Haryana के नेता एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री चौधरी बीरेंद्र सिंह(EX Union Minister Birendra Singh) ने बीजेपी(BJP) को छोड़कर कांग्रेस में वापसी की। उन्होंने खुलकर बीजेपी(BJP) की राजनीतिक रणनीति पर निशाना साधा। उन्होंने हरियाणा में सरकार बनाने वाली बीजेपी(BJP) और जेजेपी(JJP) पर भी कड़ी टिप्पणी की। उन्होंने कहा कि हरियाणा में नई लीडरशिप को मौका मिलना चाहिए। साथ ही उन्होंने राजनीतिक गठजोड़ में भी खुलकर अपनी बात रखी।
वहीं जब उनसे पूछा गया कि अगर कांग्रेस उन्हें मुख्यमंत्री उम्मीदवार घोषित करती है, तो क्या वे पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा का समर्थन करेंगे। उन्होंने कहा कि कांग्रेस कभी ऐसा नहीं करती, लेकिन उन्होंने इसे समर्थन देने का फायदा माना, क्योंकि जितने प्रयास हो सकते हैं, वह करने चाहिए। बीरेंद्र सिंह ने अपने 52 साल के राजनीतिक अनुभव के माध्यम से बताया कि हरियाणा में राजनीति में बदलाव हो रहा है और वह बदलाव बीजेपी के लिए हानिकारक है। उन्होंने कहा कि जितनी तेजी से बदलेगी, उतना ही बीजेपी के लिए नुकसान होगा।

उन्होंने बताया कि गठजोड़ टूटने के बाद उन्हें फोन किया गया और उन्हें अब कांग्रेस में शामिल होने का फैसला लिया। उन्होंने स्पष्ट किया कि वे पहले ही कांग्रेस में शामिल हो चुके हैं। बीरेंद्र सिंह ने अपने राजनीतिक अनुभव के माध्यम से कहा कि हरियाणा में राजनीतिक दलों को ध्यान देना चाहिए, क्योंकि यहां गठजोड़ का समय बदल रहा है। उन्होंने कहा कि राजनीतिक दलों के बीच विभाजन बढ़ रहा है और खासकर हरियाणा में जेजेपी का वर्चस्व खतरे में है।

राजनीतिक दलों के बीच बढ़ रहा विभाजन
बीरेंद्र सिंह ने कहा कि उन्होंने हरियाणा में कांग्रेस में शामिल होने की मांग की थी, लेकिन उन्हें यहां जुड़ने का मौका नहीं मिला। इसके बाद उन्हें कहा गया कि वे दिल्ली में आकर कांग्रेस को जोड़ें। बीरेंद्र सिंह ने अपने राजनीतिक अनुभव के माध्यम से कहा कि हरियाणा में राजनीतिक दलों को ध्यान देना चाहिए। राजनीतिक दलों के बीच विभाजन बढ़ रहा है और खासकर हरियाणा में जेजेपी का वर्चस्व खतरे में है।
