हरियाणा और पंजाब की राजनीति में सिरसा स्थित Dera Sacha Sauda अपनी अहम भूमिका निभाता आया है। डेरा सच्चा सौदा का प्रभाव हरियाणा ही नहीं पंजाब, राजस्थान और उत्तरप्रदेश में भी हैं। माना जाता है कि डेरा के अनुयायी चुनाव में डेरे के आदेश पर ही अपने मताधिकार का प्रयोग करते हैं। इस बार डेरे की ओर से दो दिन पहले अपने अनुयायियों को वोटिंग का संदेश जारी किया जाएगा। जिसे डेरे की पॉलिटिकल इकाई द्वारा जारी किया जाएगा। फिलहाल यह इकाई रोहतक सुनारियां जेल में बंद राम रहीम के संदेश का इंतजार कर रही है।
बता दें कि इस बार के आम चुनाव में भले ही डेरा प्रमुख राम रहीम जेल से बाहर नहीं आया हो, लेकिन डेरे की 45 सदस्यीय कमेटी लगातार राम रहीम के संपर्क में है। यह कमेटी ही राम रहीम और डेरा अनुयायियों के बीच पुल का काम करती है, जो डेरा अनुयायियों को बाबा के राजनीतिक संकेत की जानकारी देती है। बताया जाता है कि डेरे का पंजाब के मालवा रीजन की कई सीटों और उत्तर प्रदेश की करीब 2 दर्जन विधानसभा सीटों पर असर माना जाता है। हरियाणा और पंजाब में जिन सीटों पर लड़ाई एक-एक वोट की है, वहां डेरे की भूमिका काफी अहम मानी जाती है।

बताया जा रहा है कि इस बार डेरे की राजनीतिक इकाई जल्द राम रहीम के संदेश को अनुयायियों तक पहुंचाएगी। हर जिले में ब्लॉक स्तर पर एक कमेटी बनाई गई है। जिसके माध्यम से बाबा का मैसेज अनुयायियों तक पहुंचता है। हालांकि डेरा किसी राजनीतिक दल के साथ होने पर इनकार करता रहा है। डेरा का मानना है कि जो समाज और देश की भलाई के लिए काम करेगा डेरा हमेशा उसके साथ खड़ा है।
राम रहीम के जेल में जाने के बाद भी डेरे को संदेश मिलते हैं। इस बार भी इंतजार है कि जेल से गुरमीत राम रहीम क्या संदेश देने वाला है। हालांकि डेरा प्रमुख इशारों में संदेश देता हैं, जिसे अनुयायियों तक पहुंचाया जाता है। बता दें कि हरियाणा में 25 मई को मतदान प्रक्रिया होने वाली है। इससे पूर्व राजनीतिक दलों का प्रचार खत्म होने के बाद डेरा की राजनीतिक इकाई एक्शन मोड़ में आ जाएगी। डेरा के अनुयायियों को मतदान से दो दिन पहले रात को मैसेज पहुंचाया जाएगा कि वोट किस पार्टी और प्रत्याशी को डालना है।

बताया जा रहा है कि इससे पहले पंजाब के पिछले चुनाव में अंतिम समय में डेरा समर्थकों ने भाजपा का समर्थन किया था। इसका भाजपा और अकाली दल गठबंधन को फायदा मिला था। हरियाणा के वर्ष 2014 के चुनाव में भी भाजपा की जीत में डेरे का बड़ा योगदान रहा। डेरे से ही भाजपा की जीत की चाबी निकली। खुद गुरमीत राम रहीम ने वोट डालकर अनुयायियों को वोट करने का आह्वान किया था। यही कारण था कि पहली बार हरियाणा में भाजपा अपने बूते पर सत्ता में पांव जमाने में सफल रही।

इसके बाद वर्ष 2019 के चुनाव में बाबा के जेल जाने के बावजूद कई नेता, पूर्व विधायक और उम्मीदवार डेरा के संपर्क में हैं, जिसका उन्हें लाभ भी मिला। राजनीति में अच्छा रुआब होने के कारण राम रहीम की सुरक्षा में उसके निजी सिक्योरिटी गार्ड के साथ-साथ हरियाणा पुलिस के करीब 50 जवान भी तैनात रहते हैं। यही कारण है कि सजा होने के बाद भी सरकार ने डेरामुखी का खास ध्यान रखा और बार-बार गुरमीत को पैरोल दी गई। अब देखना होगा कि राम रहीम की नजर किस राजनीतिक दल पर पड़ने वाली है।