Haryana Politics

Haryana Politics : सीएम कुर्सी के सपने देखने वाले 3 वरिष्ठ BJP leader घर बैठने को मजबूर, Anil Vij के बाद Ram Bilas Sharma का छलका दर्द, लोकसभा चुनाव से बना रहे दूरियां

राजनीति पंचकुला

Haryana Politics : हरियाणा में जैसे-जैसे लोकसभा चुनावों के मतदान की तारीखों की नजदीकियां बढ़ती जा रही है, वैसे-वैसे चुनाव प्रचार अभियान की रफ्तार तेज हो चुकी है। भारतीय जनता पार्टी सभी 10 लोकसभा सीट पर अपने उम्मीदवार घोषित कर चुकी हैं। वहीं अनदेखी के चलते भाजपा के 3 वरिष्ठ नेता चुनाव प्रचार से दूरी बनाकर घर बैठने को मजबूर हैं। खास बात यह हे कि अनदेखी के चलते पूर्व प्रदेशाध्यक्ष रामबिलास शर्मा, पूर्व गृह मंत्री अनिल विज और पूर्व वित्त मंत्री कैप्टन अभिमन्यु को जैसी उम्मीद थी, उसके अनुरूप उन्हें तवज्जो नहीं मिल पाई। वर्ष 2014 से पहले तक इन्हें पार्टी का कर्ता-धर्ता माना जाता था। अब तीनों वरिष्ठ नेता खुलकर अपनी नाराजगी जाहिर कर रहे हैं।

बता दें कि पूर्व प्रदेशाध्यक्ष रामबिलास शर्मा, पूर्व गृह मंत्री अनिल विज और पूर्व वित्त मंत्री कैप्टन अभिमन्यु तीनों ही नेता एक समय में मुख्यमंत्री पद के भी दावेदार रहे, लेकिन पार्टी ने पहले मनोहर लाल और फिर नायब सिंह सैनी को मुख्यमंत्री बनाकर प्रदेश की कमान सौंपी है। 10 सालों में तीनों ही नेताओं को मुश्किल हालातों का सामना करना पड़ा। उम्मीद के मुताबिक तवज्जो नहीं मिलने पर अब तीनों नेता खुलकर नाराजगी भी दिखा रहे हैं। पूर्व प्रदेशाध्यक्ष रामबिलास शर्मा के अनदेखी का ताजा दर्द एक दिन पहले सामने आया। जिन्होंने मुख्यमंत्री नायब सैनी की मौजूदगी में मंच से यह कह दिया कि पेड़ हमने लगाया, जब छांव में बैठने के दिन आए तो हमें कहते हैं समय नहीं है।

पूर्व प्रदेशाध्यक्ष रामबिलास शर्मा महेंद्रगढ़ के नांगल चौधरी में आयोजित रैली के दौरान मंच से संबोधित कर रहे थे। हालांकि भाषण के दौरान उन्हें टोक दिया गया। इसके बाद उनका कुछ अलग बयान भी सामने आया। पूर्व मंत्री ओमप्रकाश यादव का नाम लेने का समय आया तो उन्होंने कहा कि ओमप्रकाश यादव को लोग पूर्व मंत्री कहते हैं। समय का कोई भरोसा नहीं है, समय कब पलटी मार जाए। कई बार गीदड़ से भी सिंह (शेर) हार जाते हैं। बता दें कि रामबिलास शर्मा भाजपा में कई महत्वपूर्ण पदों पर अपनी जिम्मेदारी निभा चुके हैं।

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भाजपा सरकार के पूर्व गृह मंत्री अनिल विज

वहीं प्रदेश सरकार के पूर्व गृह मंत्री अनिल विज की बात करें तो उनका भी कुछ ऐसा ही हाल है। वर्ष 2019 के विधानसभा चुनावों में भाजपा 40 सीटों पर सिमट कर रह गई। इस दौरान पार्टी के कई बड़े दिग्गज मंत्रियों को हार का मुंह देखना पड़ा था। हालांकि उस समय जेजेपी ने गठबंधन कर भाजपा की नैया को पार लगाते हुए प्रदेश में सरकार बनाने का काम किया था। उस दौरान भी चर्चाओं ने जोर पकड़ा था कि भाजपा मनोहर लाल को हटाकर किसी और को मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बिठा सकती है। उस दौरान 6 बार के विधायक अनिल विज का नाम मुख्यमंत्री पद की दौड़ में सबसे आगे था, लेकिन भाजपा हाईकमान ने फिर से सबको चौंकाते हुए विज को दरकिनार कर मनोहर लाल को मुख्यमंत्री का ताज पहनाया था।

मामला यही नहीं थमा, इसके बाद 12 मार्च 2024 को हाल ही में भाजपा-जजपा का गठबंधन टूटने के बाद तत्कालीन मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। हरियाणा में नायब सिंह सैनी के नेतृत्व में निर्दलीय विधायकों के समर्थन से नई सरकार का गठन हुआ। नायब सैनी को मुख्यमंत्री बनाने पर मनोहर लाल सरकार में गृह एवं स्वास्थ्य मंत्री रहे अनिल विज पूरी तरह से नाराज हो गए थे। वह विधायक दल की बैठक को बीच में ही छोड़कर चले गए थे।

इस दौरान पार्टी के नेताओं ने उन्हें मनाने की कोशिश की थी, लेकिन विज ने किसी की एक नहीं मानी। हालांकि बाद में उन्होंने खुद को भाजपा का ईमानदार और कर्मठ कार्यकर्ता बताते हुए मामले को दबाने का प्रयास किया था, लेकिन उनके दिल का दर्द किसी से छिपा नहीं है। इसके बाद उन्हें प्रदेश की नई सरकार के मंत्रिमंडल में भी शामिल नहीं किया गया। अब उनकी नाराजगी इस कदर बढ़ चुकी हैं कि वह अंबाला लोकसभा सीट से प्रत्याशी बंतो कटारिया के लिए अंबाला कैंट से बाहर कहीं भी चुनाव प्रचार में शामिल नहीं हो रहे हैं।

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भाजपा के पूर्व शिक्षा मंत्री रामबिलास शर्मा

हरियाणा भाजपा के वरिष्ठ नेताओं में शुमार पूर्व शिक्षा मंत्री रामबिलास शर्मा का एक दिन पूर्व महेंद्रगढ़ के नांगल चौधरी में आयोजित रैली में मंच पर संबोधन के दौरान दर्द छलक उठा। वर्ष 2014 में भाजपा ने उनके नेतृत्व में ही पहले लोकसभा और फिर विधानसभा चुनाव लड़ा था। हरियाणा में पहली बार अपने बलबूते पर भाजपा की सरकार बनी। उस समय मुख्यमंत्री पद के लिए वह सबसे प्रमुख दावेदार थे, लेकिन पार्टी हाईकमान ने सबको चौंकाते हुए करनाल से पहली बार विधायक बने मनोहर लाल खट्टर को मुख्यमंत्री बना दिया।

भाजपा के पूर्व वित्त मंत्री कैप्टन अभिमन्यु

वर्ष 2014 के विधानसभा चुनावों में नारनौंद सीट से जीत हासिल कर मनोहर सरकार में वित्त मंत्री रहे कैप्टन अभिमन्यु हिसार लोकसभा सीट पर सबसे मजबूत दावेदार थे, लेकिन पार्टी हाईकमान ने आधे घंटे पहले भाजपा ज्वाइन करने वाले बिजली एवं जेल मंत्री रणजीत चौटाला को अपना प्रत्याशी घोषित कर दिया। कैप्टन अभिमन्यु ने चुनाव से पहले ही हिसार लोकसभा क्षेत्र में प्रचार शुरू कर दिया था, लेकिन टिकट नहीं मिलने पर अब चुनाव प्रचार से दूरी बनाए हुए हैं।

वहीं हिसार से टिकट नहीं मिलने पर बिश्नोई परिवार की नाराजगी भी खुलकर सामने आ रही है। वह भी रणजीत चौटाला के चुनाव प्रचार से दूरी बनाए हुए हैं। बता दें कि रणजीत चौटाला भाजपा को पिछले 5 साल से सरकार में समर्थन दे रहे हैं। वह अभी प्रदेश सरकार में मंत्री भी हैं। उधर चौटाला को टिकट मिलने के बाद भाजपा के एक और नेता कुलदीप बिश्नोई और उनके विधायक बेटे भव्य बिश्नोई भी नाराज दिख रहे हैं। कैप्टन अभिमन्यु के साथ-साथ कुलदीप और भव्य बिश्नोई ने अभी तक चौटाला के चुनावी प्रचार से दूरी बनाई हुई है। जिसका कारण टिकट नहीं मिलना भी बताया जा रहा है।