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Haryana Politics : हरियाणा में Chautala family के एक होने की संभावना, JJP-INLD पकड़ सकती हैं एक राह! Ajay Chautala बोलें पिता ने बुलाया तो नहीं करेंगे देर

राजनीति

Haryana Politics : हरियाणा में लोकसभा चुनाव से पहले आए दिन राजनीतिक गलियारों में सरगर्मियां तेज होती जा रही हैं। तमाम राजनीतिक पार्टियों के शीर्ष नेताओं के द्वारा आए दिन बड़े-बड़े खुलासे किए जा रहे हैं। एक दिन पहले ही जहां जजपा के प्रदेशाध्यक्ष निशान सिंह पार्टी को झटका दे चुके हैं और पूर्व केंद्रीय मंत्री बीरेंद्र सिंह भाजपा का दामन छोड़ आज कांग्रेस का हाथ थामेंगे। वहीं अब जजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अजय सिंह चौटाला ने इनेलो पार्टी के साथ जाने के संकेत दिए हैं। उन्होंने कहा कि अगर चौटाला साहब (पूर्व मुख्यमंत्री ओमप्रकाश चौटाला) बुलाएंगे तो हम तभी चले जाएंगे।

यह संकेत जजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अजय सिंह चौटाला ने दिए हैं। इस दौरान अजय चौटाला ने भिवानी-महेंद्रगढ़ लोकसभा क्षेत्र से जजपा के प्रत्याशी राव बहादुर सिंह के पक्ष में मतदान की अपील करने दादरी हलके के विभिन्न गांवों का दौरान किया। जननायक जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अजय सिंह चौटाला का कहना है कि अगर इनेलो सुप्रीमो एवं प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री ओमप्रकाश चौटाला अगर पहल करें तो जजपा-इनेलो के साथ आने को तैयार है। अनेक लोग इसके लिए प्रयासरत हैं। बड़े होने के नाते चौटाला साहब का पहल करने का दायित्व बनता है। अगर वह कल बुलाएंगे तो हम कल ही चले जाएंगे।

चौटाला परिवार 1

इस दौरान इनेलो-जजपा के एक मंच पर आने के सवाल पर अजय चौटाला ने कहा कि यह चौटाला साहब पर ही निर्भर करता है। जजपा प्रदेशाध्यक्ष निशान सिंह के पार्टी छोड़ने पर उन्होंने कहा कि यह जानकारी उन्हें भी एक टीवी चैनल के जरिये मिली है। निशान सिंह जब उनसे मिलेंगे तो वो जरूर उनसे पूछेंगे। हालांकि अजय चौटाला ने कहा कि पहले निशान सिंह ने कभी नाराजगी उनके समक्ष जाहिर नहीं की।

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वहीं माना जा रहा है कि जजपा के दो विधायक जल्द ही भाजपा का दामन थाम सकते हैं। हिसार जिले में जजपा के तीन विधायकों में से दो भाजपा में शामिल होंगे। लोकसभा चुनाव से पहले इन लोगों को भाजपा में शामिल करने की तैयारी है। इसके लिए किसी अच्छे मौके का इंतजार किया जा रहा है। भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व की मौजूदगी में यह दोनों भारतीय जनता पार्टी में शामिल होंगे। जानकारी के अनुसार जजपा के विधायक भाजपा सरकार के समर्थन में हैं। भाजपा-जजपा गठबंधन टूटने के बाद सरकार के बहुमत साबित करने के समय सरकार के साथ दिखे थे। उसी दिन जजपा की हिसार रैली से दूरी बनाकर पार्टी को अपना संदेश साफ कर दिया था। अब भाजपा में जाने की केवल औपचारिकता बाकी है। दोनों अपने टिकट को लेकर आश्वासन चाहते हैं।

चौटाला परिवार

हाल ही में कांग्रेस की पूर्व मंत्री सावित्री जिंदल भाजपा में आ चुकी हैं। ऐसे में भाजपा को हिसार जिले की विधानसभा सीटों की टिकटों में बदलाव करना पड़ेगा। हिसार, नलवा, बरवाला के प्रत्याशियों में बदलाव हो सकता है। जजपा के दोनों विधायक कांग्रेस के साथ भी संपर्क में हैं। अगर भाजपा में टिकट का पक्का भरोसा नहीं मिला तो कांग्रेस में भी जाने को तैयार हैं। माना जा रहा है कि अभी कांग्रेस की ओर से भी इन्हें टिकट का वादा नहीं मिल रहा।

गौरतलब है कि कुछ दिन पहले प्रदेश के पू्र्व मुख्यमंत्री ओमप्रकाश चौटाला ने भी अपने बयान में कहा था कि कुछ लोग सत्ता के लालच में पार्टी छोड़कर चले गए थे, रास्ता भटक गए थे, अब वो पछता रहे हैं और वापस भी आना चाहते हैं। बता दें कि जननायक जनता पार्टी का गठन 9 दिसंबर 2018 को हुआ था। दुष्यंत चौटाला ने इंडियन नेशनल लोकदल (इनेलो) से अलग होकर नई पार्टी का गठन किया था। पार्टी के गठन की पीछे चौटाला परिवार की सियासी लड़ाई रही है। इसके बाद वर्ष 2019 में दोनों पार्टियों ने लोकसभा और विधानसभा चुनाव लड़ा। लोकसभा में दोनों को एक भी सीट नहीं मिली।

ओपी अजय

वहीं विधानसभा चुनाव में जजपा के 10 और इनेलो का एक विधायक ही बना। अब जजपा का पिछले ही महीने 12 मार्च को भाजपा के साथ गठबंधन टूटने के साथ ही मनमुटाव बढ़ गया था। जजपा के 10 में से 5 विधायकों में नाराजगी झलक रही है। इनमें पूर्व मंत्री देवेंद्र बबली, ईश्वर सिंह, जोगीराम सिहाग, रामनिवास सुरजाखेड़ा और रामकुमार गौतम शामिल हैं। बता दें कि भाजपा सरकार में बदलाव के बाद जब विधानसभा में बहुमत साबित करने का वक्त आया तो जजपा ने व्हिप जारी कर विधायकों से सदन में वोटिंग में शामिल न होने को कहा था। इसके बावजूद पांचों विधायक सदन में पहुंचे थे। हालांकि कुछ देर सदन में रहने के बाद वह वापस लौट गए थे।

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