Haryana Lok Sabha Elections 2024 : हरियाणा में जल्द होने वाले लोकसभा चुनाव को लेकर सरगर्मियां तेज हो चुकी हैं। कांग्रेस ने प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल के सामने युवा चेहरा उतार सीट को हॉट बनाने का प्रयास किया है। हालांकि करनाल लोकसभा सीट से जीत किसकी होगी, यह फिलहाल भविष्य के गर्भ में है। बता दें कि कांग्रेस के करनाल लोकसभा प्रत्याशी दिव्यांशु युवा प्रदेशाध्यक्ष के पद पर रहकर आवाज को बुलंद करते रहे हैं। यह उनका पहला लोकसभा चुनाव है। दिव्यांशु ज्यादातर बेरोजगारी के मुद्दे पर प्रदेश सरकार को घेरते दिखे हैं। ऐसे में उन्हें भगोड़ा करार भी दिया जा चुका है।
बता दें कि बेरोजगारी के विरोध में प्रदर्शन को लेकर एक मामले में कुछ दिन पहले दिव्यांशु बुद्धिराजा को भगोड़ा करार देने का मामला सामने आया था। इसके बाद उन्हें पंचकूला कोर्ट में पेश होना पड़ा, जिसके बाद उन्हें जमानत मिल चुकी है। कयास लगाए जा रहे हैं कि कांग्रेस अपने प्रत्याशी दिव्यांशु के माध्यम से प्रदेश में मुख्यमंत्री मनोहर लाल के खिलाफ बेरोजगारी जैसे के मुद्दों को सामने लाना चाहती है। बता दें कि मीडिया से बातचीत में दिव्यांशु बुद्धिराजा अपनी आगामी रणनीति जाहिर कर चुके हैं। साथ ही उन्होंने अपने प्रतिद्ंधी भाजपा प्रत्याशी मनोहर लाल पर भी जमकर निशाना साधा है।

दिव्यांशु बुद्धिराजा का कहना है कि राजनीति तौर पर जो चुनावी लड़ाई है, वह शुरू हो चुकी है, लेकिन पिछले साढ़े 7 साल से वह युवाओं के रोजगार की लड़ाई लड़ते आए हैं। बेरोजगारी को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल के सामने धरने और प्रदर्शन भी किए गए। दिव्यांशु के अनुसार एक बार वर्ष 2018 में पंचकूला में बेरोजगारी को लेकर प्रदर्शन कर रहे थे। उन्होंने एक स्लोगन दिया था कि जवाब दो, हिसाब दो। इसी दौरान पंचकूला में पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल की जनसभा चल रही थी। उन्होंने जनसभा में पहुचंकर बेरोजगार युवाओं की हकों के लिए मनोहर लाल से जवाब मांगा था। जिसके बदले उन्हें मुकदमे मिले और भगोड़ा तक करार दे दिया गया।
कांग्रेस के करनाल प्रत्याशी का कहना है कि जल्द होने वाले लोकसभा चुनाव में मुकाबला जबरदस्त रहेगा। उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि उन्हें लगता है कि मीडिया ने ही मनोहर लाल के नाम का माहौल बना रखा है। वह 2 बार के मुख्यमंत्री होने के बाद हरियाणा से भाजपा के विशेष प्रत्याशी हैं। वहीं इस बात को भी नकारना सही नहीं रहेगा कि उन्हीं के पार्टी के नेताओं ने पूर्व मुख्यमंत्री नकार दिया है। इसके अलावा हाईकमान ने उनकी मुख्यमंत्री के पद से छुट्टी कर दी। इतना ही नहीं, चुनाव से पहले ही उनका जगह-जगह विरोध भी सामने आया है। जनता उन्हें पूर्ण रूप से नकार चुकी है।

दिव्यांशु बुद्धिराजा ने उदाहरण देते हुए कहा कि राजा को गद्दी से तब हटाया जाता है, जब प्रजा राजा के खिलाफ बगावत शुरू कर दें, लेकिन हरियाणा के लोगों ने जो बगावत शुरू की, उसका एहसास दिल्ली में बैठे नेताओं को हो चुका था, इसलिए मनोहर लाल को कुर्सी से उतार दिया गया। दिव्यांशु ने कहा कि मेरा मानना है कि चुनाव के मैदानी रण में मेरी जंग एक नकारे गए मुख्यमंत्री के खिलाफ है।
इस दौरान करनाल प्रत्याशी दिव्यांशु बुद्धिराजा ने जनता से एक बड़ा वादा भी किया है। दिव्यांशु का कहना है कि करनाल-पानीपत की जनता को टोल से राहत दिलवाने की बहुत ज्यादा जरूरत है। आज हमारे चारों तरफ टोल लगे हुए हैं। इनसे जनता त्रस्त है और इन टोल प्लाजा का समय पूरा हो चुका है। अगर वह सांसद पद पर चुने गए तो सबसे पहले वह टोल प्लाजा को यहां से उखाड़ने का काम करेंगे।