Haryana कांग्रेस में लोकसभा चुनाव के बाद मुख्यमंत्री पद को लेकर गुटबाजी(CM faces controversy) बढ़ने लगी है। पूर्व डिप्टी सीएम(Former Deputy CM) चंद्रमोहन बिश्नोई ने सिरसा से नवनिर्वाचित सांसद(Sirsa MP) कुमारी सैलजा(Selja) को संभावित मुख्यमंत्री बताकर इस गुटबाजी को और बढ़ा दिया है। चंद्रमोहन बिश्नोई ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म X (पहले ट्विटर) पर एक पोस्ट डालकर यह बात कही।
चंद्रमोहन बिश्नोई ने अपनी पोस्ट में लिखा हरियाणा प्रदेश की भावी मुख्यमंत्री व सिरसा लोकसभा से नवनिर्वाचित सांसद आदरणीय बहन कुमारी सैलजा से उनके दिल्ली आवास पर मुलाकात कर उनको ऐतिहासिक जीत की बधाई दी। सैलजा, जो सिरसा से लोकसभा चुनाव जीतकर आई हैं। सोमवार को उन्होंने सोनिया गांधी से भी मुलाकात की और चुनाव का पूरा फीडबैक दिया। इस महत्वपूर्ण मुलाकात के बाद सैलजा ने खुद इसकी जानकारी मीडिया को दी। कुमारी सैलजा ने कहा कि यह कहना गलत है कि मैं ही मुख्यमंत्री हूं। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री पद के कई दावेदार हैं और कांग्रेस हाईकमान इन नामों पर विचार करेगा।

सैलजा ने कहा कि जब कांग्रेस हाईकमान हरियाणा में मुख्यमंत्री पद के दावेदारों के नामों पर विचार करेगा तो उनमें से उनका नाम भी होगा। कुमारी सैलजा ने एक मीडिया प्लेटफार्म पर खुलासा किया कि अंबाला में वरुण चौधरी को टिकट दिलाने में उनकी भूमिका थी। कांग्रेस हाईकमान ने अंबाला के उम्मीदवार के बारे में उनकी राय मांगी थी और उन्होंने वरुण मुलाना का नाम सुझाया।
समर्थकों ने पोस्टर भी किया जारी
सिरसा लोकसभा सीट से कुमारी सैलजा ने बीजेपी उम्मीदवार अशोक तंवर को 2,67,826 वोटों से हराया। कुमारी सैलजा को 7,32,298 वोट मिले जबकि अशोक तंवर को 4,64,472 वोट मिले। यह कुमारी सैलजा की सिरसा से तीसरी और कुल मिलाकर पांचवीं बार सांसद बनने की जीत है। इस जीत से वह काफी उत्साहित हैं। चुनाव के नतीजों के बाद कुमारी सैलजा लगातार कह रही हैं कि सिरसा की जीत हरियाणा की नींव है। उनके इस बयान को लेकर उनके समर्थकों ने एक पोस्टर भी जारी किया है।

मुख्यमंत्री पद को लेकर बढ़ी खींचतान
इस पोस्टर के बाद राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि वह विधानसभा चुनाव में मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार के रूप में तैयारी कर रही हैं। इस स्थिति से साफ है कि हरियाणा कांग्रेस में मुख्यमंत्री पद को लेकर खींचतान बढ़ गई है। सैलजा के समर्थकों और विरोधियों के बीच इस मुद्दे पर तकरार बढ़ रही है। हरियाणा में विधानसभा चुनाव की तैयारी के मद्देनजर कांग्रेस में इस प्रकार की गुटबाजी पार्टी के लिए मुश्किलें खड़ी कर सकती है।