भाजपा की ओर से Rekha Sharma ने मंगलवार को राज्यसभा उपचुनाव के लिए नामांकन दाखिल किया। उनके साथ हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सैनी भी मौजूद थे। भाजपा के पास बहुमत के लिए पर्याप्त संख्या बल होने के कारण रेखा शर्मा की जीत लगभग तय मानी जा रही है।
अचानक नाम की घोषणा से सभी हैरान
रेखा शर्मा का नाम राज्यसभा उम्मीदवारों की सूची में कहीं नहीं था, लेकिन भाजपा ने उनके नाम का ऐलान कर सबको चौंका दिया। रेखा, राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष रह चुकी हैं और भाजपा में लंबे समय से सक्रिय रही हैं। राज्यसभा सीट के लिए कई बड़े नाम दौड़ में थे, जैसे प्रदेश अध्यक्ष मोहन लाल बड़ौली, पूर्व सांसद संजय भाटिया, कुलदीप बिश्नोई, और सुनीता दुग्गल।
कांग्रेस ने खड़े किए हाथ, निर्विरोध जीत का रास्ता साफ
हरियाणा विधानसभा में भाजपा के पास 48 विधायकों का मजबूत समर्थन है और तीन निर्दलीय विधायक भी पार्टी के साथ हैं। दूसरी ओर, कांग्रेस ने उम्मीदवार उतारने से इनकार कर दिया है। कांग्रेस के पास केवल 37 विधायक हैं, जो बहुमत के लिए पर्याप्त नहीं है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने दो दिन पहले ही साफ कर दिया था कि राज्यसभा की एक सीट होने के कारण वे अपना उम्मीदवार नहीं उतारेंगे।
राजनीतिक गणित और अगले कदम
20 दिसंबर को होने वाले उपचुनाव में रेखा शर्मा का निर्विरोध चुना जाना तय है। यह दूसरी बार है जब कांग्रेस ने राज्यसभा के लिए कोई उम्मीदवार नहीं खड़ा किया। इससे पहले किरण चौधरी के राज्यसभा जाने के दौरान भी कांग्रेस ने चुनाव से दूरी बनाई थी।
रेखा शर्मा की पृष्ठभूमि ने बदला खेल
रेखा शर्मा की चर्चा विधानसभा चुनाव के दौरान कालका सीट से हो रही थी, लेकिन पार्टी ने उन्हें राज्यसभा के लिए चुना। दिल्ली में भाजपा की केंद्रीय नेतृत्व के फैसले ने हरियाणा की राजनीति में नया मोड़ ला दिया है।