कांग्रेस सांसद Deepender Hooda ने पंजाब के किसानों को दिल्ली जाने से रोके जाने पर कड़ी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि पंजाब के 101 किसान दिल्ली में एक दिन का धरना देना चाहते हैं, लेकिन उन्हें रोका जाना निंदनीय है। हुड्डा ने सवाल उठाया कि रामलीला मैदान में राजनीतिक और सामाजिक संगठनों को एक दिन की अनुमति मिलती है, फिर किसानों को यह अनुमति क्यों नहीं दी जा रही है?
एमएसपी गारंटी पर सरकार को घेरा
दीपेंद्र हुड्डा ने रोहतक में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान कहा कि सरकार ने किसान आंदोलन समाप्त करवाते समय एमएसपी गारंटी कानून बनाने का लिखित वादा किया था। किसान अब एमएसपी की कानूनी गारंटी की मांग कर रहे हैं, जिसे सरकार को पूरा करना चाहिए। उन्होंने सरकार से इस मांग पर तुरंत कदम उठाने की अपील की।
हरियाणा सरकार पर कटाक्ष
हरियाणा के मुख्यमंत्री और मंत्रियों के बयान पर, जिसमें कहा गया था कि आंदोलन करने वाले किसान हरियाणा के नहीं बल्कि पंजाब के हैं, हुड्डा ने तीखा कटाक्ष किया। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार कहती कुछ है और करती कुछ और। उन्होंने मुख्यमंत्री के उस वादे की भी याद दिलाई, जिसमें धान को 3100 रुपये प्रति क्विंटल पर खरीदने की बात कही गई थी। हुड्डा ने आरोप लगाया कि न तो धान की पूरी एमएसपी दी गई और न ही किसानों को समय पर खाद उपलब्ध करवाई गई।
किसान आंदोलन में हरियाणा की अहम भूमिका
हुड्डा ने कहा कि किसान आंदोलन में सबसे ज्यादा भागीदारी हरियाणा के किसानों की रही। उन्होंने कहा कि हरियाणा के किसान भाजपा सरकार से नाराज हैं, और पिछले 10 वर्षों में भाजपा ने किसानों के लिए जो किया है, वह सबके सामने है।
हुड्डा ने किसानों के मुद्दों को गंभीरता से उठाते हुए कहा कि सरकार को वादे पूरे करने चाहिए और किसानों की मांगों पर ईमानदारी से ध्यान देना चाहिए।