Haryana में सीएम नायब सिंह सैनी के नेतृत्व में कैबिनेट में संजय सिंह को राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) के रूप में चुना गया। संजय सिंह का विधानसभा सीटों सोहना-तावडू-मुस्लिम बहुल्य और नूंह से है। उन्होंने हिंसा के बाद (Brajmandal Yatras) ब्रजमंडल यात्राओं का समर्थन किया और हिंदू धर्म और अधिकारों की रक्षा की।
बता दें कि हरियाणा सरकार में संजय सिंह को उपलब्धि प्राप्त करने के बाद भाजपा के ध्रुवीकरण की राजनीति के हिसाब से महत्वपूर्ण माना जा रहा है। उनके उम्मीदवारी से भाजपा का उद्दीपन है कि वे मुस्लिम बहुल्य क्षेत्र से भी वोट लाकर चुनाव जीतने की कोशिश करेंगे। नूंह जिले के नूंह बॉर्डर पर ब्रजमंडल यात्रा के समर्थन में संजय सिंह ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है, उन्हें इस क्षेत्र में हिंदू आवाज के रूप में माना जाता है।

2019 के विधानसभा चुनाव में उन्होंने गुरुग्राम के सोहना-तावडू सीट से जीत हासिल की, जिससे उनकी राजनीतिक उपलब्धियों में चार्ट में वृद्धि हुई। संजय सिंह का किसानों और गौरक्षकों के साथ गहरा जुड़ाव है। उन्होंने राज्य सरकार में कई पद भी निभाए हैं। उन्हें ग्राम पंचायत से राज्य सरकार तक की राजनीतिक यात्रा में संघर्ष किया है।

नूंह में यात्रा को की थी मजबूती प्रदान
भाजपा की रणनीतिकारों का कहना है कि उन्हें प्रदेश की हर बेल्ट के हिसाब से स्ट्रेटेजी बनानी होगी, जिसमें नूंह का भी विशेष महत्व है। संजय सिंह के नेतृत्व में हिंसा के बाद ब्रजमंडल यात्रा का समर्थन हुआ और उन्होंने राजनीतिक चरण के साथ ही इसमें भाग लिया। उन्होंने नूंह जिले के बोर्डर पर यात्रा का समर्थन किया और अपनी उपस्थिति से इसे मजबूती प्रदान की। संजय सिंह की यह उपलब्धि है कि उन्होंने गुरुग्राम के सोहना-तावडू सीट से जीत हासिल की है, जिससे उनकी राजनीतिक उपलब्धियों में चार्ट में वृद्धि हुई है।
