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Haryana विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की हार पर दिल्ली में मंथन, तीन मुख्य कारण सामने आए

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Haryana विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की हार के बाद दिल्ली में तीसरी बार मंथन होने जा रहा है। केंद्रीय स्तर पर बनाई गई कमेटी की मीटिंग में हार के कारणों का विश्लेषण किया जाएगा। कांग्रेस प्रभारी दीपक बाबरिया इस मीटिंग में शामिल हो गए हैं, जो पहली बार चुनावी नतीजों के बाद कांग्रेस नेताओं के साथ बैठक में शामिल होंगे।

जून 2023 में शक्ति सिंह गोहिल के गुजरात जाने के बाद दीपक बाबरिया को हरियाणा कांग्रेस का प्रभारी बनाया गया। लेकिन न तो उन्होंने संगठन तैयार किया और न ही गुटबाजी को रोका। इसके अलावा चुनाव में टिकट वितरण में भी उन्होंने कोई प्रभावी भूमिका नहीं निभाई और बीमार होने के कारण अस्पताल में भर्ती हो गए थे, जिससे अन्य नेताओं को जिम्मेदारी नहीं सौंपी जा सकीिकट वितरण में हुड्डा गुट को तरजीह और AAP से गठबंधन नहीं किया

अजय माकन हरियाणा चुनाव में स्क्रीनिंग कमेटी के प्रमुख थे। टिकट वितरण में केवल हुड्डा गुट को ही अहमियत दी गई, जिससे सैलजा नाराज होकर चुनाव प्रचार से बाहर हो गईं। इसके अलावा, आम आदमी पार्टी (AAP) से गठबंधन की कोशिशों को भी रोक दिया गया, जिससे कांग्रेस का प्रदर्शन प्रभावित हुआ।

रीबी भी BJP को काउंटर करने में विफल रहे

सुनील कानुगोलू हरियाणा में कांग्रेस की राजनीति देख रहे थे। उनकी टीम भाजपा की रणनीति को समझने में विफल रही, और जमीन पर बीजेपी के जाट व गैर-जाट फॉर्मूले का मुकाबला नहीं कर सकी, जिससे कांग्रेस को नुकसान हुआ

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