Haryana की राजनीति में इस समय बड़ी हलचल मची हुई है। मुख्यमंत्री नायब सैनी(CM Saini) और पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर(Manohar Lal) प्रदेश के अफसरों से नाराज चल रहे हैं। लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान यह नाराजगी साफ दिखाई दे रही है। पहले मनोहर लाल खट्टर और अब सीएम नायब सैनी लगातार अफसरों पर निशाना साध रहे हैं और उन्हें सही तरीके से काम करने की चेतावनी दे रहे हैं।
पंचकूला में भाजपा की रिव्यू मीटिंग के बाद सीएम सैनी ने प्रदेश के अधिकारियों पर सीधा निशाना साधा। इस नाराजगी की वजह से हरियाणा सचिवालय में भी हलचल मच गई है। 12 मार्च को मनोहर लाल खट्टर ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था और नायब सैनी को नया मुख्यमंत्री बनाया गया। इससे पहले भाजपा जजपा के समर्थन से सरकार चला रही थी। जजपा से गठबंधन टूटने के बाद भाजपा ने नई सरकार में 5 निर्दलीय विधायकों का समर्थन लिया था। हाल ही में इनमें से 3 निर्दलीय विधायक सरकार से नाराज होकर कांग्रेस को समर्थन देने का ऐलान कर चुके हैं।

इस बारे में सरकार को कोई भी जानकारी खुफिया एजेंसियों द्वारा पहले से नहीं दी गई थी, जिसकी वजह से सरकार अब फ्लोर टेस्ट को लेकर असहज स्थिति में है। लोकसभा चुनाव में कुछ अधिकारियों द्वारा विरोधी दलों खासकर कांग्रेस और जजपा को मदद देने के भी इनपुट मिले हैं। इस इनपुट के बाद पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर नाराज बताए जा रहे हैं। उन्होंने इस मुद्दे पर मुख्यमंत्री नायब सैनी से भी चर्चा की है।
चुनाव में दिया था फ्री हैंड
पूर्व सीएम खट्टर को केंद्रीय नेतृत्व ने इस चुनाव में फ्री हैंड दिया था, इसलिए वे सभी सीटों का चुनावी प्रबंधन भी देख रहे थे। चुनाव में इस लापरवाही की वजह से यदि भाजपा को कोई नुकसान होता है तो सरकार सख्त फैसला ले सकती है। भाजपा की रिव्यू मीटिंग में लोकसभा कैंडिडेट्स ने सीएम को बताया कि अधिकारियों का फील्ड में रवैया ठीक नहीं था। उनका रवैया लोगों और भाजपा कार्यकर्ताओं के प्रति नकारात्मक था, जिससे कई बार चुनाव में असहज स्थिति बनी।
अधिकारियों से स्पष्टीकरण मांगेगी सरकार
सरकार ने इस मुद्दे को गंभीरता से लिया है और सभी कैंडिडेट्स को ऐसे अधिकारियों के खिलाफ लिखित शिकायत देने को कहा है। 4 जून के बाद सरकार इन अधिकारियों से स्पष्टीकरण मांगेगी। मुख्यमंत्री नायब सैनी का कहना है कि अधिकारियों को अपनी जिम्मेदारियों का सही तरीके से निर्वहन करना चाहिए। सरकार चुनाव में किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं करेगी।
राजनीति में काफी उथल-पुथल
भाजपा नेतृत्व भी इस मुद्दे पर सख्त रुख अपना रहा है और जल्द ही दोषी अधिकारियों पर कार्रवाई हो सकती है। इस समय हरियाणा की राजनीति में काफी उथल-पुथल है। मुख्यमंत्री और पूर्व मुख्यमंत्री दोनों की नाराजगी ने ब्यूरोक्रेसी में भी हलचल मचा दी है। यह देखना दिलचस्प होगा कि आगामी दिनों में इस मुद्दे पर क्या कदम उठाए जाते हैं और किस तरह से सरकार इस स्थिति से निपटती है।