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Ram Raheem माफी मामले में अकाल तख्त का बड़ा फैसला: सुखबीर बादल को सेवा की सजा, प्रकाश सिंह बादल से सम्मान वापस

पंजाब

डेरा सच्चा सौदा प्रमुख Ram Raheem को माफी देने और केस वापस लेने के 9 साल पुराने मामले में अकाल तख्त ने कड़ा कदम उठाते हुए सोमवार को पूर्व डिप्टी मुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल और अन्य नेताओं को सजा सुनाई। अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार रघबीर सिंह ने यह फैसला सुनाया, जिसमें सुखबीर को श्री हरमंदिर साहिब (गोल्डन टेंपल) में सेवा करने और धार्मिक दुराचार के आरोपों की सजा भुगतने का आदेश दिया गया है।

सुखबीर सिंह बादल को मिली सजा

सुखबीर सिंह बादल को तनखैया घोषित करते हुए 2 दिन तक श्री हरमंदिर साहिब में घंटाघर के बाहर सेवा करनी होगी।

  • सेवा के दौरान नियम:
    • सुखबीर के गले में तख्ती और हाथ में बरछा रहेगा।
    • उन्हें सेवादारों का चोला पहनना होगा।
    • एक-एक घंटे संगत के जूठे बर्तन साफ करना, कीर्तन सुनना और श्री सुखमणि साहिब का पाठ करना होगा।

इसके बाद, सुखबीर को अन्य पवित्र स्थलों (श्री केशगढ़ साहिब, श्री दमदमा साहिब, श्री मुक्तसर साहिब और श्री फतेहगढ़ साहिब) में भी इसी तरह सेवा करनी होगी। पैर में फ्रैक्चर के कारण बाथरूम साफ करने की सजा से उन्हें छूट दी गई है।

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प्रकाश सिंह बादल से सम्मान वापस

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पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री स्वर्गीय प्रकाश सिंह बादल से अकाल तख्त द्वारा दिया गया ‘फक्र-ए-कौम सम्मान’ वापस लेने का भी निर्णय लिया गया। यह कदम उनके कार्यकाल में लिए गए फैसलों के चलते उठाया गया है।

अन्य कैबिनेट मंत्रियों को भी सजा

2015 में बादल कैबिनेट के अन्य मंत्रियों को भी सजा सुनाई गई है:

  • 3 दिसंबर को दोपहर 12 से 1 बजे तक हरमंदिर साहिब के बाथरूम साफ करेंगे।
  • इसके बाद संगत के लिए लंगर तैयार करने और श्री सुखमणि साहिब का पाठ करने का आदेश दिया गया है।
  • इन मंत्रियों को भी सेवा के दौरान तख्ती पहननी होगी।

पृष्ठभूमि

30 जुलाई 2024 को अकाल तख्त ने सुखबीर सिंह बादल को ‘तनखैया’ घोषित किया था। यह फैसला धार्मिक मामलों में की गई लापरवाही और गलत निर्णयों को लेकर लिया गया। राम रहीम को माफी देने के इस मामले ने सिख संगत में गहरी नाराजगी पैदा की थी।

जत्थेदार का बयान

जत्थेदार रघबीर सिंह ने स्पष्ट किया कि यह फैसला सिख मर्यादा और परंपराओं को बनाए रखने के लिए लिया गया है। अकाल तख्त ने इस घटना को सिख धर्म के प्रति बड़ा अनादर करार दिया।

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