Punjab के खडूर साहिब से निर्दलीय सांसद और खालिस्तान समर्थक अमृतपाल सिंह की राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (NSA) के तहत हिरासत की अवधि को एक साल के लिए और बढ़ा दिया गया है। इससे पहले उनकी डिटेंशन की दो साल की अवधि 23 अप्रैल 2025 को पूरी हो रही थी। ऐसे में अब उन्हें अप्रैल 2026 तक हिरासत में रखा जाएगा।
इससे पहले खबरें थीं कि अमृतपाल को पंजाब लाने की तैयारी की जा रही है, लेकिन पंजाब सरकार ने NSA की अवधि बढ़ाने का फैसला लेते हुए फिलहाल यह योजना स्थगित कर दी है। वर्तमान में अमृतपाल असम की डिब्रूगढ़ जेल में बंद हैं, जहां वह पिछले दो वर्षों से हिरासत में हैं।
NSA के तहत एक और साल की बढ़ोतरी
पंजाब के खडूर साहिब से हाल ही में चुने गए निर्दलीय सांसद और ‘Waris Punjab De’ संगठन के प्रमुख अमृतपाल सिंह की राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (NSA) के तहत हिरासत की अवधि को एक साल और बढ़ा दिया गया है। पहले यह अवधि 23 अप्रैल 2025 को समाप्त होने जा रही थी, लेकिन अब यह अप्रैल 2026 तक बढ़ा दी गई है।
इसका मतलब है कि अमृतपाल को असम की डिब्रूगढ़ जेल से अभी पंजाब नहीं लाया जाएगा।
पंजाब लाने की योजना टली, सुरक्षा एजेंसियों की सिफारिश
प्राप्त जानकारी के अनुसार, पंजाब पुलिस अमृतपाल को NSA की अवधि समाप्त होने पर पंजाब लाने की तैयारी में थी। लेकिन राज्य और केंद्र सरकार की सुरक्षा एजेंसियों के विचार-विमर्श के बाद यह तय किया गया कि उन्हें वहीं डिटेन रखा जाए। पंजाब सरकार के गृह विभाग ने इस पर अंतिम मुहर लगाई।
उल्लेखनीय है कि अमृतपाल पर NSA के अलावा UAPA (गैरकानूनी गतिविधि निरोधक कानून) के तहत भी मामले दर्ज हैं।
जेल से लड़ा चुनाव, बना सांसद
अमृतपाल सिंह ने जेल में रहते हुए लोकसभा चुनाव 2024 में निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर भाग लिया और खडूर साहिब सीट से 4,04,430 वोट हासिल करते हुए 1,97,120 वोटों से जीत दर्ज की। उनके मुख्य प्रतिद्वंदी कांग्रेस के कुलबीर सिंह जीरा थे, जिन्हें 2,07,310 वोट मिले।
इसके बाद, 5 जुलाई 2024 को संसद में शपथ लेने के लिए उन्हें कड़ी सुरक्षा के बीच असम से दिल्ली लाया गया था, जहां शपथ के तुरंत बाद उन्हें फिर से डिब्रूगढ़ जेल वापस भेज दिया गया।
अजनाला कांड: गिरफ्तारी की वजह
23 फरवरी 2023 को अमृतपाल और उसके समर्थकों ने अमृतसर के अजनाला थाने पर धावा बोला था। उनका मकसद अपने साथी लवप्रीत सिंह तूफान की रिहाई कराना था। इस घटना में हथियारबंद समर्थकों ने थाने पर कब्जा कर लिया और गुरु ग्रंथ साहिब जी को आगे रखकर पुलिस पर दबाव बनाया। कई पुलिसकर्मी घायल हुए थे, और इस घटना ने पूरे देश को झकझोर दिया था।
इसके बाद अमृतपाल पर देश विरोधी गतिविधियों का आरोप लगाते हुए उन्हें NSA के तहत गिरफ्तार किया गया।