Haryana में सवा चार साल तक बीजेपी(BJP) के साथ गठबंधन में सरकार चलाने वाली जननायक जनता पार्टी(JJP) के बीजेपी(BJP) में विलय की अफवाह ने जेजेपी(JJP) के सीनियर नेताओं की नींद उड़ा दी है। जब से मीडिया में पार्टी के विलय से संबंधित खबरें आई हैं, तब से पूर्व डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला ने भी तीखी प्रतिक्रिया दी है।
बता दें कि जननायक जनता पार्टी के ऑफिशियल X (पहले ट्वीटर) अकाउंट पर पार्टी की तरफ से लिखा गया कि ‘जननायक जनता पार्टी के बारे में एक भ्रामक और आधारहीन खबर एक समाचार पत्र और एक टीवी चैनल पर प्रचारित की गई है। जननायक जनता पार्टी ऐसी गलत खबर का पूर्णतः खंडन करती है और खबर प्रकाशित करने वालों के खिलाफ कानूनी नोटिस भेजा जा रहा है। वहीं दुष्यंत चौटाला ने X (पहले ट्वीटर) पर लिखा-मैं जेजेपी से जुड़ी एक बेबुनियाद खबर को कई प्लेटफॉर्म पर गैर-जिम्मेदाराना तरीके से फैलाए जाने से बेहद निराश और गुस्से में हूं।

हमारी पार्टी जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करेगी। सत्य की जीत होनी ही चाहिए। बता दें कि एक दिन पहले ही एक समाचार पत्र और टीवी पर खबर प्रसारित हुई कि जेजेपी का बीजेपी में विलय हो सकता है। बकायदा ये भी दावा किया गया कि पूर्व मुख्यमंत्री और केंद्र में मंत्री मनोहर के साथ दुष्यंत चौटाला की दिल्ली में मीटिंग हो चुकी हैं।
संगठन में अहम जिम्मेदारी
साथ ही राज्यसभा कोटे से दुष्यंत केंद्र में बड़े पद और उनके भाई दिग्विजय चौटाला को हरियाणा संगठन में अहम जिम्मेदारी मिल सकती हैं। इस तरह की खबरें प्रकाशित होने के बाद जेजेपी में खलबली मच गई। इन खबरों का खंडन करने के लिए खुद दुष्यंत चौटाला को सोशल मीडिया पर पोस्ट करनी पड़ी। साथ ही पार्टी में इस तरह की खबरें चलाने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की बात कर रही है।

भाजपा को नहीं मिला पूर्ण बहुमत
दरअसल, 2019 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी को हरियाणा में पूर्ण बहुमत नहीं मिल पाया था। जिसकी वजह से 10 सीटें जीतने वाली जेजेपी के साथ गठबंधन कर सरकार बनाई गई है। इस सरकार में मनोहर लाल को सीएम तो जेजेपी कोटे से दुष्यंत चौटाला को डिप्टी सीएम बनाया गया था। सवा चार साल तक सबकुछ ठीक ठाक चलता रहा, लेकिन इसी साल 12 मार्च को अचानक मनोहर लाल खट्टर ने सीएम पद से इस्तीफा दे दिया और दोनों पार्टियों का गठबंधन टूट गया।
लोकसभा चुनाव में हुआ नुकसान
बाद में निर्दलीय विधायकों के समर्थन से बीजेपी ने नायब सैनी के नेतृत्व में फिर से सरकार बना ली। लोकसभा चुनाव में बीजेपी और जेजेपी दोनों ने अलग होकर चुनाव लड़ा। बीजेपी को जहां 10 लोकसभा सीटों में पांच सीटों का नुकसान हुआ तो जेजेपी की बुरी तरह हार हुई। खुद हिसार सीट से दुष्यंत चौटाला की मां नैना चौटाला बुरी तरह हार गए।