Haryana Politics : हरियाणा में लोकसभा चुनाव के तहत मतदान के बाद चुनावी शोर तो खत्म हो चुका है, लेकिन कौन-सी लोकसभा सीट पर किस प्रत्याशी के हाथ कुर्सी का सिहासन लगेगा, इसको लेकर चर्चाओं का बाजार गर्म हो चुका है। बता दें कि 4 जून को आने वाले चुनावी परिणामों तक यह चर्चाएं जारी रहेंगी। हरियाणा के चारों ओर से दिल्ली से सजे होने के कारण मतदाताओं की रूचि राजनीति में ज्यादा आंकी जाती है।
इसी कड़ी में बात करते हैं हरियाणा की हॉट मानी जाने वाली रोहतक लोकसभा सीट, यहां मतदान के बाद क्या समीकरण सामने आ रहे हैं। बताते हैं लोकसभा सीट, जिस पर पूरे हरियाणा की नजर है। इस सीट पर जहां एक ओर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के शहजादे कांग्रेस की टिकट पर चुनाव लड़ रहे थे, तो वहीं वर्ष 2019 में मोदी लहर में अपनी जीत दर्ज करवाने वाले भाजपा प्रत्याशी डॉ. अरविंद शर्मा चुनावी रण में उतरे हैं। बता दें कि रोहतक सीट हुड्डा का गढ़ होने के कारण काफी हॉट मानी जाती है और प्रदेश ही नहीं, बल्कि दिल्ली तक इस सीट की काफी चर्चा है। रोहतक सीट की बात करें तो हुड्डा परिवार इस सीट पर दो-चार नहीं, पूरे 9 बार अपनी जीत दर्ज करवाकर संसद अपनी एंट्री करवा चुका है।

वर्ष 2019 के पिछले लोकसभा चुनाव में इस सीट पर भाजपा ने अपना खाता खोला था। भाजपा प्रत्याशी डॉ. अरविंद शर्मा ने 10000 के कम मार्जन से अपनी जीत दर्ज करवाई थी। अब यह सीट हुड्डा परिवार के भविष्य के लिए भी काफी मायने रखती है। वर्ष 2024 में हो रहे लोकसभा चुनाव में कांग्रेस-भाजपा दोनों राजनीतिक दलों ने इस सीट पर सबसे ज्यादा फोकस भी किया है। इसीलिए प्रदेश की तीसरी हॉट सीट कहीं जाने वाली रोहतक सीट पर पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र हुड्डा के बेटे चुनावी मैदान में उतरे हैं। पिछले बार करीब 7500 वोटों से चुनाव हारने के बाद यह सीट भूपेंद्र सिंह हुड्डा के लिए काफी मायने रखती है। इसका कारण दीपेंद्र को कोसली से बड़ा झटका भी माना जाता है।

वहीं इस बार की बात करें तो पिछले चुनावों के मुकाबले इस सीट पर मतदान का प्रतिशत घटता दिखाई दिया है। जिस सीट पर डॉ. अरविंद शर्मा ने लीड दर्ज की थी, वहीं इस बार मतदान कम आंका जा रहा है। इस बार रोहतक सीट पर 62.50 प्रतिशत मतदान हुआ है, जबकि 2019 के मुकाबले मतदान में 9 प्रतिशत की गिरावट देखने को मिली है। उन समय करीब 72 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया था। उधर महम विधानसभा की बात करें तो इस बार इस सीट पर बंपर वोटिंग बताई जा रही है। यहां करीब 69 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया है। जिसको लेकर भाजपा काफी चिंतित नजर आ रही है। वहीं रोहतक शहर में भी मतदान कम होने से डॉ. शर्मा के माथे की लकीरें बढ़ती नजर आ रही हैं।

राजनीतिक विशेषज्ञों की मानें तो जिन सीटों पर भाजपा ने पिछली बार अच्छे मार्जन से जीत दर्ज की थी, इस बार उन सीटों पर चिंता की लकीरें साफ दिखाई दे रही हैं। दूसरी तरफ जहां पिछली बार दीपेंद्र हुड्डा के पक्ष में कम मतदान हुआ था, वहां इस बार मतदान के प्रतिशत में बढ़ोतरी बताई जा रही है। माना जा रहा है कि दीपेंद्र हुड्डा इस बार कम मार्जन सीटों पर बढ़ोतरी की राह पर दिखाई दे रहे हैं। ऐसी स्थिति में भारतीय जनता पार्टी और उनके प्रत्याशी डॉ. शर्मा की चिंताएं चुनावी परिणाम से पहले दिखाई देने लगी हैं। कयास लगाए जा रहे हैं कि जिन सीटों पर भाजपा ने पिछली बार बढ़त बनाई थी, इस बार कांग्रेस 2-3 प्रतिशत लीड ले सकती है।

अब रोहतक सीट पर हुड्डा परिवार की साख बढ़ती दिखाई दे रही हैं। बता दें कि चुनाव प्रचार के दौरान हुड्डा परिवार ने रोहतक सीट पर जी तोड़ मेहनत भी की है। भूपेंद्र और दीपेंद्र हुड्डा ही नहीं, बल्कि दीपेंद्र की माता आशा हुड्डा और उनकी पत्नी श्वेता हुड्डा स्वयं लोकसभा के चुनावी प्रचार के मैदान में नजर आई थी। माना जा रहा है कि इस सीट की जीत पर ही विधानसभा चुनाव की नींव निर्भर कर रही है। अगर हुड्डा इस सीट पर अपनी जीत दर्ज करवा देते हैं तो वह दिल्ली होते हुए वाया चंडीगढ़ तक अपनी छाप छोड़ सकती है। राजनीतिक गलियारों में उठ रही चर्चा की बात करें तो दीपेंद्र हुड्डा रोहतक सीट पर अपनी जीत दर्ज करवाते नजर आ रहे हैं।