हरियाणा में कांग्रेस को बड़ा झटका लगा है। त्रिलोचन सिंह, जो मेयर पद की टिकट के प्रबल दावेदार थे, ने पार्टी छोड़ने का फैसला कर लिया है। कांग्रेस ने उनकी जगह मनोज वधवा को उम्मीदवार बनाया, जिससे वे नाराज बताए जा रहे थे।
सरदार त्रिलोचन सिंह, जो कांग्रेस के जिला संयोजक भी हैं, पहले करनाल से चुनाव लड़ चुके हैं। उन्होंने पार्टी छोड़ने पर बड़ा बयान दिया हैं। उन्होंने कहा कि आज कांग्रेस वो नहीं रही जो पहले हुआ करती थी। जिस पार्टी के लिए राजीव गांधी और इंदिरा गांधी ने खून बहाया था वह पार्टी तो अब खत्म हो चुकी है। जब समाज के लोगों के काम नहीं होते और पार्टी नेतृत्व हमारी बात ही नहीं सुनता, तो ऐसी पार्टी में रहने का कोई मतलब नहीं है।
अशोक खुराना ने कहा कि मेयर प्रत्याशी मनोज वधवा और करनाल सीट से लोकसभा चुनाव लड़ चके दिव्यांशु बुद्धिराजा मनाने आए थे। पिछले दिनों हुई एक मीटिंग में मैंने चुनाव लड़ने की इच्छा जताई थी। मेयर का टिकट डिक्लेयर होने से पहले जब मनोज वधवा का नाम सामने आया था तो मैं राम-राम करके आ गया था। मैंने कांग्रेस के वरिष्ठ नेता भूपेंद्र हुड्डा को भी अपना फैसला बता दिया है। भाजपा में मान सम्मान की शर्त रखी है। अगर मुझे मनाने के लिए कोई आ जाता तो शायद मैं कांग्रेस छोड़कर नहीं जाता।
वहीं दिव्यांशु बुद्धिराजा ने बताया कि हमने अशोक खुराना को मनाने का प्रयास किया और उनको समझाया है। उनसे अपने फैसले पर पुनर्विचार करने के लिए कहा है। कांग्रेस नेता अशोक खुराना भी भाजपा ज्वाइन कर रहे हैं। दूसरी ओर, आम आदमी पार्टी के नेता सुनील बिंदल भी अपनी पार्टी छोड़कर भाजपा में शामिल होने जा रहे हैं।