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Breaking News : Karnal Loksabha Congress प्रत्याशी Divyanshu Budhiraja निकला भगोड़ा, चुनाव संकट में!

राजनीति पंचकुला

Breaking News : हरियाणा कांग्रेस ने करनाल लोकसभा सीट पर युवा चेहरे दिव्यांशु बुधिराजा को प्रत्याशी बनाकर उतारा है। आरोप है कि दिव्यांशु बुधिराजा 15 दिसंबर 2023 को भगोड़े घोषित हो चुके थे। उनके खिलाफ पंचकुला में मामला दर्ज किया गया था। बताया जा रहा है कि दिव्यांशु बुधिराजा ने जांच में सहयोग नहीं किया, न ही वह मामले में आज तक पेश हुए हैं। ऐसे में उन्हें भगोड़ा घोषित किया गया है। इस बात का खुलासा एक महिला ने आरोप लगाते हुए किया है। माना जा रहा है कि भगोड़ा घोषित होने के बाद दिव्यांशु चुनाव में नामांकन नहीं भर सकते। वहीं कांग्रेस के शीर्ष नेताओं पर करनाल लोकसभा सीट को बेचने का आरोप लगा है।

बता दें कि राजनीति एक ऐसा क्षेत्र है, जहां अपने प्रतिद्वंदी को मात देने के लिए सामने वाला हर तरह की चाल चलता है। साम-दाम-दंड-भेद का इस्तेमाल किया जाता है। हरियाणा की सबसे हॉट करनाल लोकसभा सीट पर ऐसा ही कुछ हो रहा है। कांग्रेस ने वीरवार की देर रात करीब 11 बजे ही दिव्यांशु बुद्धिराजा को लोकसभा करनाल से टिकट देकर चुनावी रण में उतारा है। आज ही वर्ष 2018 के एक मामले में पंचकूला कोर्ट ने बुद्धिराजा को पीओ घोषित कर दिया। बताया जा रहा है कि कोर्ट द्वारा मामले में पेश होने के लिए कई बार सम्मन जारी किए गए थे, लेकिन बुद्धिराजा पेश नहीं हुए।

दिव्यांशु बुद्धिराजा

बता दें कि वर्ष-2018 में सेक्टर-14 थाना में डैमेज ऑफ पब्लिक प्रॉपर्टी का मामला पुलिस ने दर्ज किया था। इसके अलावा 16 जनवरी 2018 में भी एक मामला दिव्यांशु के खिलाफ दर्ज हुआ था। जिसमें आरोप लगाया गया था कि हरियाणा के तत्कालीन मुख्यमंत्री मनोहर लाल को पंचकूला के सेक्टर-1 कॉलेज में काले झंडे दिखाए गए थे। इसमें दिव्यांशु और उसके दोस्त हार्दिक के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था।

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अब सोचने वाली बात यह है कि 6 साल बाद दिव्यांशु को पीओ घोषित किए जाने वाला मामला सामने आया। वह भी तब जब दिव्यांशु कांग्रेस की टिकट पर भाजपा के प्रत्याशी एवं पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल के सामने मैदान में उतारे गए हैं। अब लोकसभा टिकट के बाद पीओ घोषित वाला मामला सामने आना, इसके अलग ही मायने लगाए जा सके। लेकिन देखने वाली बात यह है कि अब आने वाले समय में होता क्या है? कितनी मुश्किलें बुद्धिराजा को उठानी पड़ सकती हैं।

जानिए क्या होता है पीओ

बता दें कि भगोड़ा (पीओ) शब्द का इस्तेमाल कानूनी रूप से फरार घोषित हो चुके किसी व्यक्ति के लिए किया जाता है। इसमें उसका अपराध कुछ भी हो सकता है। हालांकि भगोड़ा शब्द मीडिया के द्वारा प्रचलन में लाया है, क्योंकि इसका इस्तेमाल सिर्फ बोलचाल की भाषा में किया जाता है। कानून की भाषा भी ऐसे व्यक्ति को फरार ही कहा जाता है। जब किसी व्यक्ति को कानूनी रूप से फरार मान लिया जाता है, तब अपराध प्रक्रिया संहिता यानि CrPC की धारा 82 के तहत फरार व्यक्ति की उद्घोषणा की जाती है।

इसे ही आम बोलचाल में भगोड़ा कहा जाता है। किसी भी व्यक्ति के भगोड़ा घोषित होने के बाद उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाती है। ऐसे में सीआरपीसी की धारा 83 के तहत भगोड़ा घोषित हो चुके आरोपी की संपत्ति को कुर्क करने की कार्रवाई शुरू की जाती है।