Haryana Politics : हरियाणा में लोकसभा चुनाव से पहले राजनीतिक पार्टियों में दल बदल का दौर जारी है। जननायक जनता पार्टी के बाद अब भारतीय जनता पार्टी को जोर का झटका धीरे से लगा है। प्रदेश के पूर्व केंद्रीय मंत्री बीरेंद्र सिंह ने सोमवार 8 अप्रैल को भाजपा से त्याग दे दिया है। बीरेंद्र सिंह अब मंगलवार 9 अप्रैल को दोपहर 12 बजे कांग्रेस का हाथ थामकर अपनी नैया पार लगाने की तैयारी में हैं। बता दें कि राजनीति के ट्रेजेडी किंग माने जाने वाले बीरेंद्र सिंह का बांगर बेल्ट पर दबदबा है।
गौरतलब है कि पूर्व केंद्रीय मंत्री बीरेंद्र सिंह ने भाजपा को अलविदा कह दिया है। उनका कहना है कि मैंने अपना इस्तीफा भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा को भेज दिया है। मेरी धर्मपत्नी प्रेमलता ने भी भाजपा से इस्तीफा दे दिया है। पूर्व केंद्रीय मंत्री ने बताया कि कल वह अपने समर्थकों और कार्यकर्ताओं के साथ कांग्रेस मुख्यालय में पार्टी का हाथ पकड़ेंगे। बता दें कि इससे पहले बीरेंद्र सिंह के बेटे एवं हिसार से सांसद बृजेंद्र सिंह भी 10 मार्च को कांग्रेस में शामिल हो चुके हैं। माना जा रहा है कि कांग्रेस बृजेंद्र सिंह को हिसार लोकसभा सीट से अपने उम्मीदवार के रूप में चुनावी रण में उतार सकती है।

बता दें कि पूर्व केंद्रीय मंत्री बीरेंद्र सिंह 10 साल बाद कांग्रेस में वापसी कर रहे हैं। जाटों के दबदबे वाले जींद और इससे लगते एरिया को बांगर बेल्ट कहा जाता है। इस इलाके में किसानों के बड़े नेता रहे सर छोटूराम के नाती बीरेंद्र सिंह की मजबूत पकड़ रही है। बीरेंद्र सिंह के परिवार का हिसार इलाके में भी बड़ा जनाधार है। एक बार खुद बीरेंद्र सिंह तो वर्ष 2019 में उनके बेटे इस सीट से सांसद रहे हैं।
जींद की उचाना सीट से 5 बार विधायक और दो बार राज्यसभा और एक बार लोकसभा सांसद रह चुके बीरेंद्र सिंह 43 साल तक कांग्रेस में रहने के बाद 2014 को लोकसभा चुनाव के बाद भाजपा में शामिल हो गए थे। कांग्रेस छोड़ने के पीछे की वजह उनके पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के साथ मतभेद रहे, लेकिन अब हुड्डा और बीरेंद्र सिंह फिर से एक-दूसरे के काफी करीब हो गए हैं।

वहीं बीरेंद्र सिंह ने पिछले दिनों दावा किया था कि उनके साथ कुछ विधायक भी कांग्रेस में शामिल होंगे। इस खबर को खुद बीरेंद्र सिंह ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर शेयर किया है। बता दें कि पिछले कुछ दिनों से बीरेंद्र सिंह भाजपा और दुष्यंत चौटाला की पार्टी जजपा पर हमलावर हैं। उन्होंने 28 मार्च को बयान में कहा था कि जजपा भाजपा की ही बी टीम है। यह भाजपा के रिजर्व प्लेयर हैं। जजपा ने पलटवार करते हुए कहा था कि सभी सीटों पर उम्मीदवार उतारेंगे। ऐसे में भाजपा सोच समझकर जजपा से कहेगी कि किन किन सीटों पर उम्मीदवार खड़े करने है।