हरियाणा के हिसार(Hisar) में भजनलाल परिवार का अधिकारी दुर्ग के निवासियों के लिए पहचान है, लेकिन इस बार के लोकसभा चुनाव में उन्हें हार का सामना करना पड़ा। यह सीट जिस पर भजनलाल परिवार ने 56 सालों से कब्जा जमाया हुआ था, अब उन्हें हार की चोट लगी है। इस बार उनके परिवार के उम्मीदवार नहीं थे, लेकिन उन्होंने भाजपा को समर्थन दिया था, लेकिन चुनाव में उनकी पार्टी को हार का सामना करना पड़ा।
बता दें कि दिवंगत भजनलाल के बेटे कुलदीप(Kuldeep) भाजपा में हैं और उनके बेटे भव्य बिश्नोई ने पिछले चुनाव में भाजपा के लिए चुनाव लड़ा था, लेकिन इस बार उन्हें वोटरों की समर्थन में कमी महसूस हुई। वह जानते थे कि अगर वे हार गए तो इससे उनके राजनीतिक करियर पर असर पड़ेगा, इसलिए वो बार-बार जनता के बीच गए और उन्हें अपने पिता के साथ जुड़ाव को याद दिलाया, लेकिन वोटरों ने उनकी अपील को अनदेखा कर दिया। आदमपुर में कांग्रेस को जीत मिली और खास बात यह है कि बिश्नोई परिवार के गांव में भी जयप्रकाश जेपी को समर्थन मिला। यहां तक कि अन्य समीपवर्ती सीटों पर भी उनका प्रभाव कमजोर पड़ा।
बिश्नोई परिवार के लिए यह चुनावी परिणाम संकट का कारण बन सकता है। इसका असर उनके राजनीतिक करियर पर हो सकता है। उनका अलावा कोई विकल्प नहीं है, अगर वे भाजपा में रहना चाहते हैं। उन्हें संगठन की जिम्मेदारी तक ही समित रखा जा सकता है। अब उनके सामने यह चुनौती है कि वह दिल्ली के बजाय आदमपुर में अपना समय बिताएं। हरियाणा में विधानसभा चुनाव भी अगले कुछ महीनों में हैं। उन्हें अब आदमपुर में दोबारा सक्रिय होना होगा।