Karnal के मनीष का पार्थिव शरीर 15 दिन बाद अमेरिका से उनके घर पहुंच गया। मनीष की मौत हार्ट अटैक से 29 दिसंबर 2024 को न्यूयॉर्क सिटी में हुई थी। शनिवार को उनका शव दिल्ली एयरपोर्ट पहुंचा, लेकिन कागजी कार्रवाई में देरी के कारण शव परिजनों को समय पर नहीं सौंपा जा सका। आज, रविवार को शव एंबुलेंस के जरिए मनीष के पैतृक गांव कुंजपुरा पहुंचा, जहां उनका अंतिम संस्कार किया गया।
पैसे जुटाने के लिए लिया कर्ज

मनीष की मां शिमला देवी ने 15 महीने पहले बेटे को बेहतर भविष्य के लिए अमेरिका भेजने के लिए 38 लाख रुपये खर्च किए थे, लेकिन अब मनीष के शव को भारत लाने के लिए 20 लाख रुपये का कर्ज लिया। इस कर्ज के बावजूद, परिजनों को हरियाणा सरकार से किसी भी प्रकार की मदद नहीं मिल पाई। मनीष के परिजनों ने मुख्यमंत्री नायब सैनी से मदद की अपील की थी, लेकिन सरकार ने कोई सहायता नहीं की, जिससे मजबूर होकर परिजनों को कर्ज लेना पड़ा।
अंतिम संस्कार में गमगीन परिवार

मनीष के शव को उनके गांव के श्मशान घाट लाया गया, जहां बड़े भाई कर्ण देव ने छोटे भाई की चिता को मुखाग्नि दी। इस दृश्य ने गांव के सभी लोगों की आंखों में आंसू भर दिए। मनीष की मां और बहनें शव देखकर बेहोश हो गईं।
अमेरिका में मनीष की जिंदगी
मनीष 2023 के अप्रैल महीने में अमेरिका गया था और वहां न्यूयॉर्क सिटी में रहकर स्टोर में काम करता था। हाल ही में उसने टैक्सी ड्राइविंग लाइसेंस प्राप्त किया था। 29 दिसंबर की रात मनीष को सीने में तेज दर्द हुआ, जिसके बाद उसे अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
पिता की मौत और परिवार की मुश्किलें
मनीष के पिता रमेश की करीब 23 साल पहले एक हादसे में मौत हो गई थी। उसके बाद मनीष की मां शिमला देवी ने मजदूरी करके अपने बच्चों को पाला। मनीष के बड़े भाई कर्ण देव ने बताया कि घर की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं थी, इसलिए मनीष को विदेश भेजने के लिए कर्ज लिया गया।
कर्ज का बोझ बढ़ने के बाद परिवार की स्थिति
मनीष की मां ने घर की स्थिति सुधारने के लिए बेटे को विदेश भेजा था, लेकिन अब परिवार को 20 लाख रुपये का कर्ज लेकर शव लाना पड़ा। मनीष के परिवार का दुख अब और बढ़ गया है, क्योंकि न केवल वे आर्थिक तंगी से जूझ रहे हैं, बल्कि उनके परिवार में दुख का साया भी गहरा गया है।