MOHANLAL BADOLI

हरियाणा BJP अध्यक्ष का बागियों पर सख्त रुख: पार्टी में वापसी नहीं, भीतरघातियों की सूची तैयार

राजनीति चंडीगढ़ पंचकुला हरियाणा

हरियाणा BJP अध्यक्ष मोहन बड़ौली ने शुक्रवार को स्पष्ट रूप से कहा कि पार्टी छोड़ने वाले बागियों को फिर से भाजपा में एंट्री नहीं दी जाएगी। रोहतक में भाजपा प्रदेश कार्यालय ‘मंगल कमल’ में आयोजित सदस्यता अभियान-2024 की बैठक में उन्होंने यह बयान दिया। इस बैठक में भाजपा प्रदेश महामंत्री सुरेंद्र पूनिया, संदीप जोशी, और पूर्व मंत्री मनीष ग्रोवर भी मौजूद थे।

बड़ौली ने घोषणा की कि पार्टी का सदस्यता अभियान पूरा होने के बाद ही नए सदस्य सक्रिय सदस्य बन सकेंगे। उन्होंने बताया कि इस प्रक्रिया के तहत सबसे पहले बूथ स्तर पर कमेटी का गठन होगा, इसके बाद मंडल, जिला, और प्रदेश स्तर पर चुनाव होंगे। फिर राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव होगा। उन्होंने स्पष्ट किया कि इन प्रक्रियाओं के दौरान किसी भी नए नेता को पार्टी में शामिल नहीं किया जाएगा।

बागियों पर सख्त रुख

मोहन बड़ौली ने पार्टी विरोध में काम करने वालों के खिलाफ सख्त रुख अपनाते हुए कहा कि भाजपा छोड़ने वाले नेताओं की सूची तैयार की जा चुकी है। उन्होंने बताया कि भाजपा नेतृत्व भविष्य में जिम्मेदारी देने से पहले इन बागियों की फीडबैक रिपोर्ट पर गौर करेगा। उन्होंने कहा कि विधानसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस के समर्थन में गए नेताओं की वापसी अब मुश्किल हो गई है। पार्टी की ओर से इस फैसले पर हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सैनी ने भी रोक लगा दी है, और कहा है कि ऐसे नेताओं की वापसी का निर्णय केवल केंद्रीय नेतृत्व करेगा।

पार्टी में वापसी के प्रयास में झटका

भाजपा के सूत्रों के मुताबिक, पार्टी में वापसी की कोशिश में लगे कई नेताओं को झटका लगा है। इनमें टिकट न मिलने पर नाराज हुए नेता, बागी उम्मीदवार, पूर्व सांसद, और पूर्व मंत्री भी शामिल हैं। ये नेता केंद्रीय नेतृत्व के समक्ष अपनी पैरवी करना चाहते थे, लेकिन मुख्यमंत्री नायब सैनी के निर्देश के बाद अब उनकी एंट्री पर रोक लगा दी गई है।

चुनाव के बीच भाजपा छोड़ने वाले बड़े चेहरे

  1. बृजेंद्र सिंह: पूर्व सांसद बृजेंद्र सिंह, जो पूर्व मंत्री बीरेंद्र सिंह के बेटे हैं, ने लोकसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस में शामिल होने का फैसला किया। उन्हें भाजपा से टिकट कटने का डर था, लेकिन कांग्रेस ने भी उन्हें टिकट नहीं दिया। विधानसभा चुनाव में उन्होंने जींद की उचाना सीट से भाजपा उम्मीदवार देवेंद्र अत्रि के खिलाफ चुनाव लड़ा और हार गए।
  2. रणजीत चौटाला: पूर्व डिप्टी प्रधानमंत्री देवीलाल के बेटे रणजीत चौटाला ने भी विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा से बगावत की। रानियां सीट से टिकट न मिलने पर उन्होंने बागी तेवर अपनाए। हालांकि, वह पिछली भाजपा सरकार में बिजली मंत्री भी रह चुके हैं।
  3. अशोक तंवर: अशोक तंवर का भाजपा से अलग होने का तरीका सबसे दिलचस्प था। भाजपा के समर्थन में प्रचार करते समय अचानक राहुल गांधी की महेंद्रगढ़ में रैली में मंच पर जाकर कांग्रेस जॉइन कर ली। पहले भी कांग्रेस में रह चुके तंवर ने भाजपा के टिकट पर सिरसा से लोकसभा चुनाव लड़ा था, लेकिन हार गए। भाजपा के बागियों पर इस सख्त फैसले के बाद अब उनकी वापसी की संभावना कम हो गई है।

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