 1990 को हुआ। उन्हें एक बेटा और एक बेटी है। वह डबल ट्रैप शूटिंग के नेशनल खिलाड़ी भी हैं। महिला पहलवानों की ओर से बृजभूषण सिंह पर यौन शोषण के आरोप लगे थे। 12 फरवरी को हुए चुनाव में करण को सर्वसम्मति से यूपी कुश्ती संघ का अध्यक्ष चुना गया था। भाजपा ने यूपी में अधिकांश सिटिंग सांसदों को रिपीट किया है। गाजियाबाद से वीके सिंह के टिकट कटने और वेस्ट यूपी की 27 लोकसभा सीटों पर सिर्फ एक ठाकुर नेता को टिकट मिलने से ठाकुर बिरादरी नाराज है।
बृजभूषण के बेटे करण भूषण पर कोई आरोप नहीं है। उन्होंने विदेश से पढ़ाई की है और 5 साल से कुश्ती संघ से जुड़े हुए हैं। करण भूषण का जन्म 13 दिसंबर 1990 को हुआ। करण को एक बेटा और एक बेटी है। वह डबल ट्रैप शूटिंग के नेशनल खिलाड़ी रह चुके हैं। उन्होंने गोंडा में अपने पिता के नंदिनी कॉलेज से ग्रेजुएशन किया। ऑस्ट्रेलिया से बिजनेस मैनेजमेंट की पढ़ाई की। अभी वे उत्तर प्रदेश कुश्ती संघ के अध्यक्ष हैं। पहली बार कोई चुनाव लड़ रहे हैं। महिला पहलवानों की ओर से बृजभूषण सिंह पर लगाए गए यौन शोषण के आरोपों के बीच उत्तर प्रदेश में कुश्ती संघ का चुनाव हुआ था। 12 फरवरी को हुए इस चुनाव में करण को सर्वसम्मति से यूपी कुश्ती संघ का अध्यक्ष चुना गया था।
बेटे को टिकट देना लोगों को गुमराह करने जैसा : साक्षी
महिला रेसलर्स के यौन उत्पीड़न को लेकर ब्रजभूषण सिंह के खिलाफ आवाज उठाने वाली साक्षी मलिक और उनके पति सत्यव्रत कादियान ने कहा कि बृजभूषण के बेटे को लोकसभा टिकट देना लोगों को गुमराह करने जैसा है। असली राज तो वही करेगा। अगर ब्रजभूषण के बेटे को टिकट देना ही था तो केंद्र सरकार पहले बृजभूषण को गिरफ्तार करती और फिर उनके बेटे को प्रत्याशी घोषित करती। या फिर ब्रजभूषण के किसी नजदीकी की जगह अन्य उम्मीदवार को मैदान में उतारती, लेकिन ऐसा नहीं किया गया। लोकसभा चुनाव आ चुके हैं। इसमें ब्रजभूषण का बेटा सिर्फ एक डमी कैंडिडेट भर है। असली सत्ता तो बृजभूषण ही चलाएगा।